Friday , April 19 2024
डॉ. सुमित सिंह श्योराण/राजेश मलकानियां/रोहित कुमार]। पंजाब यूनिवर्सिटी और शहर के कॉलेजों में दाखिले की दौड़ शुरु हो चुकी है। पंसद के कॉलेज और स्ट्रीम में दाखिले के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 23 जून हैं। सीटों के मुकाबले आवेदन की संख्या कई गुणा होने से कम मेरिट वाले स्टूडेंट्स के लिए दिक्कतें खड़ी हो जाएंगी। पीयू और कॉलेजों में दाखिले में सबसे अधिक दिक्कत ट्राईसिटी से पंचकूला और मोहाली के स्कूलों से 12वीं पास करने वाले स्टूडेट्स को होगी। मोहाली और पंचकूला से स्कूल की पढ़ाई पूरी करने पर चंडीगढ़ के कॉलेज और पंजाब यूनिवर्सिटी ही पहली प्राथमिकता रहती है। लेकिन मोहाली और पंचकूला के स्टूडेंट्स को जनरल कोटे के तहत ही दाखिला मिलेगा। जनरल कोटे के तहत पीयू और कॉलेजों में सिर्फ मोहाली और पंचकूला के स्टूडेंट्स के लिए 15 फीसद सीटें ही रिजर्व होती हैं। दैनिक जागरण ने सप्ताह के मुद्दे के तहत कॉलेज और पीयू में दाखिले की दिक्कतों को समझा। चंडीगढ़ से डिग्री तो बेहतर करियर की उम्मीद एनसीसी, एनएसएस व यूथ फेस्ट की वेटेज दिलाएगी दाखिले की मेरिट लिस्ट में जगह यह भी पढ़ें स्कूल लेवल की पढ़ाई के लिए पंचकूला और मोहाली में अच्छे स्कूल हैं। हर साल सीबीएसई 10वीं और 12वीं में यहांं के स्कूलों के स्टूडेंट्स का शानदार रिजल्ट रहता है। 2018 में भी सीबीएसई,नीट और एम्स में पंचकूला के स्टूडेंट्स ही टॉपर रहे हैं। लेकिन, हायर एजुकेशन के लिए मोहाली और पंचूकला में कोई भी उच्च स्तर की यूनिवर्सिटी और कॉलेज नहीं है। जिस कारण यहां के स्टूडेंट्स पंजाब यूनिवर्सिटी और चंडीगढ़ के कॉलेजों में ही दाखिले को तव्वजो देते हैं। जॉब प्लेसमेंट की बात करें तो पीयू के यूबीएस, यूआइईटी, यूआइसीईटी और पेक जैसे संस्थानों से डिग्री के बाद 45 लाख तक सालाना पैकेज स्टूडेंट्स को मिलता है। स्कूलों की दादागीरी, दुकानों की भागीदारी : सेट ही खरीदना होगा, एक किताब या स्टेशनरी नहीं मिलेगी यह भी पढ़ें बीकॉम में दाखिला नहीं है आसान पीयू और शहर के कॉलेजों में बीकॉम में दाखिले के लिए सबसे अधिक मारामारी रहती है। 11 कॉलेजों में बीकॉम की 2300 सीटों के लिए 8 हजार से अधिक आवेदन आते हैं। इन सीटों में सिर्फ 15 फीसद सीटें ही चंडीगढ़ से बाहर के स्टूडेंट्स के लिए होती हैं। मोहाली और पंचकूला के स्कूलों से पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को भी 15 फीसद कोटे में गिना जाता है। बीकॉम में जनरल कोटे के तहत 90 फीसद से अधिक कट ऑफ रहता है। 35 हजार से अधिक आवेदन चंडीगढ़ के 11 प्राइवेट और सरकारी कॉलेजों में विभिन्न कोर्स में दाखिले के लिए 23 जून आवेदन की अंतिम तिथि है। अभी तक 35 हजार से अधिक आवेदन करीब 23 हजार सीटों के लिए आ चुके हैं। शहर के कॉलेजों में प्रोफेशनल ही नहीं बीए जैसे कोर्स में भी दाखिले के लिए खासी मारामारी है। जनरल कोटे के तहत जीसीजी-11 जैसे कॉलेजों में 85 फीसद कट ऑफ रहता है। शहर के प्राइवेट कॉलेजों की बात करें तो एसडी-32 कॉलजे, एमसीएम-36 कालेज,डीएवी कॉलेज-10 और सरकारी कालेजों में जीसी-11, जीसीजी-11,जीसीजी-42,जीसी-46 और सेक्टर-50 स्थित कॉमर्स कॉलेज में दाखिले के लिए खूब मारामारी रहती है। चंडीगढ़ में बेहतर पढ़ाई और इंफ्रास्ट्रक्चर चंडीगढ़ के कॉलेज और यूनिवर्सिटी नार्थ रीजन ही नहीं देशभर के युवाओं की पहली पसंद है। स्मार्ट सिटी के कॉलेजों का बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर है। यहां के सरकारी कॉलेजों में भी देश के अन्य प्राइवेट इंस्टीट्यूट से बेहतर सुविधाएं हैं। प्राइवेट और सरकारी कॉलेजों की फीस लगभग एक समाना है। जबकि चंडीगढ़ के पेरीफेरी में पढऩे वाली यूनिवर्सिटी की फीस पीयू और कालेजों से कई गुणा अधिक है। देश भर की यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में रैंकिंग भी काफी अच्छी है। इन कोर्स के लिए अधिक मारामारी, सीटों से कई गुणा आवेदन वैसे तो पंजाब यूनिवर्सिटी के किसी भी कोर्स में दाखिले के लिए कट ऑफ काफी अधिक रहती है। लेकिन पीयू के कुछ कोर्स के लिए सीटों के मुकाबले कई गुणा अधिक आवेदन आते हैं। पीयू स्थित यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज (यूआईएलएस) में पांच वर्षीय लॉ कोर्स की 240 सीटों के लिए 4034 स्टूडेंट्स ने आवेदन किया है। पीयू एमए इकोनॉमिक्स (इंटिग्रेटेड कोर्स ) पांच वर्षीय, तीन वर्षीय लॉ, एमए इंग्लिश के अलावा बीएससी केमिस्ट्री, एमएससी जूलोजी जैसे कोर्स में दाखिले के लिए सबसे अधिक कंपीटीशन रहता है। इंजीनियरिंग कोर्स के लिए यूआइईटी (640 सीटें), यूआइसीईटी (240सीटें) पहली पसंद हैं। पंचकूला में सिर्फ दो कॉलेज, यूनिवर्सिटी की मांग पंचकूला के युवाओं के लिए हायर एजुकेशन के बहुत अधिक विकल्प नहीं है। जिस कारण उन्हें चंडीगढ़ या दूसरे शहरों में जाना पड़ता है। पंचकूला शहर में सिर्फ दो कॉलेज हैं। जिसमें सेक्टर 1 में पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज (कोएड) और 14 में गर्ल्स महाविद्यालय है। कालका और बरवाला में भी एक गवर्नमेंट कॉलेज है। काफी समय से पंचकूला में यूनिवर्सिटी बनाने को लेकर मांग उठती रही है, लेकिन सरकार की ओर से इस मामले में जमीनी स्तर पर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया। मजबूरी में लेना पड़ता है दाखिला पंजाबी यूनिवर्सिटी नजदीक होने के चलते छात्र सबसे पहले चंडीगढ़ दाखिला लेने की कोशिश करते हैं, परंतु जब वहां सीट नहीं मिलती तो वापस पंचकूला का रुख कर लेते हैं। ज्यादातर छात्र बारहवीं कक्षा चंडीगढ़ से ही करते हैं, ताकि चंडीगढ़ के कॉलेजों में दाखिला मिलना आसान हो जाए। चंडीगढ़ से 12वीं करने वाले स्टूडेंट्स को पीयू और कॉलेजों में 85 फीसद रिजर्वेशन मिलता है। कॉलेजों में आवेदन का अंतिम दिन पंचकूला जिले के चारों कॉलेजों में डिग्री लेवल कोर्स के लिए ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 22 जून की रात 12 बजे तक विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं। स्टूडेंट्स घर बैठे भी ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं, तो वह हरियाणा हायर एजुकेशन की वेबसाइट की मदद से एडमिशन के लिए आवेदन कर सकते हैं। कॉलेजों में एडमिशन एक जुलाई से शुरू हो जाएंगे। जिले के चारों कॉलेजों में बीकॉम की 1040 और बीए की 1320 सीटें है। घर बैठे भी कॉलेजों में एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं। एक जुलाई को पहली लिस्ट जारी होगी। मोहाली के एक मात्र कॉलेज को पीयू से जोडऩे का प्रयास जिला मोहाली में दो सरकारी कॉलेज हैं। एजुकेशन हब के तौर पर उभर रहे मोहाली में कई निजी विश्वविद्यालय और कॉलेज तो हैं, लेकिन अगर सरकारी कॉलेजों की बात की जाए तो डेराबस्सी व मोहाली में सिर्फ एक एक कॉलेज है। मोहाली के स्टूडेंट्स की प्राथमिकता भी चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी और कॉलेज में दाखिला रहता है। चंडीगढ़ में दाखिला नहीं मिलने पर ही स्टूडेंट मोहाली और डेराबस्सी के कॉलेज में दाखिले को प्राथमिकता देते हैं। पीयू से एफिलिएशन की हो रही मांग मोहाली स्थित सरकारी कॉलेजों को पीयू से एफिलिएशन की लंबे समय से मांग की जा रही है। इस संबंध में पंजाब सरकार को भी लिखा जा चुका है। कॉलेज की कुल स्टूडेंट्स की संख्या 1704 है, लेकिन स्टूडेंट्स से लेकर कॉलेज फैकल्टी तक चाहते है कि कॉलेज को पीयू से मान्यता मिल जाए। इसको लेकर मुख्यमंत्री तक को दो माह पहले ज्ञापन तक दिया जा चुका है। कॉलेज में एडमिशन का प्रोसेस पिछले तीन साल से ऑन लाइन ही किया जा रहा है। मोहाली सरकारी कॉलेज में एमए पंजाबी शुरू किया जा रहा है। चंडीगढ़ कॉलेजों के मुकाबले यहां पर स्ट्रीम चुनने (विषय) के लिए स्टूडेंट्स के पास काफी कम विकल्प हैं। इस कारण भी मोहाली के स्टूडेंट्स चंडीगढ़ के कॉलेजों को प्राथमिकता देते हैं। ये होती है स्टूडेंट्स को दिक्कतें कॉलेज प्रबंधन के अनुसार कॉलेज में आने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स ग्रामीण क्षेत्रों से है। उन्हें हर छोटे से छोटे काम के लिए पटियाला जाना पड़ता है। क्योंकि कॉलेज पटियाला यूनिवर्सिटी के साथ अटैच है। कॉलेज पीयू के साथ अटैच न होने के कारण स्टूडेंट्स चंडीगढ़ की ओर ज्यादा रूख करते है। जिसके चलते स्टूडेंट्स की संख्या पर भी असर पड़ता है। इस लिए कॉलेज प्रबंधन चाहता है कि जल्द से जल्द पीयू से मान्यता मिल जाए। क्या कहना है प्रिंसिपल का कॉलेज की प्रिंसिपल कोमल बरोका ने कहा कि मुख्यंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से भरोसा मिला है कि कॉलेज को पीयू से जोड़ दिया जाएगा। हम चाहते है कि ऐसा हो जाएगा। अगर ऐसा हो गया तो चंडीगढ के कॉलेजों से बेहतर कॉलेज साबित होगा। कोमल ने कहा कि पशु पालन मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू को भी कॉलेज के पटियाला यूनिवर्सिटी के साथ अटैच होने के कारण हो रही समस्याओं के बारे में बता दिया गया है। इस लिए प्रबंधन का प्रयास है कि इस साल पीयू से मान्यता मिल जाए।

बेहतर प्लेसमेंट के कारण चंडीगढ़ युवाओं की पहली पसंद,पर एडमिशन की डगर मुश्किल

डॉ. सुमित सिंह श्योराण/राजेश मलकानियां/रोहित कुमार]। पंजाब यूनिवर्सिटी और शहर के कॉलेजों में दाखिले की दौड़ शुरु हो चुकी है। पंसद के कॉलेज और स्ट्रीम में दाखिले के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 23 जून हैं। सीटों के मुकाबले आवेदन की संख्या कई गुणा होने से कम मेरिट वाले स्टूडेंट्स के लिए दिक्कतें खड़ी हो जाएंगी। पीयू और कॉलेजों में दाखिले में सबसे अधिक दिक्कत ट्राईसिटी से पंचकूला और मोहाली के स्कूलों से 12वीं पास करने वाले स्टूडेट्स को होगी।डॉ. सुमित सिंह श्योराण/राजेश मलकानियां/रोहित कुमार]। पंजाब यूनिवर्सिटी और शहर के कॉलेजों में दाखिले की दौड़ शुरु हो चुकी है। पंसद के कॉलेज और स्ट्रीम में दाखिले के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 23 जून हैं। सीटों के मुकाबले आवेदन की संख्या कई गुणा होने से कम मेरिट वाले स्टूडेंट्स के लिए दिक्कतें खड़ी हो जाएंगी। पीयू और कॉलेजों में दाखिले में सबसे अधिक दिक्कत ट्राईसिटी से पंचकूला और मोहाली के स्कूलों से 12वीं पास करने वाले स्टूडेट्स को होगी।  मोहाली और पंचकूला से स्कूल की पढ़ाई पूरी करने पर चंडीगढ़ के कॉलेज और पंजाब यूनिवर्सिटी ही पहली प्राथमिकता रहती है। लेकिन मोहाली और पंचकूला के स्टूडेंट्स को जनरल कोटे के तहत ही दाखिला मिलेगा। जनरल कोटे के तहत पीयू और कॉलेजों में सिर्फ मोहाली और पंचकूला के स्टूडेंट्स के लिए 15 फीसद सीटें ही रिजर्व होती हैं। दैनिक जागरण ने सप्ताह के मुद्दे के तहत कॉलेज और पीयू में दाखिले की दिक्कतों को समझा।  चंडीगढ़ से डिग्री तो बेहतर करियर की उम्मीद   एनसीसी, एनएसएस व यूथ फेस्ट की वेटेज दिलाएगी दाखिले की मेरिट लिस्ट में जगह यह भी पढ़ें स्कूल लेवल की पढ़ाई के लिए पंचकूला और मोहाली में अच्छे स्कूल हैं। हर साल सीबीएसई 10वीं और 12वीं में यहांं के स्कूलों के स्टूडेंट्स का शानदार रिजल्ट रहता है। 2018 में भी सीबीएसई,नीट और एम्स में पंचकूला के स्टूडेंट्स ही टॉपर रहे हैं। लेकिन, हायर एजुकेशन के लिए मोहाली और पंचूकला में कोई भी उच्च स्तर की यूनिवर्सिटी और कॉलेज नहीं है। जिस कारण यहां के स्टूडेंट्स पंजाब यूनिवर्सिटी और चंडीगढ़ के कॉलेजों में ही दाखिले को तव्वजो देते हैं। जॉब प्लेसमेंट की बात करें तो पीयू के यूबीएस, यूआइईटी, यूआइसीईटी और पेक जैसे संस्थानों से डिग्री के बाद 45 लाख तक सालाना पैकेज स्टूडेंट्स को मिलता है।   स्कूलों की दादागीरी, दुकानों की भागीदारी : सेट ही खरीदना होगा, एक किताब या स्टेशनरी नहीं मिलेगी यह भी पढ़ें बीकॉम में दाखिला नहीं है आसान  पीयू और शहर के कॉलेजों में बीकॉम में दाखिले के लिए सबसे अधिक मारामारी रहती है। 11 कॉलेजों में बीकॉम की 2300 सीटों के लिए 8 हजार से अधिक आवेदन आते हैं। इन सीटों में सिर्फ 15 फीसद सीटें ही चंडीगढ़ से बाहर के स्टूडेंट्स के लिए होती हैं। मोहाली और पंचकूला के स्कूलों से पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को भी 15 फीसद कोटे में गिना जाता है। बीकॉम में जनरल कोटे के तहत 90 फीसद से अधिक कट ऑफ रहता है।  35 हजार से अधिक आवेदन  चंडीगढ़ के 11 प्राइवेट और सरकारी कॉलेजों में विभिन्न कोर्स में दाखिले के लिए 23 जून आवेदन की अंतिम तिथि है। अभी तक 35 हजार से अधिक आवेदन करीब 23 हजार सीटों के लिए आ चुके हैं। शहर के कॉलेजों में प्रोफेशनल ही नहीं बीए जैसे कोर्स में भी दाखिले के लिए खासी मारामारी है।  जनरल कोटे के तहत जीसीजी-11 जैसे कॉलेजों में 85 फीसद कट ऑफ रहता है। शहर के प्राइवेट कॉलेजों की बात करें तो एसडी-32 कॉलजे, एमसीएम-36 कालेज,डीएवी कॉलेज-10 और सरकारी कालेजों में जीसी-11, जीसीजी-11,जीसीजी-42,जीसी-46 और सेक्टर-50 स्थित कॉमर्स कॉलेज में दाखिले के लिए खूब मारामारी रहती है।   चंडीगढ़ में बेहतर पढ़ाई और इंफ्रास्ट्रक्चर  चंडीगढ़ के कॉलेज और यूनिवर्सिटी नार्थ रीजन ही नहीं देशभर के युवाओं की पहली पसंद है। स्मार्ट सिटी के कॉलेजों का बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर है। यहां के सरकारी कॉलेजों में भी देश के अन्य प्राइवेट इंस्टीट्यूट से बेहतर सुविधाएं हैं। प्राइवेट और सरकारी कॉलेजों की फीस लगभग एक समाना है। जबकि चंडीगढ़ के पेरीफेरी में पढऩे वाली यूनिवर्सिटी की फीस पीयू और कालेजों से कई गुणा अधिक है। देश भर की यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में रैंकिंग भी काफी अच्छी है।  इन कोर्स के लिए अधिक मारामारी, सीटों से कई गुणा आवेदन   वैसे तो पंजाब यूनिवर्सिटी के किसी भी कोर्स में दाखिले के लिए कट ऑफ काफी अधिक रहती है। लेकिन पीयू के कुछ कोर्स के लिए सीटों के मुकाबले कई गुणा अधिक आवेदन आते हैं। पीयू स्थित यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज (यूआईएलएस) में पांच वर्षीय लॉ कोर्स की 240 सीटों के लिए 4034 स्टूडेंट्स ने आवेदन किया है। पीयू एमए इकोनॉमिक्स (इंटिग्रेटेड कोर्स ) पांच वर्षीय, तीन वर्षीय लॉ, एमए इंग्लिश के अलावा बीएससी केमिस्ट्री, एमएससी जूलोजी जैसे कोर्स में दाखिले के लिए सबसे अधिक कंपीटीशन रहता है। इंजीनियरिंग कोर्स के लिए यूआइईटी (640 सीटें), यूआइसीईटी (240सीटें)  पहली पसंद हैं।  पंचकूला में सिर्फ दो कॉलेज, यूनिवर्सिटी की मांग  पंचकूला के युवाओं के लिए हायर एजुकेशन के बहुत अधिक विकल्प नहीं है। जिस कारण उन्हें चंडीगढ़ या दूसरे शहरों में जाना पड़ता है। पंचकूला शहर में सिर्फ दो कॉलेज हैं। जिसमें सेक्टर 1 में पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज (कोएड) और 14 में गर्ल्स महाविद्यालय है। कालका और बरवाला में भी एक गवर्नमेंट कॉलेज है। काफी समय से पंचकूला में यूनिवर्सिटी बनाने को लेकर मांग उठती रही है, लेकिन सरकार की ओर से इस मामले में जमीनी स्तर पर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया।    मजबूरी में लेना पड़ता है दाखिला  पंजाबी यूनिवर्सिटी नजदीक होने के चलते छात्र सबसे पहले चंडीगढ़ दाखिला लेने की कोशिश करते हैं, परंतु जब वहां सीट नहीं मिलती तो वापस पंचकूला का रुख कर लेते हैं। ज्यादातर छात्र बारहवीं कक्षा चंडीगढ़ से ही करते हैं, ताकि चंडीगढ़ के कॉलेजों में दाखिला मिलना आसान हो जाए। चंडीगढ़ से 12वीं करने वाले स्टूडेंट्स को पीयू और कॉलेजों में 85 फीसद रिजर्वेशन मिलता है।  कॉलेजों में आवेदन का अंतिम दिन  पंचकूला जिले के चारों कॉलेजों में डिग्री लेवल कोर्स के लिए ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 22 जून की रात 12 बजे तक विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं।  स्टूडेंट्स घर बैठे भी ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं, तो वह हरियाणा हायर एजुकेशन की वेबसाइट की मदद से एडमिशन के लिए आवेदन कर सकते हैं। कॉलेजों में एडमिशन एक जुलाई से शुरू हो जाएंगे। जिले के चारों कॉलेजों में बीकॉम की 1040 और बीए की 1320 सीटें है। घर बैठे भी कॉलेजों में एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं। एक जुलाई को पहली लिस्ट जारी होगी।  मोहाली के एक मात्र कॉलेज को पीयू से जोडऩे का प्रयास  जिला मोहाली में दो सरकारी कॉलेज हैं। एजुकेशन हब के तौर पर उभर रहे मोहाली में कई निजी विश्वविद्यालय और कॉलेज तो हैं, लेकिन अगर सरकारी कॉलेजों की बात की जाए तो डेराबस्सी व मोहाली में सिर्फ एक एक कॉलेज है। मोहाली के स्टूडेंट्स की प्राथमिकता भी चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी और कॉलेज में दाखिला रहता है। चंडीगढ़ में दाखिला नहीं मिलने पर ही स्टूडेंट मोहाली और डेराबस्सी के कॉलेज में दाखिले को प्राथमिकता देते हैं।  पीयू से एफिलिएशन की हो रही मांग  मोहाली स्थित सरकारी कॉलेजों को पीयू से एफिलिएशन की लंबे समय से मांग की जा रही है। इस संबंध में पंजाब सरकार को भी लिखा जा चुका है। कॉलेज की कुल स्टूडेंट्स की संख्या 1704 है, लेकिन स्टूडेंट्स से लेकर कॉलेज फैकल्टी तक चाहते है कि कॉलेज को पीयू से मान्यता मिल जाए। इसको लेकर मुख्यमंत्री तक को दो माह पहले ज्ञापन तक दिया जा चुका है।  कॉलेज में एडमिशन का प्रोसेस पिछले तीन साल से ऑन लाइन ही किया जा रहा है। मोहाली सरकारी कॉलेज में एमए पंजाबी शुरू किया जा रहा है। चंडीगढ़ कॉलेजों के मुकाबले यहां पर स्ट्रीम चुनने (विषय) के लिए स्टूडेंट्स के पास काफी कम विकल्प हैं। इस कारण भी मोहाली के स्टूडेंट्स चंडीगढ़ के कॉलेजों को प्राथमिकता देते हैं।   ये होती है स्टूडेंट्स को दिक्कतें  कॉलेज प्रबंधन के अनुसार कॉलेज में आने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स ग्रामीण क्षेत्रों से है। उन्हें हर छोटे से छोटे काम के लिए पटियाला जाना पड़ता है। क्योंकि कॉलेज पटियाला यूनिवर्सिटी के साथ अटैच है। कॉलेज पीयू के साथ अटैच न होने के कारण स्टूडेंट्स चंडीगढ़ की ओर ज्यादा रूख करते है। जिसके चलते स्टूडेंट्स की संख्या पर भी असर पड़ता है। इस लिए कॉलेज प्रबंधन चाहता है कि जल्द से जल्द पीयू से मान्यता मिल जाए।  क्या कहना है प्रिंसिपल का  कॉलेज की प्रिंसिपल कोमल बरोका ने कहा कि मुख्यंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से भरोसा मिला है कि कॉलेज को पीयू से जोड़ दिया जाएगा। हम चाहते है कि ऐसा हो जाएगा। अगर ऐसा हो गया तो चंडीगढ के कॉलेजों से बेहतर कॉलेज साबित होगा। कोमल ने कहा कि पशु पालन मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू को भी कॉलेज के पटियाला यूनिवर्सिटी के साथ अटैच होने के कारण हो रही समस्याओं के  बारे में बता दिया गया है। इस लिए प्रबंधन का प्रयास है कि इस साल पीयू से मान्यता मिल जाए।

