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महानदी जल विवाद पर ओडिशा और छत्तीसगढ़ में तकरार

unnamed (10)रायपुर। महानदी पर बैराज बनाने के मामले में छत्तीसगढ़ और ओडिशा के बीच विवाद एक बार फिर गहराने लगा है। इसी बीच ओडिशा सरकार ने यह कहते हुए मसले को गरमा दिया है कि छत्तीसगढ़ द्वारा महानदी पर बनाया जा रहे बैराज अवैध हैं और इन्हें तुरंत रोका जाना चाहिए। इधर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और सूबे के जलसंसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने ओडिशा सरकार के इस आरोप को  सरासर गलत बताया है।
ओडिशा के मुख्य सचिव ने एक बयान में कहा है कि छत्तीसगढ़ द्वारा बनाए जा रहे बैराज नियम विरुद्ध है। मुख्यसचिव का यह भी कहना है कि महानदी मामले को लेकर छत्तीसगढ़ ने ओडिशा को कोई जानकारी नहीं दी, संवादहीनता के कारण गड़बड़ी हुई है। वहीं ओडिशा की बीजद सरकार के प्रवक्ता एवं विधायक डीएस मिश्रा का आरोप है कि छत्तीसगढ़ सरकार महानदी पर इतने बैराज बना रही है कि उनके बनने के बाद ओडिशा के लिए पानी ही नहीं बचेगा। बड़े बैराज का आकार भी कम किया जाना चाहिए।

श्री मिश्रा का कहना है कि हीराकुंड बांध में बारिश के सीजन में महानदी से पानी आता है। बारिश खत्म होने के बाद प्रवाह अत्यंत कम हो जाता है। नए बैराज बनने से प्रवाह और कम हो जाएगा। इस बांध से राजधानी भुवनेश्वर और कटक को पानी की सप्लाई होती है अगर बांध में पानी नहीं आएगा तो इन दोनों शहरों में भीषण जल संकट पैदा हो जाएगा। इस बीच मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने ओडिशा के इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि इस मसले को बेवजह राजनीतिक मुद्दा बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आगामी चुनाव के चलते इस तरह की राजनीति की जा रही है। डॉ. सिंह ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जितनी भी जल संसाधन योजनाए हैं उनका निर्माण केन्द्रीय जल आयोग की अनुमति से किया गया है। उन्होंने कहा कि महानदी का जो पानी ओव्हरफ्लो होकर व्यर्थ बह रहा है ओडिशा को उसकी चिंता करनी चाहिए।

राज्य के जल संसाधन मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का कहना है कि मामला सिर्फ अरपा भैंसाझार का है इसके लिए केंद्र से अनुमति मिल चुकी है। उन्होंने कहा कि ओडिशा के मुख्यसचिव का आरोप गलत है कि सूचना नहीं दी गई। बृजमोहन का कहना है कि अप्रैल 2008 में ओडिशा सरकार ने पत्र लिखकर जानकारी मांगी, वह उन्हें दे दी गई थी। इसके बाद भी पत्र व्यवहार हुआ है, इसका मतलब यह है कि ओडिशा सरकार को पूरी जानकारी थी। इस मामले छत्तीसगढ़ सरकार का पक्ष बिल्कुल सही और न्यायोचित है। श्री अग्रवाल ने कहा कि वास्तविकता यह है कि छत्तीसगढ़ कितने भी बांध बनाए ओडिशा को इससे कोई असर नहीं होने वाला है। छत्तीसगढ़ महानदी से केवल 25 फीसदी पानी ले रहा है। बाकी पानी ओडिशा जा रहा है, वहा जलप्रबंध सही नहीं होने के कारण यह पानी समुद्र में चला जाता है। उन्होंने इसे रोकने के लिए कोई प्रबंध नहीं किए हैं। अब अपनी गलती छिपाने के लिए वे गलत आरोप लगा रहे हैं।

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