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मोदी ने मेरठ में दिया ओछी व जातिवादी राजनीति का परिचय : मायावती

लखनऊ। बसपा सुप्रीमों मायावती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शनिवार को मेरठ की चुनावी रैली में अपने भाषण के दौरान ओछी राजनीति करते हुए पार्टी के बजाय नाम लेकर अर्थात स्कैम (यानि की एस से सपा, सी से कांग्रेस, ए से अखिलेश व एम से मायावती) लड़ाई लड़ने की बात कहने की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री पद पर बैठे व्यक्ति को क्या शोभा देता है कि वह स्कैम में एम से मायावती का नाम लेकर राजनीतिक लड़ाई लड़ने की बात करे।

इसमें इनमें ओछी व जातिवादी मानसिकता साफ तौर पर झलकती है और इनकी इस प्रकार की बातों से ही यह पता चलता है कि बीजेपी एण्ड कम्पनी व इनका पैतृक संगठन आरएसएस साम्पद्रायिक घृणा के साथ-साथ दलितों व पिछड़ों के आरक्षण के खिलाफ है और संविधान में इसके प्रावधान को जदी से जदी से समाप्त करने को क्यों तत्पर को पर नोटबन्दी की आड़ में स्कैम करने का आरोप लगाते हुये कहा कि इन्हें देश व खासकर उत्तर प्रदेश की जनता से कोई भी नया वायदा करने से पहले नोटबन्दी के पहले 10 महीने के लेन–देन का हिसाब–किताब के साथ–साथ सन् 2014 लोकसभा आमचुनाव में चुनावी वायदों की वादाखिलाफी का हिसाब आमजनता को देना चाहिए।

आज यहां जारी एक बयान में मायावती ने कहा कि मेरठ में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आज का भाषण यह साबित करता है कि केन्द्र की बीजेपी की सरकार कितनी ज्यादा द्वेष व दुर्भावनाओं से ग्रसित सरकार है। प्रधानमंत्री की जुबान से व्यक्ति विशेष (अर्थात् मायावती) का नाम लेकर भाषणबाजी यह भी साबित करता है कि बीजेपी की खासकर उत्तर प्रदेश विधानसभा आमचुनाव में हालत काफी दयनीय है जिसे देखकर वे कितनी ज्यादा हताशा व निराशा में हैं।

साथ ही जितनी प्रकार की बुराइयों खासकर भ्रष्टाचार, कालाधन, वादाखिलाफी, सपा सरकार की गलत नीति व कार्यशैली एवं जनविरोधी कार्यकलापों आदि का उलेख करते हुये श्री मोदी ने इनसे छुटकारा पाने का आह्वान किया है, वास्तव में वे सब सामाजिक, राजनीतिक व आर्थिक बुराइयों वर्तमान में सबसे ज्यादा बीजेपी में ही भरी पड़ी हैं व इसकी पोषक है जबकि कांग्रेस पार्टी इन सब की जननी मानी जाती है, जैसाकि आमधारणा है, परन्तु खासकर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी अपने गिरेवान में झांकना नहीं जानते हैं।

मायावती जी ने कहा कि देश की सुरक्षा व ‘‘सर्जिकल स्ट्राइक‘‘ के नाम पर भी चुनावी राजनीति करना देश के प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता है, परन्तु श्री मोदी इन बातों की क्यों परवाह करें? उनका पिछला रिकार्ड यही बताता है कि चुनावी व राजनीतिक स्वार्थ के लिये वे कुछ भी कर सकते हैं।

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