इस्लामाबाद । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के खिलाफ ‘ईशनिंदा’ के आरोप में एक कुफ्र फतवा जारी हुआ है। हाल ही में हिंदुओं के त्योहार होली के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में कथित तौर पर इस्लाम के खिलाफ बोलने के लिए एक मौलवी ने नवाज के खिलाफ फतवा जारी किया है।
पाकिस्तान की राजनीतिक और सामाजिक परिस्थितियों के मद्देनजर, नवाज द्वारा होली पर दिए गए भाषण को कई मायनों में ऐतिहासिक माना जा रहा है। उन्होंने अपने भाषण में समग्रता, सहिष्णुता, धार्मिक सद्भाव और शांति से मिल-जुलकर रहने की वकालत की थी। इस समारोह में गायत्री महामंत्र का भी पाठ किया गया था।
इस मौके पर नवाज ने वहां मौजूद हिंदुओं को होली की शुभकामना देते हुए काफी दोस्ताना भाषण दिया था। हिंदू समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए नवाज ने कहा था, ‘दो साल पहले मैं आपका हो गया था और आप मेरे हो गए थे। आज हमारा यह रिश्ता और ज्यादा मजबूत हो गया है।’ अपने इसी भाषण के कारण अब नवाज इस्लामी कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गए हैं।
इन कठमुल्लों को अक्ल नहीं आ सकती| यही कारण है कि गैर मुस्लिम देश इनका बहिष्कार कर रहे हैं| में दो बार अमेरिका गया हूं जहां मैने देखा कि वहां के मुस्लिमों को बहुत ही हिकारत की नज़र से देखा जाता है और अब तो ट्रॅंप ने इनके ऊपर काफी प्रतिबंध लगा दिये हैं|
पाकिस्तान के अखबार ‘डेली पाकिस्तान ग्लोबल’ में छपी एक खबर के मुताबिक, एक धार्मिक उपदेश देने के दौरान अल्लामा अशरफ जलाली ने कहा कि PM नवाज शरीफ ने ना केवल इस्लाम के खिलाफ ईशनिंदा की, बल्कि पाकिस्तान की स्थापना के ‘बुनियादी सिद्धांतों’ का भी अपमान किया।
जलाली पाकिस्तान अहले सुन्नाह वा-जानाह के नेता और सुन्नी एत्तेहाद काउंसिल के सचिव हैं। मालूम हो कि नवाज ने 14 मार्च को होली के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत करते हुए कहा था, ‘कोई भी इंसान किसी और शख्स को एक खास धर्म अपनाने के लिए बाध्य नहीं कर सकता है।’
होली पर दिए गए भाषण से कट्टरपंथियों के निशाने पर आए नवाज-
पाकिस्तान में हावी कट्टरपंथ के मद्देनजर नवाज के इस बयान की काफी सराहना भी हुई थी। नवाज के इस भाषण को देश में अल्पसंख्यकों की स्थिति बेहतर करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इस मौके पर नवाज ने कहा, ‘खुदा किसी शासक से यह नहीं पूछेगा कि उसने एक खास धर्म और तबके के लोगों के लिए क्या किया। खुदा मेरे जैसे इंसानों से पूछेगा कि हमने उसके बनाए इंसानों के लिए क्या किया।’
नवाज के इसी भाषण को इस्लाम की अवमानना बताते हुए जलाली ने PM द्वारा सार्वजनिक तौर पर माफी मांगे जाने की मांग की है। जलाली ने आरोप लगाया कि नवाज ने पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनते समय जो शपथ ली थी, उस प्रतिज्ञा का भी उन्होंने उल्लंघन किया है।
नवाज पहले ऐसे पाकिस्तानी राजनेता नहीं हैं, जिनके खिलाफ कुफ्र फतवा जारी हुआ हो। इससे पहले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के प्रमुख इमरान खान पर भी ईशनिंदा का आरोप लगा था। इमरान को बाद में अपने शब्द वापस लेने पड़े थे। लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सार्वजनिक माफी भी मांगी थी।