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Idea-Vodafone मर्जर: क्या यूजर्स को लेना पड़ेगा नया सिम कार्ड, जानें 5 जरूरी बातें

Idea-Vodafone मर्जर: क्या यूजर्स को लेना पड़ेगा नया सिम कार्ड, जानें 5 जरूरी बातें

आइडिया सेल्युलर और वोडाफोन इंडिया के मर्जर को हाल ही में सरकार ने मंजूरी दे दी है। देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी और देश की तीसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनियों के मर्जर के मंजूरी के बाद से इन दोनों कंपनियों के यूजर्स के मन में कई सवाल चल रहे होंगे। दोनों ही कंपनियों ने नई कंपनी के नाम के बारे में कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की हैं, मगर कयास लगाए जा रहे हैं कि मर्जर के बाद बनने वाली कंपनी का नाम ‘वोडाफोन आइडिया लिमिटेड’ हो सकता है। आइए, जानते हैं इस मर्जर से जुड़ी 5 महत्वपूर्ण बातेंIdea-Vodafone मर्जर: क्या यूजर्स को लेना पड़ेगा नया सिम कार्ड, जानें 5 जरूरी बातें

नहीं लेना होगा नया सिम

आपके मन भी ये सवाल चल रहा होगा कि क्या मर्जर के बाद कोई नया सिम तो नहीं लेना पड़ेगा तो इसके लिए जबाब है नहीं। इसके पीछे वजह यही है कि आइडिया और वोडाफोन के ज्यादातर यूजर्स के पास 2016 से ही 4 जी सिम उपलब्ध है। ये हो सकता है ब्रांडिंग बदलने के बाद नई कंपनी कोई नया सिम जारी करे, लेकिन इसके लिए फिलहाल कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। इसके साथ ही अगर कंपनी सिम बदलने का काम भी करेगी तो इसे फेज वाइज किया जाएगा।

बेहतर कनेक्टिविटी

नेटवर्क कनेक्टिविटी को देखा जाए तो वोडाफोन का नेटवर्क शहरी क्षेत्र में बेहतर माना जाता है जबकि, आइडिया का नेटवर्क ग्रामीण और छोटे शहरों में वोडाफोन के मुकाबले बेहतर माना जाता है। इसका सीधा फायदा इन दोनों कंपनियों के यूजर्स को होगा। मर्जर के बाद यूजर्स को शहरी के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।

छिड़ सकता है नया प्राइस वॉर

इस मर्जर के बाद एक और प्राइस वॉर छिड़ने की उम्मीद है। मर्जर के बाद ग्राहकों की संख्या के मामले में कंपनी सबसे बड़ी बन जाएगी। जिसके कारण बाजार के दो और मुख्य प्रतिद्वंदी एयरटेल और जियो नए प्लान बाजार उतार सकते हैं। तीनों बड़े प्लेयर्स के बीच में नया प्राइस वॉर छिड़ सकता है जिसका सीधा फायदा यूजर्स को होगा। क्योकिं, सरकारी टेलिकॉम कंपनियां बीएसएनएल और एमटीएनएल का मार्केट शेयर 5-6 प्रतिशत ही है।

वोडाफोन और आइडिया के प्लान्स में होगा बदलाव?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जबतक मर्जर की औपचारिक घोषणा नहीं हो जाती है तब तक दोनों ही कंपनियां एक-दूसरे की प्रतिद्वंदी बनी रहेगी। इस वजह से दोनों ही कंपनियों के प्लान्स भी अलग होंगे। मर्जर के बाद नई कंपनी कुछ नए प्लान्स बाजार में उतार सकती हैं।

अन्य कंपनियों पर नहीं होगा ज्यादा असर

इस मर्जर के बाद अन्य टेलिकॉम कंपनियों पर ज्यादा असर नहीं होगा। हालांकि, वोडाफोन-आइडिया के यूजर बेस में जरूर बढ़त होगी। आपको बता दें कि आइडिया और वोडाफोन के ज्यादातर टॉवर्स 2 जी और 3 जी कम्पैटिबल हैं, जबकि रिलायंस जियो केवल 4 जी सेवा मुहैया करता है। वहीं, एयरटेल ने भी अपने ज्यादातर टावर्स अपग्रेड करने का काम शुरू कर दिया है।

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