मोहाली और पंचकूला से स्कूल की पढ़ाई पूरी करने पर चंडीगढ़ के कॉलेज और पंजाब यूनिवर्सिटी ही पहली प्राथमिकता रहती है। लेकिन मोहाली और पंचकूला के स्टूडेंट्स को जनरल कोटे के तहत ही दाखिला मिलेगा। जनरल कोटे के तहत पीयू और कॉलेजों में सिर्फ मोहाली और पंचकूला के स्टूडेंट्स के लिए 15 फीसद सीटें ही रिजर्व होती हैं। दैनिक जागरण ने सप्ताह के मुद्दे के तहत कॉलेज और पीयू में दाखिले की दिक्कतों को समझा।

चंडीगढ़ से डिग्री तो बेहतर करियर की उम्मीद

स्कूल लेवल की पढ़ाई के लिए पंचकूला और मोहाली में अच्छे स्कूल हैं। हर साल सीबीएसई 10वीं और 12वीं में यहांं के स्कूलों के स्टूडेंट्स का शानदार रिजल्ट रहता है। 2018 में भी सीबीएसई,नीट और एम्स में पंचकूला के स्टूडेंट्स ही टॉपर रहे हैं। लेकिन, हायर एजुकेशन के लिए मोहाली और पंचूकला में कोई भी उच्च स्तर की यूनिवर्सिटी और कॉलेज नहीं है। जिस कारण यहां के स्टूडेंट्स पंजाब यूनिवर्सिटी और चंडीगढ़ के कॉलेजों में ही दाखिले को तव्वजो देते हैं। जॉब प्लेसमेंट की बात करें तो पीयू के यूबीएस, यूआइईटी, यूआइसीईटी और पेक जैसे संस्थानों से डिग्री के बाद 45 लाख तक सालाना पैकेज स्टूडेंट्स को मिलता है।

बीकॉम में दाखिला नहीं है आसान

पीयू और शहर के कॉलेजों में बीकॉम में दाखिले के लिए सबसे अधिक मारामारी रहती है। 11 कॉलेजों में बीकॉम की 2300 सीटों के लिए 8 हजार से अधिक आवेदन आते हैं। इन सीटों में सिर्फ 15 फीसद सीटें ही चंडीगढ़ से बाहर के स्टूडेंट्स के लिए होती हैं। मोहाली और पंचकूला के स्कूलों से पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को भी 15 फीसद कोटे में गिना जाता है। बीकॉम में जनरल कोटे के तहत 90 फीसद से अधिक कट ऑफ रहता है।

