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देश 3 साल में दलहन उत्पादन में होगा आत्मनिर्भर: राधामोहन

radhaग्वालियर। केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा है कि अगले तीन साल के भीतर देश दलहन उत्पादन में भी आत्मनिर्भर हो जायेगा। भारत सरकार ने इस दिशा में कारगर कदम उठाए हैं। सरकार ने वर्तमान में दाल की कमी को दूर करने के लिये प्रधानमंत्री की पहल पर दलहन का बफर स्टॉक स्थापित करने का निर्णय भी लिया है।

कृषि मंत्री ने यह बात स्थानीय राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय में गुरुवार को शुरू हुए भारतीय मृदा विज्ञान संस्था के 81वें वार्षिक सम्मेलन एवं टिकाऊ दलहन उत्पादन पर चार दिवसीय विशेष संगोष्ठी के उदघाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कही। कार्यक्रम की अध्यक्षता केन्द्रीय पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने की।

मध्यप्रदेश में कृषि विकास के क्षेत्र में हुई उल्लेखनीय प्रगति की केन्द्रीय कृषि मंत्री ने सराहना की। उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्य जहाँ 4 प्रतिशत कृषि विकास दर पर पहुँच पाए हैं, वहीं मध्यप्रदेश की कृषि विकास दर 20 प्रतिशत से अधिक है।

केन्द्रीय कृषि मंत्री ने दलहन उत्पादन के क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदमों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सरकार ने दलहन उत्पादन को भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन में शामिल किया है।

देश के 29 राज्यों में खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत 450 कृषि विज्ञान केन्द्रों पर दलहन एवं तिलहन का प्रदर्शन सरकार द्वारा कराया जा रहा है। इसी कड़ी में सरकार ने इस साल खरीफ फसल के पहले देशभर में 150 दलहन हब बनाए गए, जिनमें एक हजार क्विंटल बीज का उत्पादन किया गया। इनमें से मध्यप्रदेश के आठ जिलों में दलहन हब बनाए गए, जिसमें ग्वालियर जिला भी शामिल है।

श्री सिंह ने कहा कि दलहन उत्पादन की दिशा में सरकार के प्रयास फलीभूत हुए हैं। इस साल पिछले वर्ष के मुकाबले लगभग 75 प्रतिशत दलहन का ज्यादा उत्पादन हुआ है। उन्होंने कहा देश के वैज्ञानिकों ने दलहन की ऐसी प्रजातियाँ विकसित की हैं, जो 120 दिन में तैयार हो जाती हैं।

केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की पहल पर देश की लाखों हेक्टेयर जमीन की सेहत सुधारकर अभियान बतौर सॉइल हेल्थ कार्ड बनाए जा रहे हैं। अब तक देश के चार करोड़ किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड बांटे जा चुके हैं। वर्ष 2017 तक सरकार 14 करोड़ किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड देगी। इन हेल्थ कार्ड के आधार पर हर तीन माह में किसानों की जमीन की जाँच की जायेगी। साथ ही दो वर्ष में हर सॉइल हेल्थ कार्ड का रिन्यूवल किया जायेगा।

उन्होंने कहा सरकार का लक्ष्य है कि हर हाथ को काम तो हर खेत को पानी मिले। कृषि मंत्री ने कहा देश में वर्तमान में 55 फीसदी जमीन असिंचित है, जिसे सिंचित करने के लिये सरकार ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना बनाई है। इसके तहत हर खेत को पानी देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार देश में अधूरी पड़ी 99 बड़ी सिंचाई योजनाओं को अगले चार साल के भीतर पूर्ण करने के लिये कटिबद्ध है। इनमें से 23 सिंचाई परियोजनायें इस साल पूर्ण की जा चुकी हैं। सरकार वर्षा आधारित क्षेत्रों में जैविक खेती और माइक्रो इरीगेशन को बढ़ावा दे रही है।

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