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उत्तराखंड: अब फिर से ले सकेंगे राफ्टिंग का मजा, HC ने हटाई रोक

नैनीताल: अगर आप घूमने फिरने के शौकीन हैं और एडवेंचर स्पोर्ट्स में भी दिलचस्पी रखते हैं, तो खबर आपके लिए हैं. हाईकोर्ट ने टिहरी झील में वाटर स्पोर्ट्स और ऋषिकेश में गंगा नदी में रिवर राफ्टिंग की अनुमति दे दी है. कोर्ट ने कहा कि इनका संचालन नियमों के अनुसार ही होना चाहिए. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा और न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने अपने पूर्व के आदेश में संशोधन करते हुए ये आदेश जारी किया. कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया कि वह आर्मी को तीन दिन के भीतर वाटर स्पोर्ट्स की अनुमति प्रदान करें. 

आपको बता दें कि बिना नियम कायदे से संचालित हो रही राफ्टिंग पर कोर्ट ने जून में राफ्टिंग पर रोक लगा दी थी. इस वजह से टिहरी झील में सेना की ट्रेनिंग भी बंद हो गई थी. राज्य सरकार, भारतीय सेना तथा टिहरी झील में बोट संचालकों की संस्था गंगा भागीरथी बोट समिति टिहरी ने कोर्ट में अलग-अलग प्रार्थना पत्र दाखिल किए थे. 

आर्मी की तरफ से दाखिल प्रार्थना पत्र में कहा गया था कि टिहरी झील में सार्क देशों की ट्रेनिंग होनी है. अन्य प्रशिक्षण भी इस आदेश की वजह से रुक गए हैं. कोर्ट को बताया गया कि एक सितंबर को वाटर स्पोर्ट्स का गजट जारी कर दिया गया था. 

आपको बता दे कोर्ट ने जब रोक लगा दी थी, तो सैकड़ों परिवारों की आजीविका प्रभावित हो गई थी. अगस्त में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद ने संशोधित नियमावली का मसौदा तैयार कर इसका प्रस्ताव कैबिनेट में रखा था. कैबिनेट से ‘उत्तराखण्ड रिवर राफ्टिंग/क्याकिंग संशोधन नियमावली-2018’ को मंजूरी मिलने के बाद अब राज्यपाल बेबी रानी मार्या ने इसे मंजूरी दे दी है. नई नियमावली में कई संशोधन भी किए गए हैं. 

नियमावली में किए गए कुछ अहम संशोधन
– प्रत्येक नदी में विशेष अभियानों के लिए अलग से लेनी होगी अनुमति.
– राफ्टिंग के दौरान धूमपान और किसी भी प्रकार के नशे के सेवन प्रतिबंधित.
– अब 65 साल की उम्र तक राफ्टिंग का लुत्फ उठाया जा सकेगा. पहले यह आयु सीमा 14 से 60 साल निर्धारित थी.
– 16 फुट लंबी राफ्ट में आठ पर्यटक और दो गाइड ही बैठ पाएंगे.
– इसी प्रकार 14 फुट की राफ्ट के लिए दो गाइड समेत कुल आठ रहेगी संख्या.
– नदी तटों पर उपलब्ध राजस्व व वन भूमि में किसी प्रकार की पर्यटन गतिविधि के संचालन भूमि आवंटन से पहले पर्यटन विभाग से लेनी होगी अनुमति.
– राफ्टिंग तकनीकी समिति नदियों के दोनों किनारों पर राफ्ट नदी में उतारने व निकालने के स्थल करेगी चिह्नित.
– उच्च न्यायालय के दिशा-निर्देशों के मद्देनजर गंगा में प्रदूषण रोकने को राफ्टिंग ढुलान में प्रयुक्त होने वाले वाहन नदी तट से 100 मीटर दूर रखेंगे.

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