Wednesday , April 24 2024

मंदिरों में हुई आज माता कुष्मांडा की धूमधाम से पूजा अर्चना

लखनऊ। शुक्रवार को मां के चौथे स्वरूप कूष्मांडा की पूजा-अर्चना की गई। मां के दर्शन के लिए भोर से ही मंदिरों में भक्तों की भीड़ लगी रही। मां को मालपुुए का भोग लगाया गया। मंदिरों में मां कुष्मांडा की वहीं जयकारे लगते रहे।

भक्तों ने मां कुष्मांडा को लाल फूल और मालपुए का भोग लगाकर बुद्धि के विकास और निर्णय की क्षमता के लिए वरदान मांगा गया। वहीं कुछ भक्तों ने मां को कद्दू का भी भोग लगाया। मंदिरों में सुबह 11 बजे तक भक्त मां के दर्शन करते रहे। दोपहर के बाद मंदिरों और घरों में भजनों का दौर शुरू हुआ।
मानसनगर के तुलसी मानस मंदिर के अलावा घरों में भी माता मां के चौथे स्वरूप की पूजा-अर्चना कर श्रृंगार किया गया। ठाकुरगंज स्थित मां पूर्वी देवी बाघंबरी सिद्धपीठ मंदिर में सुबह श्रृंगार पूजन के उपरांत देर शाम मां की आराधना की गई।

महिला मंडली ने भजन कीर्तन के बाद शाम को माता की आरती उतारी, महिलाओं ने मालपुए का भोग लगाकर प्रसाद बांटा। बंगला बाजार और कृष्णानगर के राम जानकी मंदिर, इन्द्रेश्वर मंदिर, दुर्गा मंदिरों में श्रृंगार के बाद भक्तों ने मां को चूनर चढ़ाई। चौक के बड़ी काली जी मंदिर और छोटी काली जी मंदिर में महिलाओं की कतारें दूर तक लगने वाली प्रसाद की दुकानों में भी श्रद्धालुओं की कतारें लगी रहीं।

महिलाओं ने माता को श्रृगांर का सामान चढ़ाया। चिनहट के मां जानकी मंदिर, कैसरबाग दुर्गा मंदिर, ठाकुरगंज के कल्याण गिरि और कैसरबाग के स्वप्नेश्वर महादेव व शास्त्रीनगर दुगर्मा मंदिरों में भी भक्तों की लंबी कतारें लगी रहीं। कैसरबाग घसियारी मंडी के काली बाड़ी मंदिर मेंं शाम को आरती और भुइयन देवी मंदिर में भी भक्तों ने माता की आराधना पूजा की।

चौक के संतोषी माता मंदिर, रानी कटरा के संकटा देवी मंदिर में सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखी गई। भक्तों ने माता को चूनर, कुमकुम, अक्षत के साथ धूप, दीप और नैवैद्य चढ़ाया। महिला मंडल ने श्रृंगार के बाद शाम को महाआरती में हिस्सा लिया। शाम को मां के मंदिरों में दुर्गा सप्शती का पाठ किया गया।

टिकैत राय तालाब स्थित श्री राम मंदिर से श्रीराम बरात निकाली जाएगी। बारात में श्रीराम दरबार के साथ ही भगवान के विविध स्वरूपों की झाकियां यात्रा में शामिल की जाएंगी।

51 शक्तिपीठ में रक्ता बर रंग से सजी माता कुष्मांण्डा
नन्दना बीकेटी स्थित इक्यावन शक्तिपीठ में चल रहे वासंतिक नवरात्र उत्सव के तीसरे दिन शुक्रवार को भक्तों ने नव दुर्गाओं में चतुर्थ कुष्माण्डा स्वरुप की आराधना पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ की गयी। आज पीण्डी पूजन वरद तिवारी और पीएन मेहरोत्रा द्वारा सम्पन्न हुआ। प्रवक्ता अजय अरोड़ा ने बताया कि आज मां का रक्ता बर लाल रंग से शृंगार किया गया। महेश मानसरोवर की ओर से लाल रंग का भोग प्रसाद अर्पण किया गया। शाम को भजन में बिन्नी त्रिपाठी, लता चौधरी ने मां का एक भजन मां का सजा दरबार लाल दर्शन कर लो एक बार… सुनाया तो मन्दिर जय माता दी के जयघोष से गूंज उठा।
फोटो- स्कंतद माता
आज होगी माता स्कंदमाता की पूजा
आज के दिन मां दुर्गा के नौ रूपों में से स्कंदमाता रूप की पूजा की जाती है, स्कंदमाता की चार भुजाएं हैं। माता अपने दो हाथों में कमल पुष्प धारण किए हुए हैं और एक हाथ से कुमार कार्तिकेय को गोद लिए हुए हैं। देवी स्कंदमाता का वाहन सिंह है। यह देवी दुर्गा का ममतामयी रूप है, जो भक्त मां के इस स्वरूप का ध्यान करता है उस पर मां ममता की वर्षा करती हैं और हर संकट एवं दु:ख से भक्त को मुक्त कर देती है। संतान सुख की इच्छा से जो व्यक्ति मां स्कंदमाता की आराधना करना चाहते हैं उन्हें नवरात्र की पांचवी तिथि को लाल वस्त्र में सुहाग चिन्ह सिंदूर, लाल चूड़ी, महावर, नेल पेंट, लाल बिंदी, सेब और लाल फूल एवं चावल बांधकर मां की गोद भरनी चाहिए। कहते हैं कि गला एवं वाणी क्षेत्र पर स्कंदमाता का प्रभाव होता है, इसलिए जिन्हें गले में किसी प्रकार की तकलीफ या वाणी हो, उन्हें गंगाजल में पांच लवंग मिलाकर स्कंदमाता का आचमन कराना चाहिए और इसे प्रसाद स्वरूप पीना चाहिए।

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