भोपाल। बिहार के बाद मध्यप्रदेश में शराबबंदी कानून बनाने के लिए आंदोलन की जमीन तैयार होने लगी है। विनोबा भावे की जयंती 11 सितंबर से शराबमुक्त मध्यप्रदेश अभियान शुरूआत होगी। इसकी अगुआई नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता मेधा पाटकर, गांधी शांति प्रतिष्ठान के कुमार प्रशांत और पूर्व विधायक व किसान संघर्ष समिति के संयोजक डॉ. सुनीलम करेंगे। इसके साथ ही कई राज्यों में भी चल रहे छोटे-छोटे शराबबंदी के आंदोलनों को एक मंच पर लाने के लिए देशभर के गांधीवादी 2 अक्टूबर को तमिलनाडु से एक यात्रा शुरू करेंगे, जो 12 अक्टूबर को भोपाल में समाप्त होगी।
आंदोलन को लेकर 1 जुलाई को दिल्ली में गांधी शांति प्रतिष्ठान में देशभर के तमाम गांधीवादी संगठनों की बैठक हो चुकी है। इस बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार भी शामिल हुए थे। इसके बाद 31 जुलाई को बड़वानी में राजघाट पर शराबबंदी अभियान की तैयारी के लिए नेशनल एलायंस फॉर प्यूपिल्स मूवमेंट (एनएपीएम) के बैनरतले कई राज्यों के एनजीओ और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर मध्यप्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ राज्यों में शराबबंदी कानून लागू कराने के लिए आंदोलन की भूमिका तैयार की गई है।