35 हजार से अधिक आवेदन

चंडीगढ़ के 11 प्राइवेट और सरकारी कॉलेजों में विभिन्न कोर्स में दाखिले के लिए 23 जून आवेदन की अंतिम तिथि है। अभी तक 35 हजार से अधिक आवेदन करीब 23 हजार सीटों के लिए आ चुके हैं। शहर के कॉलेजों में प्रोफेशनल ही नहीं बीए जैसे कोर्स में भी दाखिले के लिए खासी मारामारी है।

जनरल कोटे के तहत जीसीजी-11 जैसे कॉलेजों में 85 फीसद कट ऑफ रहता है। शहर के प्राइवेट कॉलेजों की बात करें तो एसडी-32 कॉलजे, एमसीएम-36 कालेज,डीएवी कॉलेज-10 और सरकारी कालेजों में जीसी-11, जीसीजी-11,जीसीजी-42,जीसी-46 और सेक्टर-50 स्थित कॉमर्स कॉलेज में दाखिले के लिए खूब मारामारी रहती है। 

चंडीगढ़ में बेहतर पढ़ाई और इंफ्रास्ट्रक्चर

चंडीगढ़ के कॉलेज और यूनिवर्सिटी नार्थ रीजन ही नहीं देशभर के युवाओं की पहली पसंद है। स्मार्ट सिटी के कॉलेजों का बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर है। यहां के सरकारी कॉलेजों में भी देश के अन्य प्राइवेट इंस्टीट्यूट से बेहतर सुविधाएं हैं। प्राइवेट और सरकारी कॉलेजों की फीस लगभग एक समाना है। जबकि चंडीगढ़ के पेरीफेरी में पढऩे वाली यूनिवर्सिटी की फीस पीयू और कालेजों से कई गुणा अधिक है। देश भर की यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में रैंकिंग भी काफी अच्छी है।

इन कोर्स के लिए अधिक मारामारी, सीटों से कई गुणा आवेदन 

वैसे तो पंजाब यूनिवर्सिटी के किसी भी कोर्स में दाखिले के लिए कट ऑफ काफी अधिक रहती है। लेकिन पीयू के कुछ कोर्स के लिए सीटों के मुकाबले कई गुणा अधिक आवेदन आते हैं। पीयू स्थित यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडीज (यूआईएलएस) में पांच वर्षीय लॉ कोर्स की 240 सीटों के लिए 4034 स्टूडेंट्स ने आवेदन किया है। पीयू एमए इकोनॉमिक्स (इंटिग्रेटेड कोर्स ) पांच वर्षीय, तीन वर्षीय लॉ, एमए इंग्लिश के अलावा बीएससी केमिस्ट्री, एमएससी जूलोजी जैसे कोर्स में दाखिले के लिए सबसे अधिक कंपीटीशन रहता है। इंजीनियरिंग कोर्स के लिए यूआइईटी (640 सीटें), यूआइसीईटी (240सीटें)  पहली पसंद हैं।

पंचकूला में सिर्फ दो कॉलेज, यूनिवर्सिटी की मांग

पंचकूला के युवाओं के लिए हायर एजुकेशन के बहुत अधिक विकल्प नहीं है। जिस कारण उन्हें चंडीगढ़ या दूसरे शहरों में जाना पड़ता है। पंचकूला शहर में सिर्फ दो कॉलेज हैं। जिसमें सेक्टर 1 में पोस्ट ग्रेजुएट गवर्नमेंट कॉलेज (कोएड) और 14 में गर्ल्स महाविद्यालय है। कालका और बरवाला में भी एक गवर्नमेंट कॉलेज है। काफी समय से पंचकूला में यूनिवर्सिटी बनाने को लेकर मांग उठती रही है, लेकिन सरकार की ओर से इस मामले में जमीनी स्तर पर अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया।

मजबूरी में लेना पड़ता है दाखिला

पंजाबी यूनिवर्सिटी नजदीक होने के चलते छात्र सबसे पहले चंडीगढ़ दाखिला लेने की कोशिश करते हैं, परंतु जब वहां सीट नहीं मिलती तो वापस पंचकूला का रुख कर लेते हैं। ज्यादातर छात्र बारहवीं कक्षा चंडीगढ़ से ही करते हैं, ताकि चंडीगढ़ के कॉलेजों में दाखिला मिलना आसान हो जाए। चंडीगढ़ से 12वीं करने वाले स्टूडेंट्स को पीयू और कॉलेजों में 85 फीसद रिजर्वेशन मिलता है।

कॉलेजों में आवेदन का अंतिम दिन

पंचकूला जिले के चारों कॉलेजों में डिग्री लेवल कोर्स के लिए ऑनलाइन एडमिशन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 22 जून की रात 12 बजे तक विद्यार्थी आवेदन कर सकते हैं।  स्टूडेंट्स घर बैठे भी ऑनलाइन आवेदन करना चाहते हैं, तो वह हरियाणा हायर एजुकेशन की वेबसाइट की मदद से एडमिशन के लिए आवेदन कर सकते हैं। कॉलेजों में एडमिशन एक जुलाई से शुरू हो जाएंगे। जिले के चारों कॉलेजों में बीकॉम की 1040 और बीए की 1320 सीटें है। घर बैठे भी कॉलेजों में एडमिशन के लिए ऑनलाइन आवेदन दे सकते हैं। एक जुलाई को पहली लिस्ट जारी होगी।

मोहाली के एक मात्र कॉलेज को पीयू से जोडऩे का प्रयास

जिला मोहाली में दो सरकारी कॉलेज हैं। एजुकेशन हब के तौर पर उभर रहे मोहाली में कई निजी विश्वविद्यालय और कॉलेज तो हैं, लेकिन अगर सरकारी कॉलेजों की बात की जाए तो डेराबस्सी व मोहाली में सिर्फ एक एक कॉलेज है। मोहाली के स्टूडेंट्स की प्राथमिकता भी चंडीगढ़ स्थित पंजाब यूनिवर्सिटी और कॉलेज में दाखिला रहता है। चंडीगढ़ में दाखिला नहीं मिलने पर ही स्टूडेंट मोहाली और डेराबस्सी के कॉलेज में दाखिले को प्राथमिकता देते हैं।

पीयू से एफिलिएशन की हो रही मांग

मोहाली स्थित सरकारी कॉलेजों को पीयू से एफिलिएशन की लंबे समय से मांग की जा रही है। इस संबंध में पंजाब सरकार को भी लिखा जा चुका है। कॉलेज की कुल स्टूडेंट्स की संख्या 1704 है, लेकिन स्टूडेंट्स से लेकर कॉलेज फैकल्टी तक चाहते है कि कॉलेज को पीयू से मान्यता मिल जाए। इसको लेकर मुख्यमंत्री तक को दो माह पहले ज्ञापन तक दिया जा चुका है।

कॉलेज में एडमिशन का प्रोसेस पिछले तीन साल से ऑन लाइन ही किया जा रहा है। मोहाली सरकारी कॉलेज में एमए पंजाबी शुरू किया जा रहा है। चंडीगढ़ कॉलेजों के मुकाबले यहां पर स्ट्रीम चुनने (विषय) के लिए स्टूडेंट्स के पास काफी कम विकल्प हैं। इस कारण भी मोहाली के स्टूडेंट्स चंडीगढ़ के कॉलेजों को प्राथमिकता देते हैं। 

ये होती है स्टूडेंट्स को दिक्कतें

कॉलेज प्रबंधन के अनुसार कॉलेज में आने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स ग्रामीण क्षेत्रों से है। उन्हें हर छोटे से छोटे काम के लिए पटियाला जाना पड़ता है। क्योंकि कॉलेज पटियाला यूनिवर्सिटी के साथ अटैच है। कॉलेज पीयू के साथ अटैच न होने के कारण स्टूडेंट्स चंडीगढ़ की ओर ज्यादा रूख करते है। जिसके चलते स्टूडेंट्स की संख्या पर भी असर पड़ता है। इस लिए कॉलेज प्रबंधन चाहता है कि जल्द से जल्द पीयू से मान्यता मिल जाए।

क्या कहना है प्रिंसिपल का

कॉलेज की प्रिंसिपल कोमल बरोका ने कहा कि मुख्यंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से भरोसा मिला है कि कॉलेज को पीयू से जोड़ दिया जाएगा। हम चाहते है कि ऐसा हो जाएगा। अगर ऐसा हो गया तो चंडीगढ के कॉलेजों से बेहतर कॉलेज साबित होगा। कोमल ने कहा कि पशु पालन मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू को भी कॉलेज के पटियाला यूनिवर्सिटी के साथ अटैच होने के कारण हो रही समस्याओं के  बारे में बता दिया गया है। इस लिए प्रबंधन का प्रयास है कि इस साल पीयू से मान्यता मिल जाए।

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