Saturday , April 20 2024

देश के युवाओं में सबसे बड़ी चिंता बेरोजगारी और शिक्षा को लेकर है. हालांकि, उनमें से अधिकतर का मानना है

देश के युवाओं में सबसे बड़ी चिंता बेरोजगारी और शिक्षा को लेकर है. हालांकि, उनमें से अधिकतर का मानना है कि राजनीतिक दलों के नेता उनकी जरूरतों पर ध्यान देते हैं. एक नये अध्ययन से यह बात सामने आयी है. गोलकीपर्स ग्लोबल यूथ पोल के मुताबिक देश के करीब 55 प्रतिशत युवाओं का मानना है कि वे राजनीति और सरकार के बारे में जानकार हैं और करीब 69 प्रतिशत युवा बहुत हद तक यकीन करते हैं कि वे अपने देश के शासन के तौर-तरीकों को प्रभावित कर सकते हैं.

इसके मुताबिक 86 प्रतिशत नौजवान भारत के भविष्य को लेकर आशावादी हैं. उनमें से अधिकतर का मानना है कि राजनीतिक दलों के नेता उनका ख्याल रखते हैं. बिल एवं मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के इस सप्ताह न्यूयार्क में दूसरे वार्षिक गोलकीपर्स कार्यक्रम के पहले इप्सोस पब्लिक अफेयर्स ने यह सर्वेक्षण किया है. देश में सबसे ज्यादा चिंता युवाओं को बेरोजगारी को लेकर है. इस पक्ष में 44 प्रतिशत युवाओं ने जवाब दिया, जबकि 33 प्रतिशत युवाओं ने शिक्षा की कमी को चिंता का विषय माना. संयुक्त राष्ट्र श्रम संगठन की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2017 और 2018 के बीच भारत में बेरोजगारी में मामूली इजाफा हो सकता है और रोजगार सृजन में बाधा आने के संकेत हैं.

संयुक्त राष्ट्र अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन ने ‘2017 में वैश्विक रोजगार एवं सामाजिक दृष्टिकोण’ पर कल अपनी रिपोर्ट जारी की.रिपोर्ट के अनुसार रोजगार जरूरतों के कारण आर्थिक विकास पिछड़ता प्रतीत हो रहा है और इसमें पूरे 2017 के दौरान बेरोजगारी बढ़ने तथा सामाजिक असामनता की स्थिति के और बिगड़ने की आशंका जताई गई है. वर्ष 2017 और वर्ष 2018 में भारत में रोजगार सृजन की गतिविधियों के गति पकड़ने की संभावना नहीं है क्योंकि इस दौरान धीरे-धीरे बेरोजगारी बढ़ेगी और प्रतिशत के संदर्भ में इसमें गतिहीनता दिखाई देगी. 

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com