पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के चीफ प्रिंसिपल सेक्रेटरी सुरेश कुमार को पूर्व कैबिनेट मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने सीधे धमकी दे दी। प्री-बजट बैठक में राणा ने आरोप लगाया कि सुरेश कुमार की वजह से उनका मंत्री पद छिन गया। उन्होंने कहा कि जब उनका समय आएगा तो देख लेंगे। राणा जब बोल रहे थे तो कैप्टन अमरिंदर सिंह और कांग्रेस के प्रदेश प्रधान सुनील जाखड़ भी मौजूद थे।
सीएम की मौजूदगी में सुनाई खरी-खरी, कहा- सुरेश कुमार के कारण छिना मेरा मंत्री पद
बैठक के दौरान राणा गुरजीत और सुरेश कुमार आमने-सामने भी आ गए। एक विधायक ने कर्ज माफी का मुद्दा उठाया। उसने आरोप लगाया कि कर्ज माफी का ज्यादा लाभ शिरोमणि अकाली दल से जुड़े हुए लोगों को हुआ। इस में राणा गुरजीत भी कूद पड़े। उन्होंने कहा कि ऐसे किसानों का भी कर्ज माफ हुआ जोकि सर्टिफिकेट लेने ही नहीं पहुंचे। इस पर सुरेश कुमार ने जवाब दिया कि कर्ज माफी की लिस्ट पहले ही हलके में भेज दी जाती है। राणा ने सवाल खड़ा कर दिया कि किसे-किसे लिस्ट भेजी जाती है? सुरेश कुमार ने भी सपाट सा जवाब दिया और कहा कि सभी को भेजी जाती है।
कपूरथला सीट से विधायक राणा गुरजीत सिंह मांगों को लेकर भी काफी आक्रामक रहे। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्रीय प्रोजेक्टों को लेकर हमेशा ही दोआबा को नजरंदाज किया जाता है। न तो दोआबा को कोई मेडिकल कॉलेज दिया गया, न ही कोई टेक्निकल कॉलेज। सरकार को हमेशा या तो माझा की चिंता रहती है या फिर मालवा की।
उन्होंने कहा कि पंजाब में एससी आबादी में 37 फीसद दोआबा से है लेकिन इस अनुपात में न तो सेहत सुविधा मिलती है और न ही एससी वर्ग को कल्याण योजनाओं में फायदा होता है। इतना ही नहीं, दोआबा में 17 से 18 फीसद जमीन है, लेकिन पानी केवल 7.50 फीसद जमीन को मिल रहा है। उल्लेखनीय है कि राणा गुरजीत को ऊर्जा मंत्री बनाया गया था लेकिन खनन ठेकों की नीलामी में अनियमितता के आरोप लगने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
बैठक में गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व को लेकर जालंधर से सुल्तानपुर लोधी तक की सड़कों का मुद्दा भी प्रमुखता से उठा। विधायकों ने कहा कि इन सड़कों को दुरुस्त करना चाहिए ताकि आने वाले श्रद्धालुओं को कोई दिक्कत न हो।
बैठक में कई विधायकों ने विकास कार्यों का मुद्दा उठाया। जालंधर कैंट के विधायक परगट सिंह ने कहा कि नगर निगमों में भ्रष्टाचार नहीं रुक रहा है। जालंधर में 200 करोड़ रुपये की जमीनों पर लोगों ने अवैध कब्जे किए हुए हैं। एक तरफ सरकार के पास पैसे नहीं हैं दूसरी तरफ सरकारी जमीन पर कब्जा है। उल्लेखनीय है कि नगर निगम निकाय विभाग के तहत आता है। स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू हैैं जिनसे परगट के बहुत अच्छे संबंध हैैं।