बेंगलुरू। एक अंतरराष्ट्रीय पंचाट ने फैसला दिया है कि भारत सरकार ने मल्टीमीडिया फर्म देवा व इसरों की वाणिज्यिक इकाई एंट्रिक्स के बीच के अनुबंध को खारिज कर गलत और अन्यायपूर्ण कार्य किया। पंचाट के अनुसार इसके लिए भारत सरकार को मुआवजा देना होगा। देवास मल्टीमीडिया प्राइवेट लिमिटेड ने आज यहां यह जानकारी दी।
इसके अनुसार हेग स्थित मध्यस्थ निर्णय की एक स्थायी अदालती :पीसीए: न्यायाधिकरण ने पाया कि अनुबंध रद्द करने तथा देवा को एस बैंड स्पेक्ट्रम के वाणिज्यिक इस्तेमाल की अनुमति नहीं देने की भारत सरकार कार्रवाई ‘स्वामित्वहरण’ का मामला है।कंपनी के बयान के अनुसार मध्यस्थता न्यायाधिकरण ने यह निर्णय कल सुनाया। इसमें उसने यह भी माना कि भारत सरकार ने देवास के विदेशी निवेशकों के साथ निष्पक्ष व न्यायोचित व्यवहार करने की अपनी संधिगत प्रतिबद्धताओं का भी उल्लंघन किया है।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal