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प्रॉक्सी वोट पर लगी याचिका में कलेक्टर न्यायालय ने यह फैसला सुनाया

कलेक्टर न्यायालय ने एक प्रकरण में फैसला सुनाते हुए भाजपा समर्थित मंदसौर जनपद पंचायत अध्यक्ष शांतिलाल मालवीय को पद से हटाने का आदेश जारी किया। आदेश में जल्द ही सम्मेलन बुलाकर नया अध्यक्ष चुनने को भी कहा गया है। मामला जपं अध्यक्ष के मतदान के दौरान चार सदस्यों द्वारा प्रॉक्सी वोट डालने से जुड़ा है।

कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव द्वारा जारी आदेश में बताया गया कि 9 मार्च 2015 को मंदसौर जनपद पंचायत अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हुआ था। इसमें जपं के चुने हुए 25 सदस्य शामिल हुए थे, तब अध्यक्ष शांतिलाल मालवीय चुने गए थे। निकटतम प्रतिद्वंद्वी परशुराम सिसौदिया ने चार जपं सदस्यों के प्रॉक्सी वोट (संबंधित सदस्य का मत अपने कार्यकर्ता से डलवाना) डलवाने को नियम विरुद्ध बताते हुए कलेक्टर न्यायालय में याचिका दायर की थी।

याचिका में कहा गया था कि चार जनपद सदस्यों दुर्गाबाई, जुझार, विद्याबाई तथा प्रेमबाई के प्रॉक्सी वोट साथियों के माध्यम से करने की अनुमति दी गई थी, जबकि नियमानुसार इन चारों में से कोई भी निरक्षर, नेत्रहीन या निशक्त नहीं था। उनके साथ गए लोग भी परिवार के सदस्य नहीं थे।

कलेक्टर ने इसी आधार पर सभी पक्षों को सुनने के बाद पाया कि प्रॉक्सी वोट नियमानुसार नहीं डले थे। साढ़े तीन साल बाद सुनाए फैसले में जपं अध्यक्ष शांतिलाल मालवीय का निर्वाचन अवैध घोषित कर दिया। उल्लेखनीय है कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में अपने सदस्यों पर निगरानी रखने के लिए प्राय: राजनीतिक दल प्रॉक्सी वोट का इस्तेमाल करते हैं। 

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