गुरुवार को भारतीय रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया। बाजार खुलने के बाद रुपए एक डॉलर के मुकाबले 28 पैसे कमजोर होकर 69.05 के स्तर पर पहुंच गया। रुपए की इस कमजोरी का असर अर्थव्यवस्था के साथ ही आम इंसान पर भी पढ़ने वाला है।डॉलर के मुकाबले सबसे निचले स्तर पर पहुंचा रुपया, आपके लिए ऐसे बढ़ेंगी मुश्किलें

रुपए का कमजोर होना सीधे तौर पर आम आदमी से सरोकार रखता है क्योंकि इससे आम आदमी को 4 बड़े नुकसान होते हैं। अजय केडिया के मुताबिक अगर डॉलर इंडेक्स में तेजी और भू राजनैतिक तनाव जारी रहता है तो रुपए का अगला निम्नतम स्तर 72 तक छू सकता है। हालांकि उन्होंने कहा है कि सतर्कता का रुख अपनाते हुए रुपए के 70.50 के स्तर की अपेक्षा की जा सकती है।

रुपए के कमजोर से होते हैं ये 4 नुकसान:

महंगा होगा विदेश घूमना

रुपए के कमजोर होने से अब विदेश की यात्रा आपको थोड़ी महंगी पड़ेगी क्योंकि आपको डॉलर का भुगतान करने के लिए ज्यादा भारतीय रुपए खर्च करने होंगे। फर्ज कीजिए अगर आप न्यूयॉर्क की हवाई सैर के लिए 3000 डॉलर की टिकट भारत में खरीद रहे हैं तो अब आपको पहले के मुकाबले ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे।

विदेश में बच्चों की पढ़ाई होगी महंगी

अगर आपका बच्चा विदेश में पढ़ाई कर रहा है तो अब यह भी महंगा हो जाएगा। अब आपको पहले के मुकाबले थोड़े ज्यादा पैसे भेजने होंगे। यानी अगर डॉलर मजबूत है तो आपको ज्यादा रुपए भेजने होंगे। तो इस तरह से विदेश में पढ़ रहे बच्चों की पढ़ाई भारतीय अभिभावकों को परेशान कर सकती है।

डॉलर होगा मजबूत तो बढ़ेगी महंगाई

डॉलर के मजबूत होने से क्रूड ऑयल भी महंगा हो जाएगा। यानि जो देश कच्चे तेल का आयात करते हैं, उन्हें अब पहले के मुकाबले (डॉलर के मुकाबले) ज्यादा रुपए खर्च करने होंगे। भारत जैसे देश के लिहाज से देखा जाए तो अगर क्रूड आयल महंगा होगा तो सीधे तौर पर महंगाई बढ़ने की संभावना बढ़ेगी।

डॉलर में होने वाले सभी पेमेंट महंगे हो जाएंगे

वहीं अगर डॉलर कमजोर होता है तो डॉलर के मुकाबले भारत जिन भी मदों में पेमेंट करता है वह भी महंगा हो जाएगा। यानी उपभोक्ताओं के लिहाज से भी यह राहत भरी खबर नहीं है। यानी आसान शब्दों में भारत का इंपोर्ट बिल (आयात बिल) बढ़ जाएगा।