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हरियाणा के जींद विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए मतदान जारी है

हरियाणा के जींद विधानसभा सीट के Bypoll (उपचुनाव) के लिए मतदान जारी है। कड़ाके की ठंड के बावजूद मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की सुबह से लंबी कतारें लगी हैं। अब तक 60 फीसद से अधिक वाेटिंग हुई है। कई जगह EVM में खराबी आने से मतदान में बाधा हुई। इस बार पिछले चुनाव की तुलना में मतदान फीसद अधिक होने का अनुमान लगाया जा रहा है। मतदान के लिए पूरे क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा व्‍यवस्‍था की गई है। मतदान केंद्रों के अंदर और बाहर भारी पुलिस बल तैनात है। मतदान शाम पांच बजे तक चलेगा। मतगणना 31 जनवरी को होगी।

कई मतदान केंद्रों पर ठंड के कारण सुबह सात बजे से ही मतदाताओं की कतारें लग गईं। ग्रामीण और शहरी दाेनों क्षेत्रों में मतदाताओं में वोटिंग के प्रति उत्‍साह नजर आ रहा है। कुछ मतदान केंद्रों पर ईवीएम खराब हाेने से मतदान बाधित होने की सूचना है।

जींद के हिंदू कॉलेज में बनाए गए मतदान केंद्र पर वाेटरों की कतार।

जलालपुर कला गांव के बूथ नंबर 146 में ईवीएम खराब होने से मतदान बाधित होने से तनाव पैदा हो गया है। मतदाताओं ने अधिकारियों पर इस बारे में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। सुबह जींद शहर के हिंदू कॉलेज में बनाए गए मतदान केंद्र पर भी ईवीएम गड़बड़ी आने से मतदान बाधित हुआ। जिले के गांव जुलानी में भी ईवीएम में दिक्कत आई। इससे वोटिंग बाधित हुआ।

गांव कंडेला में वोट डालने के लिए लाइन में लगी महिलाएं।

21 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला कर रहे हैं वोटर 

उप चुनाव के लिए मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ। इस उपचुनाव में मतदाता 21 प्रत्याशियों की तकदीर का फैसला ईवीएम में कैद कर रहे हैं। एक लाख 72 हजार 775 मतदाताओं के लिए कुल 174 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। मतदान के दौरान किसी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। 

उपचुनाव को लेकर मतदाताओं में भारी उत्‍साह नजर आ रहा है। शहरी क्षेत्र के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाताओं भी मतदान के लिए खासा उत्साह है। ऐसे में इस बार पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले इस उपचुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है। पिछली बार चुनाव में 70 प्रतिशत मतदान हुआ था।

मतदान के लिए पहुंची 110 वर्षीय महिला सरीफन।

इस उपचुनाव को हरियाणा में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव से पहले सेमीफाइनल मुकाबला माना जा रहा है। यही कारण है कि भाजपा, कांग्रेस सहित सभी दलों ने अपना पूरा जोर लगा दिया। यहां मुख्‍य मुकाबला भाजपा के कृष्‍ण मिड्ढ़ा, कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला और जननायक जनता पार्टी के दिग्विजय सिंह चौटाला के बीच माना जा रहा है।

जींद के एक बूथ पर लगी मतदाताओं की कतार।

मतदान में सुरक्षा के लिए तीन हजार पुलिस कर्मियों, पांच सौ होमगार्ड के जवानों, दो कंपनी सीआरपीएफ और आरएएफ तैनात किसा गया है। 59 बूथ ऐसे हैं, जो संवेदनशील और अति संवेदनशील की श्रेणी में रखे गए हैं, जहां चुनाव आयोग को गड़बड़ होने की आशंका है। इन बूथों पर सीआरपीएफ और आरएएफ के जवान भी तैनात किए गए हैं।

जींद उपचुनाव पर पूरे प्रदेश की निगाह टिकी हुई है। जाटलैंड जींद में 1 लाख 72 हजार 775 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इनमें 3565 लोग ऐसे हैं जो पहली बार मतदान करेंगे। इवीएम के जरिये होने वाले मतदान में वीवीपैट मशीनें भी लगाई गई हैं, ताकि मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल करने के बाद यह देख सके कि उसने किसे वोट दिया है।

जींद के गांव पिंडारा में मतदान केंद्र पर पहुंची महिलाएं।

राज्य सरकार ने इस दिन यहां सरकारी अवकाश अधिसूचित किया है, ताकि अधिक से अधिक लोग मतदान कर सकें। जाटलैंड में सत्तारूढ़ भाजपा के उम्मीदवार डा. कृष्ण मिड्ढा, कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला, जननायक जनता पार्टी के दिग्विजय सिंह चौटाला, इनेलो के उम्मेद सिंह रेढू तथा लोकतंत्र रक्षा पार्टी के विनोद आश्री की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

जींद उपचुनाव के नतीजे तीन दिन बाद यानी 31 जनवरी को आएंगे। यह उपचुनाव सिर्फ राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों की प्रतिष्ठा से ही नहीं जुड़ा है, बल्कि यहां के चुनाव नतीजे अगले लोकसभा और विधानसभा चुनाव में पूरे प्रदेश के मतदाताओं का मिजाज बताने में सहायक साबित होंगे। यह चुनाव मुख्यमंत्री मनोहर लाल की राजनीतिक साख, देवीलाल व ओमप्रकाश चौटाला की पारिवारिक विरासत तथा कांग्रेस की सत्ता में वापसी की आस के सवालों का जवाब देने वाला साबित होगा। रविवार को गणतंत्र दिवस का अवकाश होने की वजह से हालांकि बहुत अधिक गतिविधियां जींद में नहीं हुई, लेकिन राजनीतिक दलों ने इस दिन गुप्त रणनीति बनाते हुए अपनी समीकरणों को अनुकूल बनाने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने दिया। 

एक मतदान केंद्र पर मतदाताओं की जांच करतीं महिला पुलिसकर्मी।

जींद में 174 मतदन केंद्रों पर वोट पड़ेंगे। शाम पांच बजे तक जितने मतदाता लाइन में लग चुके होंगे, उन सभी को वोट डालने का अधिकार दिया जाएगा। तीन एएसपी के नेतृत्व में 24 पेट्रोलिंग पार्टियां बनाई गई हैं। पूरे शहर को पुलिस सुरक्षा के लिहाज से छह जोन में बांटा गया है। जींद में 51 स्थानों पर नके लगाए गए हैं। किसी भी उपद्रव को रोकने के लिए 7513 लाइसेंसी हथियारों में से 7100 लोगों के लाइसेंसी हथियार जमा कराए लिए गए हैं तथा 397 हथियारों के लाइसेंस रद करने की सिफारिश की गई है।

जाटलैंड में गैर जाट मतदाता डालेंगे असर

जींद का उपचुनाव पूरी तरह से जाट और गैर जाट में बदलता नजर आ रहा है। वैश्य और ब्राह्मण मतदाता निर्णायक भूमिका में होंगे, जिनके हर दल के उम्मीदवार अपने हक में होने का दावा कर रही हैं। उनकी मुट्ठी बंद है। जींद में तीन जाट और दो गैर जाट उम्मीदवार मैदान में हैं। जाट मतों में बिखराव और गैर जाट मतों का बंटवारा इस चुनाव में कोई भी गुल खिलाने की तरफ संकेत दे रहा है। भाजपा ऐन वक्त पर स्थितियों को अपने अनुकूल करने का दावा कर चुकी है।

वैश्य मतदाताों का भरोसा जीतने में भाजपा के कृष्ण मिड्ढा को कामयाबी मिलती दिखाई दे रही है। जेजेपी के दिग्विजय सिंह चौटाला को अपने वोट बैंक के अलावा आप के अध्यक्ष अरविंद केजरीवाल का पूरा सहारा है। कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला अपनी साफ छवि, परंपरागत वोट और पार्टी के नेताओं के सहयोग से जीत का दावा कर रहे हैं। इनेलो के उम्मेद सिंह रेढू लोकल होने के साथ चौटाला के आशीर्वाद के बूते हैं।

दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा से जुड़ा जींद का रण

जींद उपचुनाव में राजनीतिक दलों के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पांच नगर निगमों में जीत के बाद भाजपा हाईकमान में जो रूतबा कायम किया था, उसे बरकरार रखने की जरूरत है। भाजपा के जाट नेताओं बीरेंद्र सिंह, ओमप्रकाश धनखड़, कैप्टन अभिमन्यु और सुभाष बराला की प्रतिष्ठा भी दांव पर है।

ब्राह्मण व वैश्यों में रामबिलास शर्मा, विपुल गोयल, कविता जैन, पिछड़े वर्ग में कृष्ण बेदी, कृष्ण पंवार व नायब सैनी तथा पंजाबी मंत्री मनीष ग्रोवर की प्रतिष्ठा का आकलन भी इस चुनाव में होगा। कांग्रेस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, कु. सैलाज, कुलदीप बिश्नोई, अशोक तंवर, किरण चौधरी और कैप्टन अजय यादव की प्रतिष्ठा दांव पर है। जेजेपी में अजय सिंह चौटाला व दुष्यंत चौटाला, इनेलो में अभय सिंह चौटाला और लोकतंत्र रक्षा पार्टी में भाजपा सांसद राजकुमार सैनी की प्रतिष्ठा दांव पर लगी दिखाई दे रही है।

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