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अफसरों की तैनाती को लेकर गंभीर नहीं सरकार

akhiलखनऊ। अफसरों की तैनाती को लेकर समाजवादी सरकार गंभीर नहीं है। इस सरकार में आईजी जेल के मातहत आईएएस अधिकारी काम कर रहा है। यह चैंकाने वाला सच प्रदेश के कारागार विभाग में देखा जा सकता है। विभाग में वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी से आईएएस प्रोन्नति हुए अधिकारी को कारागार विभाग का मोह खत्म नहीं हो रहा है। प्रोन्नति के बाद आईएएस का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद भी वह आईजी जेल के मातहत की काम करने में जुटे हुए हैं। यह मामला जेल अधिकारियों में कौतुहल का विषय बना हुआ है। प्रदेश के कारागार विभाग में समाजवादी पार्टी की सरकार के सत्ता में आने के करीब एक साल बाद कारागार मुख्यालय में तैनात अपर महानिरीक्षक कारागार प्रशासन योगेश शुक्ला का तबादला रजिस्ट्रार केजीएमयू पर कर दिया गया। इनके स्थान पर रायबरेली में मुख्य विकास अधिकारी के पद पर तैनात अख्तर रियाज को कारागार मुख्यालय में बतौर अपर महानिरीक्षक कारागार प्रशासन के पद पर तैनात किया गया। इसके बाद से वह लगातार इसी पद पर बने हुए है। सूत्रों का कहना है कि रायबरेली में सीडीओ के पद विवादित रहने की वजह से उनका तबादला किया गया था। बीते वर्ष राज्य के 36 वरिष्ठ पीसीएस अधिकारियों आईएएस पद पर प्रोन्नति प्रदान की गई। इस सूची में अपर महानिरीक्षक कारागार प्रशासन के पद पर तैनात अख्तर रियाज का नाम भी शामिल था। वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी होने की वजह से अख्तर रियाज को 2009 बैच का आईएएस अधिकारी बनाया गया है। जानकारों का कहना है कि वर्ष-2016 में आईएएस पद पर प्रोन्नति पाए आईएएस अधिकारी अख्तर रियाज को बीते अप्रैल माह में आईएएस की ट्रेनिंग देने लिए केरल भेजा गया था। करेल में करीब सवा माह की ट्रेनिंग करने के बाद प्रोन्नति आईएएस अधिकारी अख्तर रियाज जून के प्रथम सप्ताह में वापस आ गए। प्रदेश कारागार विभाग में मुखिया की जिम्मेदारी आईपीएस अधिकारी अपर महानिदेशक पुलिस एवं प्रभारी महानिरीक्षक कारागार के हाथ में हैं। वर्तमान समय में पीसीएस से आईएएस पद पर प्रोन्नति पाए 2009 बैच के आईएएस अधिकारी अख्तर रियाज आईपीएस अधिकारी एवं प्रभारी महानिरीक्षक कारागार जीएल मीना के मातहत काम कर रहे हैं। पीसीएस से प्रोन्नति के बाद आईएएस का प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अख्तर रियाज कारागार विभाग में ही जमंे हुए है। प्रोन्नति पाए अधिकारी बने अख्तर रियाज को लेकर कारागार विभाग के अधिकारियों में तमाम तरह की अटकले लगाई जा रही हैं। चर्चा है कि पहले तो बाहर के अधिकारी विभाग में आना नहीं पसंद करते है और एक बार आने के बाद फिर जाना ही नहीं चाहते है।

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