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स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) गोल्‍ड डिपॉजिट स्‍कीम (R-GDS) के जरिये आप सोने की ज्‍वैलरी या सोने के सिक्को पर ब्याज के आलावा भी कई फायदे उठा सकते है. भारतीय स्‍टेट बैंक सोने की शुद्धता के आधार पर आपको सोने का जमा प्रमाण पत्र देता हैं. जमा अवधि के बाद गोल्‍ड के रुप में या कैश के रुप में ब्‍याज के साथ उस समय के दाम के आधार पर रकम ली जा सकती है. -एसबीआई इस इस स्कीम को शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट (STBD) नाम से जाना जाता है. -एसबीआई की वेबसाइट के हिसाब से भारत में रहने वाला कोई भी व्यक्ति इस स्कीम में शामिल हो सकता हैं. -सिंगल, जाइंट अकाउंट भी खुलवाया जा सकता हैं. - एचयूएफ, पार्टरशिप फर्म भी इसमें निवेश कर सकती हैं. -इस स्कीम के तहत 30 ग्राम सोना जमा करना अनिवार्य है, ज्यादा की कोई लिमिट नहीं है. -स्कीम में 1-3 साल के लिए जमा किया जाता है. -मीडियम और लॉन्ग टर्म के लिए जमा अवधि 5-7 और 12-15 साल है. -STBD स्कीम में फिलहाल एक साल के लिए 0.50 फीसदी, दो साल के लिए 0.55 फीसदी, तीन साल के लिए 0.60 फीसदी है, 5-7 -साल के लिए 2.25 फीसदी/सालाना ब्याज मिलेगा. -12-15 साल के लिए 2-5 फीसदी/सालाना का ब्याज मिलेगा. -एक साल के तय समय से पहले पैसा निकालने पर ब्याज दर पर पैनल्टी लगेगी. मीडियम टर्म वाली अवधि में निवेशक 3 साल, लॉन्ग टर्म वाली स्कीम से 5 साल के बाद ही बाहर हो सकते है

एसबीआई की गोल्‍ड डिपॉजिट स्‍कीम और उसके फायदे

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) गोल्‍ड डिपॉजिट स्‍कीम (R-GDS) के जरिये आप सोने की ज्‍वैलरी या सोने के सिक्को पर ब्याज के आलावा भी कई फायदे उठा सकते है. भारतीय स्‍टेट बैंक सोने की शुद्धता के आधार पर आपको सोने का जमा प्रमाण पत्र देता हैं. जमा अवधि के बाद गोल्‍ड के रुप में या कैश के रुप में ब्‍याज के साथ उस समय के दाम के आधार पर रकम ली जा सकती है.स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) गोल्‍ड डिपॉजिट स्‍कीम (R-GDS) के जरिये आप सोने की ज्‍वैलरी या सोने के सिक्को पर ब्याज के आलावा भी कई फायदे उठा सकते है. भारतीय स्‍टेट बैंक सोने की शुद्धता के आधार पर आपको सोने का जमा प्रमाण पत्र देता हैं. जमा अवधि के बाद गोल्‍ड के रुप में या कैश के रुप में ब्‍याज के साथ उस समय के दाम के आधार पर रकम ली जा सकती है. -एसबीआई इस इस स्कीम को शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट (STBD) नाम से जाना जाता है.  -एसबीआई की वेबसाइट के हिसाब से भारत में रहने वाला कोई भी व्यक्ति इस स्कीम में शामिल हो सकता हैं.  -सिंगल, जाइंट अकाउंट भी खुलवाया जा सकता हैं. - एचयूएफ, पार्टरशिप फर्म भी इसमें निवेश कर सकती हैं. -इस स्कीम के तहत 30 ग्राम सोना जमा करना अनिवार्य है, ज्यादा की कोई लिमिट नहीं है. -स्कीम में 1-3 साल के लिए जमा किया जाता है.   -मीडियम और लॉन्ग टर्म के लिए जमा अवधि 5-7 और 12-15 साल है. -STBD स्कीम में फिलहाल एक साल के लिए 0.50 फीसदी, दो साल के लिए 0.55 फीसदी, तीन साल के लिए 0.60 फीसदी है, 5-7 -साल के लिए 2.25 फीसदी/सालाना ब्याज मिलेगा. -12-15 साल के लिए 2-5 फीसदी/सालाना का ब्याज मिलेगा. -एक साल के तय समय से पहले पैसा निकालने पर ब्याज दर पर पैनल्टी लगेगी. मीडियम टर्म वाली अवधि में निवेशक 3 साल, लॉन्ग टर्म वाली स्कीम से 5 साल के बाद ही बाहर हो सकते है
-एसबीआई इस इस स्कीम को शॉर्ट टर्म बैंक डिपॉजिट (STBD) नाम से जाना जाता है. 
-एसबीआई की वेबसाइट के हिसाब से भारत में रहने वाला कोई भी व्यक्ति इस स्कीम में शामिल हो सकता हैं. 
-सिंगल, जाइंट अकाउंट भी खुलवाया जा सकता हैं.
– एचयूएफ, पार्टरशिप फर्म भी इसमें निवेश कर सकती हैं.
-इस स्कीम के तहत 30 ग्राम सोना जमा करना अनिवार्य है, ज्यादा की कोई लिमिट नहीं है.
-स्कीम में 1-3 साल के लिए जमा किया जाता है.  
-मीडियम और लॉन्ग टर्म के लिए जमा अवधि 5-7 और 12-15 साल है.
-STBD स्कीम में फिलहाल एक साल के लिए 0.50 फीसदी, दो साल के लिए 0.55 फीसदी, तीन साल के लिए 0.60 फीसदी है, 5-7 -साल के लिए 2.25 फीसदी/सालाना ब्याज मिलेगा.
-12-15 साल के लिए 2-5 फीसदी/सालाना का ब्याज मिलेगा.
-एक साल के तय समय से पहले पैसा निकालने पर ब्याज दर पर पैनल्टी लगेगी. मीडियम टर्म वाली अवधि में निवेशक 3 साल, लॉन्ग टर्म वाली स्कीम से 5 साल के बाद ही बाहर हो सकते है 

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