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सुसाइड नोट में पत्नी, बेटी को लेकर लिखी बड़ी बात, फिर गोली मार ली

सोमवार को इंदौर के वैभव नगर में रहने वाले राजपूत समाज से जुड़े धर्मेद्र सिंह राठौर नाम के शख्स ने खुद को गोली मार ली। गंभीर हालत में इलाज के लिए अस्पताल ले गए, जहां उसकी मौत हो गई। धर्मेंद्र ने अपने घर में खुद को कनपटी के नीचे गोली मारी। मौके से मिले सुसाइड नोट में पारिवारिक विवाद की वजह से खुदकुशी की बात सामने आ रही है। व्यवसायी ने अपनी मौत के लिए शैलेंद्र नाम के शख्स को जिम्मेदार ठहराया है।

व्यवसायी ने अपने सुसाइड नोट में ये लिखा

व्यवसायी ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि, “मैं धर्मेंद्र सिंह राठौर खुद को गोली मार रहा हूं, जिसका एक ही कारण है, शैलेंद्र परिहार। शैलेंद्र की मां, उसके पापा, मेरी पत्नी बबीता, बड़ी बेटी अंकिता, छोटी बेटी विनिता ही मेरी मौत के जिम्मेदार हैं। मुझे शैलेंद्र बिल्कुल पसंद नहीं है। उसके बावजूद पत्नी बबीता और बेटी अंकिता ने जिद करके उससे शादी कर ली। जबकि उसका चरित्र ठीक नहीं था। उस पर पहले से ही परदेशीपुरा थाने में एक लड़की ने एफआईआर कराई थी। लेकिन मैं पत्नी, बेटी अंकिता और शैलेंद्र के परिवार की जिद और परिवार की इज्जत के खातिर हार गया और बड़ी धूमधाम से बेटी अंकिता की सगाई 16 अक्टूबर को की।”

शादी भी फरवरी में तय की गई। लेकिन आर्थिक हालात ठीक नहीं होने की वजह से मैंने पत्नी, बेटियों के अलावा शैलेंद्र के परिवार को शादी आगे बढ़ाने का कहा। पर मेरी बात किसी ने नहीं सुनी और कहा कि, चाहो तो मर जाओ, लेकिन शादी तो अभी ही होगी। कल शाम को मैं एक पार्टी में जा रहा था, तभी शैलेंद्र का फोन आया और उसने कहा कि शादी अभी ही होगी। इस पर मेरी उससे बहस हो गई। इसके बाद उसने मेरी पत्नी और बेटियों को कहा कि, तुम वो घर छोड़ दो, मैं सब देख लूंगा। इसके बाद से ही मेरी पत्नी और दोनों बेटियां घर से चली गईं हैं। मेरी इज्जत को इन लोगों ने तार-तार कर दिया। इससे जुड़ा एक ऑडियो भी मैं आपको भेज रहा हूं।

“सर मैंने शादी के लिए सयाजी में साढ़े 12 लाख रुपए भर दिए थे और बेटी अंकिता के लिए फोर्ड एंडेवर कार खरीदकर शोरूम पर भी रख दी थी। मैंने समझाने की काफी कोशिश की, लेकिन मुझे इन लोगों ने तिल-तिल मरने पर मजबूर कर दिया।”

मैंने अपने परिवार को बहुत खुशियों से पाला था। दुनिया की हर चीज उन्हें दी थी, लेकिन जब से शैलेंद्र के परिवार की एंट्री हुई, सब बिखर गया। मैं अपनी दोनों बेटियों को आईपीएस बनाना चाहता था। छोटी बेटी को तो दिल्ली में तो बड़ी को इंदौर में कोचिंग भी कराई। इन सबको धूप, पानी और सर्दी न लगे, इसलिए गाड़ी भी दिलाई। लेकिन शैलेंद्र और उसके परिवार ने मुझे अपने परिवार से दूर कराकर मरने के लिए मजबूर कर दिया। सर मैं आपका बहुत सम्मान करता हूं। आपसे निवेदन है कि मेरी मौत की सजा शैलेंद्र, उसके परिवार, पत्नी और मेरी बेटियों को जरूर मिले। पुलिस इस सुसाइड नोट की पुष्टि में जुटी हुई है।
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