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भारत की स्पेस एजेंसी ….ISRO के 2019 वाले ब्लू प्रिंट का DNA टेस्ट लिए तय किए हैं बड़े लक्ष्य..

अब हम भारत की Space Agency…. ISRO के 2019 वाले Blue Print का DNA टेस्ट करेंगे . अब तक अंतरिक्ष की दुनिया में अमेरिका की स्पेस ऐजेंसी.. NASA का एक छत्र राज माना जाता था लेकिन पिछले कुछ वर्षों से ये बाज़ी पलट गई है. और 2019 की शुरुआत में ISRO ने अपने आक्रामक तेवर पूरी दुनिया को दिखा दिए हैं. 

अब तक NASA, भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के बारे में बहुत बड़े स्तर पर प्रचार करता था, जिसकी वजह से पूरी दुनिया उसे अंतरिक्ष का सबसे बड़ा खिलाड़ी मानने लगी. जबकि ISRO की सफलता की चर्चा उसके मिशन के Launch हो जाने के बाद शुरू होती थी. लेकिन अब भारत इस तस्वीर को बदलना चाहता है.

आजकल मार्केटिंग का ज़माना है. जिसमें लोग मिट्ट्टी को सोना बनाकर बेच देते हैं . जबकि ISRO… भारत का ऐसा मूल्यवान सोना है जिसने देश के सम्मान को पूरी दुनिया में बढ़ाने का काम किया है . अपनी पिछली सफलताओं को ध्यान में रखकर ISRO ने ये तय किया है कि अब दुनिया को बड़े पैमाने पर ये बताया जाए कि भारत..सांप और सपेरों का नहीं बल्कि विज्ञान और तकनीक का देश है .

आज ISRO ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए अपने आने वाले अभियानों के बारे में महत्तवपूर्ण जानकारियां दी हैं.

ISRO ने इस वर्ष 32 space missions को अंतरिक्ष में भेजने का लक्ष्य रखा है . इनमें 14 launch vehicles, 17 satellites और एक Demo mission होगा .

चांद से जुड़ी महत्तवपूर्ण जानकारियों को इकट्ठा करने के लिए भारत का चंद्रयान-2 मिशन.. अप्रैल महीने के अंत तक चांद पर भेज दिया जाएगा .

चंद्रयान -2 मिशन चांद की सतह पर पानी, खनिज और जीवन की संभावनाओं के बारे जानकारी देगा.

इसी वर्ष सितंबर- अक्टूबर के महीने में G-SAT 20 सैटेलाइट को अंतरिक्ष में भेजा जाएगा . इसकी मदद से भारत की इंटरनेट स्पीड 100 GBPS तक बढ़ाई जा सकती है . इसके अलावा हवाई यात्रा के दौरान यात्रियों को इंटरनेट की सुविधा आसानी से उपलब्ध करवाई जा सकती है

ISRO के मुताबिक 2021 तक अंतरिक्ष में जाने वाले गगन-यान मिशन को तीन चरणों में पूरा किया जाएगा. इसके तहत तीन इंसानों को 7 दिन के लिए अंतरिक्ष में भेजा जाएगा . ये भारत का पहला manned मिशन होगा .

भारत के बहुत से छात्र अंतरिक्ष वैज्ञानिक बनने के लिए अमेरिका जाकर NASA में काम करना पसंद करते हैं . ऐसे छात्रों को रोकने के लिए ISRO देश में 6 बड़े रिसर्च सेंटर खोलने की तैयारी कर रहा है .इन संस्थानों मे पढ़ने वाले छात्रों को अंतरिक्ष विज्ञान की शिक्षा देकर ISRO में काम करने का मौका दिया जाएगा.

कुल मिलाकर ISRO ने ये तय कर लिया है कि वो अंतरिक्ष की दुनिया का सबसे बड़ा खिलाड़ी है. उसके पास काबिलियत की कोई कमी नहीं है. लेकिन उसकी क्षमताओं के बारे में पूरी दुनिया पास जानकारी होनी चाहिए. हमें लगता है कि देश के हर नागरिक को ISRO की काबिलियत की मार्केटिंग करनी चाहिए. क्योंकि विज्ञान ही वो कलम है जिससे भविष्य लिखा जाता है और भारत के वैज्ञानिक किसी से कम नहीं है.

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