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कई दशकों तक हम गलतियों को रिफॉर्म्स मानते रहे : मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘अनेक दशकों तक हम गलत नीतियों के साथ, गलत दिशा में चले। एक सोच प्रभावी हो गई कि सबकुछ सरकार करेगी।

कई दशकों बाद गलती सामने आई। इसे सुधारने का प्रयास चला। हमने गलतियों का जो करेक्शन किया, उसी को रिफॉर्म मान लिया।’ उन्होंने कहा कि पहले दिया जलाकर और रिबन काटकर काम हो जाते थे। प्रधानमंत्री शनिवार को ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ को संबोधित कर रहे थे।

मोदी ने कहा, अगर इतिहास को देखें तो देश में एक ही जैसी मिली-जुली सरकारें थीं इसलिए सोच भी एक जैसी मिलती थी। इलेक्शन ड्रिवेन या पॉलिटिकल सोच पर चलने वाली योजनाएं होती थीं। अब वक्त बदल चुका है। हमें स्वीकार करना होगा कि 200 साल में टेक्नोलॉजी का जितना विकास हुआ, उससे ज्यादा 20 साल में टेक्नोलॉजी में बदलाव हुआ है।

30 साल पहले और आज के युवा की उम्मीदों में अंतर आया है।’ उन्होंने कहा, ‘हिंदुस्तान के पास इतनी बड़ी विरासत, इतनी खूबसूरती है, क्यों ना हम इसे एक सूत्र में जोड़ें। एक राज्य दूसरे राज्य से जुड़े। ये देश की ताकत है, इसे बल देने की दिशा में, नई पीढ़ी को इसे पहचानना होगा। जो पहले संघर्ष करती थी, वही चीज शक्ति के रूप में बदल रही है। चीजें बदल रही हैं, तरीका अलग है। ये कायाकल्प है। ये 21वीं सदी के जनमानस का मन है। बदलाव करने वाला मोदी नहीं, देश की सवा सौ करोड़ जनता है।’

पीएम ने कहा, आज भारत दुनिया की तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। वर्ल्ड इन्वेस्टर्स रिपोर्ट में हमें तीसरी ऐसी इकोनॉमी के रूप में आंका गया। मेक इन इंडिया आज भारत का सबसे बड़ा इनिशिएटिव बन चुका है। हम दुनिया के छठे सबसे बड़े मैन्युफैक्चिरिंग देश हैं। ये सरकार कॉपरेटिव फेडरलिज्म, कम्पेटेटिव कोऑपरेटिव फेडरलिज्म पर बल देती है। मैं चाहूंगा कि पूरा देश जीएसटी पर चर्चा करने और समझने का प्रयास करे। जीएसटी डेलिब्रेटिव डेमोक्रेसी का एक उदाहरण है।’

उन्होंने कहा कि देश में अलग-अलग श्रम कानूनों के पालन के लिए पहले इम्प्लॉयर्स को 56 रजिस्टर्स में भरनी होती थी। पिछले महीने सभी यूनियंस को साथ रखकर सरकार ने नोटिफिकेशन निकाला है। अब लेबर लॉज के तहत 56 की नहीं 5 रजिस्टर मेंटेन करने होंगे। इससे बिजनेस को आसान करने के लिए उद्यमियों को बड़ी मदद मिलेगी।

मुद्रा योजना के तहत नौजवानों को बिना गारंटी कर्ज दिया जा रहा है। 6 करोड़ से ज्यादा लोगों को 3 लाख करोड़ से ज्यादा कर्ज दिया गया। ये युवा पैरों पर खड़े हैं और नए लोगों को रोजगार देने की संभावनाएं पैदा हुई हैं। मोदी ने कहा कि हम जैसा देश बनाना चाहते हैं, विकास चाहते हैं, सवा सौ करोड़ लोगों को जोड़े बगैर ऐसा करना संभव नहीं है। दीवाली के बाद भ्रष्टाचार के खिलाफ जो कार्रवाई हुई, उसके बाद जनशक्ति का अनुभव सबने किया। आज हम देख रहे हैं कि देश किन मुद्दों पर एक हो रहा है।

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