नई दिल्ली :
अरूणाचल प्रदेश में यूं तो राजनीतिक संकट नए मुख्यमंत्री के निर्वाचित होते ही समाप्त हो गया है लेकिन राजनीतिक गतिरोध की आग से उपजी चिंगारी को फिर हवा देने का प्रयास किया जा रहा है। दरअसल अरूणाचल प्रदेश विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष नबाम रेबिया ने उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक निर्णय में विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार से जुड़े भाग की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने मांग की कि शीर्ष न्यायालय द्वारा इस मामले पर ध्यान दिया जाए।
राज्य में कांग्रेस सरकार की बहाली के निर्णय की समीक्षा भी की गई। मिली जानकारी के अनुसार अरूणाचल प्रदेश में किए गए राजनीतिक निर्णय के आधार पर उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा सहित करीब 9 बागी कांग्रेस विधायकों द्वारा विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उन्हें अयोग्य ठहराने पर स्थगन के प्रयास किए जा रहे हैं। उत्तराखंड के बागियों द्वारा भारतीय जनता पार्टी के नेता नेता हैं। दरअसल इस मामले में न्यायालय में विरोधियों ने विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उन्हें अयोग्य ठहराने और सदस्यता रद्द करने के निर्णय को चुनौती दी है और स्थगन आदेश लगाने की मांग की है।
भारतीय जनता पार्टी की अपील को लेकर अर्जी दी गई है। रेबिया में समीक्षा अर्जी में दिए गए निर्णय के 175 वें पैरा में रिकाॅर्ड के निष्कर्ष को चुनौती भी दी गई है। संविधान के अनुच्छेद 179 सी के अंतर्गत विधानसभा अध्यक्ष के अधिकार को लेकर चर्चा की गई है।