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साइबर क्राइम को रोकने के लिए दुनिया भर में मंथन शुरू हो गया है तो देश की अर्थव्यवस्था को भी हैकरों की नजर से बचाने का खाका तैयार हो रहा है

देश के साथ विदेश में भी ई-मेल, सोशल नेटवर्किंग साइट्स, इंटरनेट, कंप्यूटर, ऑनलाइन शॉपिंग के साथ बैंक खाते आए दिन हैकरों का शिकार हो रहे हैं। इसके साथ ही सेना की कंप्यूटरीकृत ऑपरेटिंग मशीनों समेत अन्य सरकारी सिस्टम पर भी साइबर हमलों का खतरा मंडराने लगा है।

इस साइबर क्राइम को रोकने के लिए दुनिया भर में मंथन शुरू हो गया है तो देश की अर्थव्यवस्था को भी हैकरों की नजर से बचाने का खाका तैयार हो रहा है। इसी कड़ी में भारत के स्टॉक मार्केट को ‘साइबर अटैक’ से बचाने के लिए आइआइटी कानपुर से मदद मांगी गई है। जल्द ही दोनों संस्थानों के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

आइटी एक्सपर्ट तलाश चुके संभावनाएं

आइआइटी के कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियङ्क्षरग विभाग के साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट मुंबई स्टॉक एक्सचेंज का निरीक्षण कर चुके हैं। वहां के आइटी विशेषज्ञ भी संस्थान में अत्याधुनिक साइबर सिक्योरिटी लैब का अवलोकन कर चुके हैं।

क्या कर सकते साइबर अपराधी

साइबर अपराधी स्टॉक मार्केट की सारी डिटेल पलक झपकते ही गायब कर सकते हैं। महत्वपूर्ण सूचनाएं विदेशों तक पहुंचा सकते हैं। एक बार में निवेशकों को करारी चोट पहुंचा सकते हैं।

‘रैंसम’ की करते मांग

कई बार स्टॉक मार्केट से जुड़े लोग लॉगइन करने में चूक कर जाते हैं, जिससे मॉलवेयर सीधे सर्वर तक पहुंच जाता है। सबसे खतरनाक रैंसम मॉलवेयर है, जो सिस्टम को हैक कर लेता है। सिस्टम को छोडऩे के एवज में हैकर मोटी रकम (रैंसम) मांगते हैं।

आइआइटी तैयार कर रहा टेस्टिंग टूल

आइआइटी टेस्टिंग टूल तैयार कर रहा है। इसमें कोई भी कंपनी या संस्थान अपने सॉफ्टवेयर की जांच 10 से 20 मिनट में करा सकेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक कंपनी को टेस्टिंग पोर्टल पर सॉफ्टवेयर अपलोड करना होगा। साइबर एक्सपर्ट टूल की सहायता से सॉफ्टवेयर की जांच कर लेंगे।

तैयार है साइबर सुरक्षा का खाका

विभागाध्यक्ष, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियङ्क्षरग, आइआइटी, प्रोफेसर संदीप शुक्ला ने बताया कि आइआइटी और मुंबई स्टॉक एक्सचेंज के साथ जल्द ही करार होगा। उनके अधिकारी संस्थान का निरीक्षण कर चुके हैं। साइबर सुरक्षा का खाका तैयार किया जा रहा है। 

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