चंडीगढ़। हरियाणा में जाटों सहित छह जातियों के आरक्षण पर लगाई गई रोक को हटाने के लिए हरियाणा सरकार की अर्जी पर सोमवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट सुनवाई होनी है। हरियाणा सरकार ने 41 हजार नियुक्तियों और 21 हजार दाखिलों के प्रभावित होने के चलते रोक हटाने की मांग की। तमिलनाडु में 69 प्रतिशत आरक्षण होने की दलील देते हुए हरियाणा के 67 प्रतिशत आरक्षण को सही ठहराए जाने की मांग भी की गई। हरियाणा सरकार ने अपील की कि याचिका लंबित रहते आरक्षण पर लगी रोक हटाई जाए ताकि नियुक्तियों और प्रवेश की प्रक्रिया को जारी रखा जा सके। हरियाणा सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया था कि याची पक्ष का कहना है कि आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकता लेकिन ऐसा नहीं है। सरकार के पास कानून बनाने का अधिकार है और इन अधिकारों के इस्तेमाल से ही जाटों और अन्य जातियों को आरक्षण देने की व्यवस्था की गई है। इस प्रकार की व्यवस्था पर हाईकोर्ट को रोक नहीं लगानी चाहिए। इस पर हाईकोर्ट ने जिरह को जारी रखते हुए 18 जुलाई की सुनवाई तय करते हुए आरक्षण से रोक हटाने से इनकार कर दिया था।