सड़क पर भारी भीड़ उतार कांग्रेस ने दिखाई ताकत, अखिलेश के सायकिल मार्च को किया फीका

संवाददाता
लखनऊ
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले सड़कों पर सियासी संग्राम शुरु हो गया है। सभी विपक्षी दलों का जोर अब सड़क गरमाने पर है। हालांकि इसके शुरुआती दौर में कांग्रेस सब पर भारी पड़ती नजर आ रही है। सपा प्रमुख के बीते हफ्ते हुए सायकिल मार्च से कहीं ज्यादा भीड़ कांग्रेस ने अपनी पदयात्रा में जुटा अपनी अहमियत का अहसास कराया है।
मंगलवार को राजधानी लखनऊ के बख्शी तालाब विधानसभा क्षेत्र में भाजपा गद्दी छोड़ो अभियान के तहत निकाले गए मार्च में हजारों की तादाद में कांग्रेसी उमड़े। भीड़ से गदगद कांग्रेस नेताओं ने कहा कि यूपी की सत्ती में भाजपा के दिन अब गिने चुने रह गए हैं। बख्शी तालाब विधानसभा क्षेत्र प्रभारी और कांग्रेस के मीडिया संयोजक ललन कुमार के नेतृत्व में निकाले गए मार्च में एक किलोमीटर दूरी तक लोगों की भीड़ लगी हुयी थी। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी प्रदेश व्यापी मार्च के इस कार्यक्रम में बख्शी तालाब में शामिल हुए।
ललन कुमार ने बताया कि भारत छोड़ो आन्दोलन” की 79वीं वर्षगाँठ के अवसर पर महंगाई, बेरोजगारी, महिला सुरक्षा, किसानों की समस्या बिगड़ती कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार के खिलाफ बक्शी का तालाब (169) विधानसभा में “भाजपा गद्दी छोड़ो मार्च” निकाला गया। पदयात्रा के दौरान कांग्रेसी बैलगाड़ियों पर भी सवार रहे और मंहगाई व डीजल-पेट्रोल दामों में बढ़ोत्तरी के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहे। पदयात्रा के समापन पर हुयी सभा को संबोधित करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि भाजपा शासन को उखाड़ फेंकने के लिए जनता लामबंद हो गयी है। उन्होंने कहा कि बीते सात सालों में केंद्र और साढ़े चार सालों में प्रदेश में भाजपा सरकार ने लोगों का जीना दुश्वार कर दिया है।
ललन कुमार ने बताया कि कांग्रेस ने आने वाले दिनों में सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर कर जबरदस्त संघर्ष छेड़ने की योजना बनाई है और मंगलवार को इसकी शुरुआत हुयी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में बड़ी तादाद में कांग्रेसी सड़कों पर उतर गए हैं और बख्शी तालाब में उमड़ी भीड़ इस बात का संकेत है कि जनता त्रस्त हो चुकी है और कांग्रेस को एक सशक्त विकल्प के तौर पर देख रही है।
गौरतलब है कि बीते हफ्ते ही समाजवादी पार्टी मुखिया ने राजधानी लखनऊ की सड़कों पर सायकिल चला भाजपा के खिलाफ अपनी मुहिम की शुरुआत की। जहां अखिलेश यादव की सायकिल यात्रा में तीन से चार हजार लोग ही जुट सके थे वहीं मंगलवार को कांग्रेस की पदयात्रा में एक विधानसभा क्षेत्र में ही दस हजार के लगभग लोग शामिल हुए।