Saturday , April 20 2024

मेनलाइन का सिग्नल और लूप लाइन में पहुंच गई फरक्का, 100 की रफ्तार में हुई डिरेल

मालदा टाउन-नई दिल्ली एक्सप्रेस हादसा न सिर्फ लोगों को जख्म दे गई, बल्कि रेल विभाग की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर गई है। पहले जनता एक्सप्रेस और अब न्यू फरक्का एक्सप्रेस ने लोगों की जानें लीं। इसे लापरवाही कहा जाय या फिर तकनीकी चूक, लेकिन उन पीड़ितों पर मरहम कौन लगाएगा, जिन्होंने अपनों को खो दिया है।

सवाल ये उठ रहा है कि आखिर न्यू फरक्का एक्सप्रेस को मेन लाइन का सिग्नल दिया तो वह लूप लाइन में पहुंचकर कैसे दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इसका जवाब किसी अधिकारी के पास नहीं है। रेल विभाग का अधिकारी चाहे छोटा हो या फिर बड़ा। सब एक ही बात कह रहे हैं कि जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

23 डिब्बों वाली न्यू फरक्का एक्सप्रेस का रायबरेली रेलवे स्टेशन से छूटने के बाद लखनऊ जंक्शन में स्टापेज था। रेलवे सूत्रों का कहना है कि हरचंदपुर रेलवे स्टेशन पर मेन लाइन का सिग्नल दे दिया गया, लेकिन ट्रेन लूप लाइन में पहुंच गई। सवाल उठ रहा है कि मेन ट्रैक से लूप लाइन के प्वाइंट में गड़बड़ी थी या फिर अधिकारियों ने मेन लाइन का सिग्नल देने के बाद लूप लाइन का प्वाइंट नहीं जोड़ा।

दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन

दुर्घटनाग्रस्त ट्रेन
यही लापरवाही यात्रियों को भारी पड़ गई। ट्रेन मेन लाइन से लखनऊ जाने के बजाय लूप लाइन में जाकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। हादसे के बाद कई अधिकारी आए, लेकिन किसी ने हादसे का कारण नहीं बताया। इतना जरूर है कि सहायक स्टेशन मास्टर आशीष कुमार को निलंबित करके यह मैसेज देने का प्रयास जरूर किया है कि कहीं न कहीं एसएम की ही लापरवाही है।

हादसे के बाद चाहे रेलवे के चेयरमैन अश्विनी लोहानी रहें हो या फिर डीआरएम सतीश कुमार, एडीआरएम काजी मेराज समेत अन्य अधिकारी। सभी ने एक ही स्वर में कहा कि हादसे के लिए जो भी अधिकारी व कर्मचारी जिम्मेदार होगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। न्यू फरक्का एक्सप्रेस संख्या 14003 के 23 डिब्बों में 15 स्लीपर, तीन जनरल, दो एसएलआर और तीन एसी कोच थे। 

उस समय ट्रेन की रफ्तार 100 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार पार बताई जा रही है। हादसे में नौ कोच डैमेज हुए और करोड़ों रुपये का नुकसान। गनीमत रही कि जिस तरह घटनास्थल का मंजर दिखा और राहत कार्य में तेजी, उससे कई लोगों की जान बचाई जा सकी।

ट्रेन का इंजन हटाती क्रेन
रेल सूत्रों का कहना है कि नौ कोचों के साथ सिग्नल यूनिट और ट्रैक को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है। एक कोच की कीमत कम से कम 50 लाख और इंजन की लागत तीन करोड़ रुपये से ज्यादा है। क्षतिग्रस्त डिब्बों में हादसे के दौरान 500 से ज्यादा यात्रियों का होना बताया जा रहा है।
ट्रैक ठीक करते रेलवे कर्मचारी
पांचों मृतकों का हुआ पोस्टमार्टम, सुबह घर ले जाएंगे शव 
ट्रेन हादसे में मरे सभी पांच लोगों के शवों का पोस्टमार्टम हो गया। पोस्टमार्टम के बाद शवों को पुलिस की सुपुर्दुगी में दे दिया गया। गुरुवार की सुबह शवों को वाहनों को मृतकों के घर पर ले जाएंगे। साथ में पुलिस कर्मियों को भेजा जाएगा। सीएमओ डॉ. डीके सिंह ने बताया कि शवों का पोस्टमार्टम करा दिया गया है। सुबह शवों को उनके घरों पर भेजे जाएंगे।

मनोज सिन्हा ने ट्रॉमा सेंटर पहुंचकर घायल यात्रियों का लिया हालचाल  

घायलों का हालचाल लेते रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा
रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा हरचंदपुर रेल हादसे के घायल यात्रियों का हालचाल लेने बुधवार शाम करीब सात बजे केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। उन्होंने रेल हादसे में आतंकी या अन्य किसी तरह की साजिश से इंकार किया। उन्होंने कहा कि प्रथमदृष्टया तकनीकी लापरवाही सामने आई है। जांच रिपोर्ट के बाद जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। रेलवे अधिकारी और कर्मचारी राहत कार्य में जुटे हैं। ट्रैक को दुरुस्त किया जा रहा है।
E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com