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बुराड़ी केस : 11 साल पहले भी ललित ने की थी मोक्ष प्राप्ति की क्रिया!

बुराड़ी केस : 11 साल पहले भी ललित ने की थी मोक्ष प्राप्ति की क्रिया!

बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 सदस्यों की मौत का मामला लगातार उलझता जा रहा है। जहां एक तरफ पुलिस लगातार मोक्ष के लिए तंत्र-मंत्र के कारण जान देने के एंगल पर जांच कर रही है वहीं परिजन लगातार मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज करते हुए हत्या की आशंका जता रहे हैं। इस बीच एक ताजा खुलासा हुआ है कि 11 साल पहले भी ललित के साथ एसी ही कुछ घटना हुई थी।बुराड़ी केस : 11 साल पहले भी ललित ने की थी मोक्ष प्राप्ति की क्रिया!

इसके बाद आशंका जताई जा रही है कि ललित ने कहीं 11 साल पूर्व भी कथित मोक्ष प्राप्ति की कोशिश तो नहीं की थी। इसके लिए उन्होंने वही क्रिया तो नहीं की थी जो शनिवार की रात घर में की गई। इस बात की आशंका इसलिए है कि 11 साल पूर्व ललित अपनी दुकान में घायल मिले थे।

आसपास के लोगों के मुताबिक उस समय भी उनके मुंह पर कपड़े आदि बंधे मिले और गले पर चोट के निशान थे। इस कारण उनकी आवाज भी चली गई थी। उस समय उनकी जान बच गई थी। उस समय ललित दुकान के अंदर मुंह पर कपड़ा बांधे मिले थे। उस घटना को ललित के परिजन हमला बता रहे हैं, लेकिन तब भी यह साफ नहीं हो सका था कि उन पर किसने व क्यों हमला किया था।

कहीं ललित की सनक ने तो नहीं उजाड़ दिया परिवार

बुराड़ी मामले में पुलिस की जांच व मिले सुराग जहां सामूहिक आत्महत्या की ओर इशारा कर रहे हैं। इस घटना में नारायण देवी के छोटे बेटे ललित की भूमिका मुख्य रूप में सामने आई है। छोटा भाई होने के बावजूद वह घर में मुखिया की भूमिका निभा रहे थे। पड़ोसियों के मुताबिक ललित की मानसिक दशा ठीक नहीं थी।

पुलिस को अंदेशा है कि मानसिक हालत ठीक नहीं होने की स्थिति में ललित अंधविश्वास में पड़ मोक्ष की प्राप्ति की आड़ में पहले परिजनों का ब्रेन वाश किया। बाद में परिजनों से अपनी बातों को मनवाने लगे। जिसकी परिणति 11 लोगों की मौत के रूप में हुई। पड़ोसियों की मानें तो परिजन भले ही ललित की सभी बाते मानते थे। लेकिन अंधविश्वासी नहीं थे।

रजिस्टरों में अंतराल पर मिली लिखावट

क्राइम ब्रांच की टीम को मृतकों के मकान से सोमवार को एक और रजिस्टर मिला है। रजिस्टर में लिखावट की पुष्टि के लिए इसे फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। अब तक पुलिस को तीन रजिस्टर मिल चुके हैं। तीनों ही करीब साठ-साठ पेज के हैं। इनमें तारीख के अनुसार बातें लिखी हुई हैं। लेकिन कहीं 15 दिनों के अंतराल पर लिखावट मिली है तो कहीं दो से पांच दिन पर। कहीं-कहीं दो तीन दिनों तक लगातार लिखावट भी मिली हैं। वहीं पुलिस ने किसी तांत्रिक या बाबा को हिरासत में लेकर पूछताछ करने की बात से इन्कार किया है।

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