Saturday , April 20 2024

बाबा साहेब डॉ.भीमराव अम्बेडकर के 63वें परिनिर्वाण दिवस पर आज लखनऊ के समतामूलक चौक के साथ ही सामाजिक परिवर्तन चौक झंडों तथा होर्डिंग से पट गया

भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर के 63वें परिनिर्वाण दिवस पर लखनऊ के अंबेडकर पार्क में श्रदांजलि सभा का आयोजन किया गया है। गोमतीनगर में डॉ. अंबेडकर सामाजिक परिर्वतन चौक में इस मौके पर बहुजन समाज पार्टी के तमाम बड़े नेताओं के साथ लोग डॉ. अम्बेडकर को श्रृदांजलि दे रहे हैं।

बाबा साहेब डॉ.भीमराव अम्बेडकर के 63वें परिनिर्वाण दिवस पर आज लखनऊ के समतामूलक चौक के साथ ही सामाजिक परिवर्तन चौक झंडों तथा होर्डिंग से पट गया है। परिनिर्वाण दिवस की आज बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने भव्य तैयारियां की हैं। पूरे प्रदेश सहित राजधानी लखनऊ के प्रमुख चौराहे निले रंग में रंगे हुए नजर आ रहे हैं। बड़ी संख्या में बसपा कार्यकर्ता भी अंबेडकर पार्क में पहचे। इस दौरान बसपा के प्रदेश अध्यक्ष आरएस कुशवाहा ने बाबा साहब के बताये रास्ते पर चलने का आवाहन किया।

लखनऊ के गोमतीनगर आंबेडकर मैदान, वूमेन पॉवर लाइन 1090 चौराहा, कांशीराम स्मारक, रमाबाई आंबेडकर मैदान झंडो और बड़े-बड़े होर्डिंग्स से पटे हुए नजर आ रहे हैं। परिनिर्वाण दिवस की तैयारियां भव्य तरीके से की गई हैं। आज पूरे प्रदेश में आठ लाख आरक्षण समर्थक बाबा साहब को अपने श्रद्धासुमन अर्पित कर करेंगे। आरक्षण समर्थक कार्मिक आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति,उप्र के आहवान पर विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी बाबा साहब को नमन करते हुए अपना श्रद्धासुमन अर्पित करेंगे।

आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति संयोजक मण्डल बाबा साहब डा. भीमराव अम्बेडकर सामाजिक परिवर्तन प्रतीक स्थल, गोमती नगर में बाबा साहब को श्रद्धासुमन अर्पित कर रहे हैं। पूरे प्रदेश के सभी संयोजकों को यह निर्देश दिये गये हैं कि वह बाबा साहब के बताये हुए रास्ते पर चलने के लिये समाज को जागरूक करें। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति के संयोजकों अवधेश कुमार वर्मा, आरपी केन, अनिल कुमार, अजय कुमार, अन्जनी कुमार, प्रेम चन्द्र, रंजीत कुमार, दिनेश कुमार, जय प्रकाश, आनन्द कनौजिया सुनील कनौजिया ने कहा कि बाबा साहब की संवैधानिक व्यवस्था की रक्षा करने के लिये देश का आरक्षण समर्थक हर कुर्बानी देने के लिये तैयार रहेगा। बाबा साहब की बदौलत ही आज पूरे देश में बहुजन समाज को इज्जत, प्रतिष्ठा, शिक्षा और सम्मान मिला है, इसे पूरे देश के बहुजन समाज को बचा के रखना है।

डॉ. अंबेडकर को भारतीय संविधान का जनक कहा जाता है। भारत के लोग सुंदर ढंग से सजायी गयी प्रतिमा पर फूल, माला, दीपक और मोमबत्ती जलाकर और साहित्य की भेंट करके उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। इस दिन लोगों की बड़ी भीड़ उन्हें सम्मान और आदर देने के लिये सुबह संसद भवन परिसर में आती है और एक सबसे प्रसिद्ध नारा ‘बाबा साहेब अमर रहें’ लगाते हैं। इस अवसर पर बौद्ध भिक्षु सहित कुछ लोग कई पवित्र गीत भी गाते हैं। उनके बेटे की पत्नी (पुत्र-वधू) मीरा ताई अम्बेडकर द्वारा 5 दिसंबर को आधी रात को समता सैनिक दल सलाम लिया जाता है। सलामी देने के बाद, उनकी शिक्षाओं को सस्वर पढ़ा जाता है और फिर स्तूप फाटक सभी के लिए खोल दिया जाता है।

डॉ.भीमराव आंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस हर वर्ष देश के प्रति बाबा साहब के महान योगदान को मनाने के लिए नगर निगम और अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए राज्य सरकार के कर्मचारियों के संघ द्वारा एक समारोह का आयोजन करके मनाया जाता है। उनके महान प्रयास ने देश को एकजुट रखने में बहुत मदद की है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर द्वारा लिखित भारत का संविधान अभी भी देश का मार्गदर्शन कर रहा है और आज भी ये कई संकटों के दौरान सुरक्षित रूप से बाहर उभरने में मदद कर रहा है। भारत सरकार द्वारा डॉ अंबेडकर फाउंडेशन (वर्ष 1992 में मार्च 24 को) स्थापित किया गया, ताकि पूरे देश में लोग सामाजिक न्याय का संदेश प्राप्त कर सकें।

भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता और स्वतंत्र भारत के पहले कानून मंत्री बाबा साहब डॉ. भीमराव आंबेडकर का निधन 6 दिसंबर 1956 को हुआ था। उन्हें वर्ष 1990 में मरणोपरांत भारत रत्न दिया गया। यही कारण है कि डॉ. भीमराव आंबेडकर का परिनिर्वाण दिवस हर साल उनकी पुण्यतिथि 6 दिसम्बर को श्रद्धांजलि और सम्मान देने के लिये मनाया जाता है। 

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com