मुकुल मिश्र
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के चुनाव में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन लगभग तय है, सीटों को लेकर चर्चा अभी जारी है। अखिलेश कांग्रेस को 90-100 सीटें देने को राजी हैं।
सूत्रों का कहना है कि सीटों का यह मसला तो सुलट जाएगा लेकिन रालोद का मसला गठबंधन की राह में सबसे बड़ा रोड़ा बना हुआ है क्योंकि अखिलेश यह नहीं चाहते हैं कि रालोद को लेकर मुस्लिम वोट उनके हाथ से खिसक जाए।
सपा सूत्रों की मानें तो अभी बातचीत सिर्फ कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे पर हो रही है क्योंकि कांग्रेस से गठबंधन बनना लगभग तय है सिर्फ सीटों पर पेंच फंसा हुआ है। कांग्रेस 100 से अधिक सीटों की मांग कर रही है जबकि अखिलेश गुट का मानना है कि सीटों का बंटवारा 2012 के परिणाम के आधार पर सुलझा लिया जाएगा। लेकिन असल मामला अजित सिंह की पार्टी रालोद के साथ उलझ गया है। सूत्रों के अनुसार, अंदरूनी तौर पर अखिलेश रालोद के साथ गठबंधन के लिए तैयार नहीं हैं क्योंकि उनका मानना है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाटों के कारण मुस्लिम वोट पार्टी से छिटक सकता है। मुजफ्फरनगर दंगे के बाद जाट और मुस्लिमों के बीच छत्तीस का आंकड़ा जगजाहिर है। माना जा रहा है कि जिधर जाट जाएंगे, उधर मुस्लिम नहीं जाएंगे।
उधर, सपा उपाध्यक्ष किरणमय नंदा की मानें तो आरजेडी, जेडीयू और ममता बनर्जी की पार्टी सिर्फ समर्थन देगी, उनके साथ सीटों को लेकर कोई बात नहीं हुई है। उसी तरह रालोद के साथ भी हमारी ओर से कोई प्रस्ताव या बातचीत नहीं है। हम सिर्फ कांग्रेस से बात कर रहे हैं।
उधर नई दिल्ली में मंगलवार देर रात राहुल और प्रियंका की मौजूदगी में कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक हुई, जिसमें राहुल ने साफ तौर पर कहा कि हम प्रदेश में कम से कम 100 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। बातचीत के लिए उन्होंने गुलाम नबी आजाद को अधिकृत कर दिया है। बुधवार को उन्हें लखनऊ में अखिलेश से 5 केडी जाकर मिलना था लेकिन सूत्रों का कहना है कि देर शाम तक कोई भी मिलने नहीं गया।
सपा खेमे से पता चला है कि छोटे दलों – पीस पार्टी, भारतीय निषाद पार्टी, अपना दल (कृष्णा पटेल गुट) से बातचीत जारी है। इनके लिए सपा ने 10 सीटों का कोटा तय किया है, जबकि जेडीयू और आरजेडी भी इस गठबंधन का हिस्सा बन सकते हैं। सपा नोएडा की सभी सीटें कांग्रेस और सहयोगियों के लिए छोड़ने को तैयार है।
उधर, कांग्रेस के यूपी प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने गठबंधन को लेकर जल्द बात पूरी हो जाने की उम्मीद जताई है। अगर सपा का फार्मूला कांग्रेस को मान्य हो जाता है तो गुरुवार को गठबंधन की घोषण हो सकती है। ऐसे में सपा सोनिया और राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली और अमेठी की कई सीटें कांग्रेस के लिए छोड़ सकती है।
Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal