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पंजाब में कांग्रेस के विधायकों में अपनी सरकार के प्रति ही नाराजगी है

 पंजाब में कांग्रेस के विधायकों में अपनी सरकार के प्रति ही नाराजगी है। एक के बाद एक कांग्रेस विधायक कैप्‍टन अमरिंदर सिंह सरकार के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। इससे निपटना पंजाब कांग्रेस के लिए कठिन हाे रहा है। ये विधायक खुलेआम अपनी ही सरकार पर सवाल उठा रहे हैं। इसमें नशे का मुद्दा होता है तो क्षेत्रीय विकास में भेदभाव का भी। इसके अलावा कई अन्‍य मुद्दों पर भी सवाल होते हैं। पूरे घटनक्रम को बोर्ड और निगमों के चेयरमैन की नियुक्ति के मद्देनजर दबाव की राजनीति माना जा रहा है। इसके साथ ही इसे पंजाब की राजनीति में कैप्‍टन अमरिंदर पर पार्टी में दबे उनके विराेधियों से भी जोड़ा जा रहा है।

शुक्रवार को कांग्रेस विधायकों की नाराजगी एक बार फिर मुख्यमंत्री के सामने आई। विधायकों के साथ प्री-बजट मीटिंग में अमलोह के विधायक काका रणदीप सिंह ने एससी-बीसी कल्याण मंत्री साधू सिंह धर्मसोत पर निशाना साधा। रणदीप ने बैठक में मुद्दा उठाया कि उनके विधानसभा क्षेत्र में हुए सरकारी समारोह में उन्हें आमंत्रण नहीं दिया गया। इस समारोह में धर्मसोत मुख्य अतिथि थे। यही नहीं, उन्होंने मंडी गोबिंदगढ़ में स्टील स्ट्रक्चर नहीं बनने का भी मुद्दा उठाया। अन्य विधायकों ने भी फंड की कमी और विकास कार्यों की गति धीमी होने का मुद्दा उठाया।

सीएम के साथ बैठक में काका रणदीप ने कैबिनेट मंत्री धर्मसोत पर साधा निशाना

वहीं, मुख्यमंत्री ने बैठक में मोहाली समेत पंजाब के छह जिलों बरनाला, फतेहगढ़ साहिब, लुधियाना, पटियाला व रूपनगर में स्मार्ट विलेज मुहिम को आगे बढ़ाते हुए 208 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। सभी विधायकों से उनके विधानसभा क्षेत्र के विकास कार्यों की सूचियां प्राथमिकता के अनुसार सभी जिलों के डीसी को 31 जनवरी तक देने को कहा है। उन्होंने कहा कि ग्र्रामीण व शहरी क्षेत्र आधारभूत ढांचा के काम ग्र्रामीण विकास और पीआइडीबी की ओर से किए जाएंगे।

मालवा के विधायकों ने विकास का मुद्दा उठाया तो कैप्टन ने की स्मार्ट विलेज के लिए 208 करोड़ की घोषणा

उन्होंने स्पष्ट किया कि विधायकों को मिलने वाली पांच करोड़ रुपये की ग्रांट दो किश्तों में मिलेगी। मुख्यमंत्री ने वित्तायुक्त राजस्व के नेतृत्व में एक कमेटी का भी गठन किया है। इसमें प्रिंसिपल सेक्रेटरी ग्रामीण विकास, सेक्रेटरी उद्योग के अलावा राजपुरा, घन्नौर और फतेहगढ़ साहिब के विधायक भी शामिल होंगे। ये सभी राजपुरा में 1000 एकड़ में बनने वाले मेगा इंडस्ट्रियल पार्क के लिए उपयुक्त जमीन की तलाश करेंगे।

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कैप्टन के पैर पकड़ जीरा बोले, मुझे माफ कर दो 

उधर, नशे के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरने वाले जीरा (फिरोजपुर) से विधायक कुलबीर सिंह जीरा बैकफुट पर आ गए हैैं।  उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ से मुलाकात कर माफी मांग ली है। उन्होंने कैप्टन के तो पैर पकड़ लिए और बोले कि मुझे माफ कर दो। जाखड़ ने कहा है कि मुख्यमत्री से बात करने के बाद निलंबन वापसी का फैसला होगा।

निलंबन वापसी पर संशय बरकरार, लेकिन मुख्यमंत्री की बैठक में आज होंगे शामिल

पार्टी द्वारा प्राथमिक सदस्यता से निलंबित किए जाने के 48 घंटे के अंदर जीरा को अपने किए का अहसास हो गया। शुक्रवार सुबह वह मुख्यमंत्री से उनके आवास पर मिले और माफी मांगी। यह भी कहा कि कुछ लोगों ने उन्हें गुमराह कर दिया था। मुख्यमंत्री ने उन्हें प्रदेश प्रभारी आशा कुमारी व जाखड़ से मिलने को कहा। शाम को वह सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के साथ जाखड़ के पास पहुंचे। पंजाब भवन के बंद कमरे में लंबी बैठक चली जिसमें आशा कुमारी और फिरोजपुर के विधायक परमिंदर सिंह पिंकी भी थे।

उल्लेखनीय है कि जीरा के निलंबन के बाद पार्टी में खासा रोष था। विधायक भी निलंबन के खिलाफ थे जिसकी जानकारी पार्टी तक लगातार पहुंच रही थी। हालांकि उनके निलंबन वापसी पर अभी संशय बना हुआ है, लेकिन शनिवार को मुख्यमंत्री के साथ होने वाली मालवा के विधायकों की बैठक में वे मौजूद रहेंगे। बता दें कि फिरोजपुर में बीते सप्ताह पंचों-सरपंचों के शपथ ग्र्रहण समारोह में जीरा ने आइजी एमएस छीना पर आरोप लगाया था कि पुलिस ही ड्रग्स बिकवा रही है। उन्होंने समारोह का बहिष्कार भी कर दिया था।   
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” जीरा ने अपना पक्ष रखा है। निलंबन वापसी को लेकर मुख्यमंत्री के साथ बातचीत की जाएगी। आगे का फैसला सहमति के बाद ही लिया जाएगा।

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