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लश्कर-ए-तैयबा के पैसे से मस्जिद निर्माण का शक, एनआईए रख रही है इन पर नजर

रर फंडिंग में एनआईए की ओर से मोहम्मद सलमान की गिरफ्तारी के बाद चर्चा में आई पलवल जिले के उटावड गांव की मरकजी मस्जिद के निर्माण के बाद अब नूंह जिले सहित मेवात इलाके की उन सभी मजिस्दों पर नजर रखी जाने लगी है, जिनका निर्माण पिछले चार साल के अंदर हुआ या फिलहाल चल रहा है। 

एनआईए के अलावा गुप्तचर विभाग व स्थानीय पुलिस प्रशासन भी सक्रिय हो गया है, हालांकि कोई कुछ बताने से इनकार कर रहा है। सूत्रों के अनुसार मस्जिदों के निर्माण में सक्रिय उन लोगों की भी जांच की जा रही है, जो हर महीने या दो माह में विदेशी दौरों पर जा रहे हैं। गुप्तचर विभाग व पुलिस ने उनके पासटपोर्ट की जांच शुरू कर दी है।

उटावड निवासी सलमान को एनआईए ने दिल्ली में गिरफ्तार किया था। उसकी गिरफ्तारी के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को जानकारी मिली कि उटावड की मरकजी मस्जिद के निर्माण में टेरर फंडिंग का पैसा लगाया जा रहा है। इसमें पाकिस्तान में हाफिज सईद के नेतृत्व वाले लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का पैसा लगाया जा रहा है।

एजेंसी की टीम ने उटावड मस्जिद का रिकार्ड खंगाला था। हालांकि वहां के लोगों का कहना था कि इस मस्जिद में लोगों द्वारा दिए गए दान का पैसा लगाया जा रहा है और मस्जिद के रिकार्ड में भी यही दर्शाया गया था। इसके बाद भी मरकजी मस्जिद पर जांच एजेंसी की पूरी निगाह है।

उटावड व आसपास के क्षेत्र में बने पासपोर्ट की भी जांच होगी

सूत्र बताते हैं कि गुप्तचर विभाग की टीम तथा जांच एजेंसी ने मेवात की उन मस्जिदों की जांच शुरू कर दी है, जिनका निर्माण पिछले चार-पांच सालों में हुआ है तथा आज भी चल रहा है। इस बात की जांच की जा रही है कि इनके निर्माण में लगने वाला पैसा कहां से आ रहा है। इसके अलावा मस्जिद निर्माण में जुटे हुए उन लोगों की भी जांच की जा रही है जो महीने-दो महीने में किसी न किसी काम के बहाने विदेश जा रहे हैं।

इस प्रकरण के बाद एनआईए ने पलवल जिले के उटावड व आसपास के क्षेत्र में पिछले दो साल में कितने पासपोर्ट बनाए गए हैं, उनकी जांच शुरू कर दी है। उटावड क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बहीन थाना पुलिस की माने तो 2017 में 774 व 2018 में अब तक 510 पासपोर्ट बन चुके हैं। 

सूत्रों के अनुसार गुप्तचर व जांच एजेंसी इन पासपोर्ट की पुलिस की ओर से की गई जांच की जानकारी और नंबर पासपोर्ट विभाग से ले रही है, ताकि पता चल पाए कि इन लोगों में से कितने लोग कितनी-बार विदेशी दौरे पर गए तथा कितने ऐसे हैं जो महीने व दो महीने में विदेश जा रहे हैं। 

पुलिस कप्तान वसीम अकरम का कहना है कि ऐसी कोई जानकारी उनके संज्ञान में नहीं है कि पासपोर्ट की भी जांच की जा रही है। उनकी जानकारी में इस बारे में कोई मामला नहीं आया है और न ही मस्जिदों की जांच की बात संज्ञान में आई है।

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