Thursday , April 25 2024

चार घंटे पुलिस अंजान!, जीआरपी बैरक में हत्या

victim-amit-chaudhary_1469730759रेलवे स्टेशन से लगी जीआरपी बैरक में एक कांस्टेबल की हत्या के मामले में पुलिस अफसरों को चार घंटे तक वारदात का पता ही नहीं चला। पुलिस को यह भी नहीं मालूम कि हत्या किसकी हुई और किसने की। कौन-कौन पुलिसकर्मी जीआरपी बैरक में पार्टी कर रहे थे। घटना के बाद चार घंटे बाद जीआरपी चौकी इंचार्ज की तहरीर पर केस दर्ज किया गया। इसके बाद मृतक कांस्टेबल के परिजनों को मामले की सूचना दी गई। पूरे घटनाक्रम से पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। परिजन भी पुलिस की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए लीपापोती करने के आरोप लगा रहे हैं।

जानकारी के अनुसार कांस्टेबल अमित चौधरी पीरुमदारा चौकी थाना रामनगर जिला नैनीताल में तैनात था और वर्तमान में कांवड़ ड्यूटी में रुड़की आया हुआ था। बुधवार की रात कांस्टेबल संजय की ओर से रुड़की रेलवे स्टेशन के समीप जीआरपी बैरक में पार्टी रखी गई थी, जहां कांस्टेबल राजा गौतम, कांस्टेबल अमित चौधरी और एक अन्य को बुलाया गया था। बताया जा रहा है कि पार्टी के दौरान ही रात करीब साढ़े दस बजे स्टेशन के पास जीआरपी बैरक में गोली चलने की आवाज सुनाई दी। जांच में पता चला कि कांस्टेबल अमित चौधरी को गोली लगी है जो कांस्टेबल संजय के लाइसेंसी रिवाल्वर से चली है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस के आला अधिकारियों में हड़कंप मच गया। गंगनहर थाना प्रभारी जवाहर लाल, जीआरपी एसओ डीएस बाजवा, सीओ सिटी एसके सिंह, एसपी देहात प्रमेंद्र डोभाल सहित तमाम पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने आरोपी कांस्टेबलों से पूछताछ भी की, लेकिन मीडिया की ओर से जानकारी मांगने पर पूरे मामले से अंजान बने रहे। अधिकारी चार घंटे तक सिर्फ यही जानकारी जुटा पाए कि एक पुलिस कर्मी को गोली लग गई है, लेकिन उन्हें यह नहीं मालूम चला कि किसको गोली लगी, कहां गोली चली और किसने गोली मारी। यही नहीं मौत की पुष्टि होने के घंटों बाद तक परिजनों को भी इसकी जानकारी नहीं दी गई। मृतक कांस्टेबल के भाई सुमित चौधरी का कहना है कि उन्हें देर रात 2.30 बजे घटना के संबंध में सूचना दी गई। इससे पहले रात करीब 2.20 पर जीआरपी चौकी इंचार्ज की तहरीर पर पुलिस ने हत्या का केस दर्ज किया। यही कारण है कि परिजन पूरे मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर ही सवाल उठा रहे हैं।

कांस्टेबल की मौत में हत्या का मुकदमा दर्ज
जीआरपी बैरक में कांस्टेबल की गोली से ही दूसरे कांस्टेबल की मौत के मामले में जीआरपी चौकी इंचार्ज की तहरीर पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। तहरीर में चौकी इंचार्ज ने दूसरे साथी पर ही प्रथमदृष्ट्या हत्या का शक जताया है।
गंगनहर कोतवाली प्रभारी को दी गई तहरीर में रेलवे स्टेशन जीआरपी चौकी इंचार्ज ने बताया कि बुधवार की रात करीब साढ़े दस बजे प्लेटफार्म ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल अब्दुल वासित ने जीआरपी बैरक में गोली चलने की सूचना दी। मौके पर जाकर देखा तो कांस्टेबल अमित चौधरी को गोली लगी थी, जो कांस्टेबल संजय के लाइसेंसी पिस्टल से चली थी। इसके बाद मौके पर मौजूद कांस्टेबल राजा गौतम और संजय दोनों कांस्टेबल अमित को सिविल अस्पताल ले गए जहां चिकित्सक ने अमित को मृत घोषत कर दिया। पूछताछ में कांस्टेबल संजय ने स्वीकार किया कि उसकी लाइसेंसी रिवाल्वर से कांस्टेबल अमित चौधरी को गोली लगी है। इसके आगे पूछताछ में उसने कुछ नहीं बताया है। तहरीर में उन्होंने हत्या की आशंका जताई। तहरीर के आधार पर गंगनहर कोतवाली में हत्या का केस दर्ज किया गया है। मामले की जांच गंगनहर एसएसआई देवराज शर्मा को सौंपी गई है

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