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योगी ने 60 हजार जनसेवा केन्द्रों को भीम ऐप से जोड़ने की शुरुआत की

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अगर देश को विकसित होना है तो आर्थिक असमानता के साथ-साथ आर्थिक कदाचार को भी रोकना होगा।

यह तभी सम्भव है जब डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा दिया जाए, जिससे एक-एक पाई का हिसाब रखा जा सके। आर्थिक असमानता को दूर करने तथा भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए ही प्रधानमंत्री ने नोट बन्दी का फैसला लिया था और इसके साथ ही, आमजन मानस को कैशलेस अर्थव्यवस्था से जोड़ने के लिए कई प्रकार के पुरस्कारों एवं प्रोत्साहनों की घोषणा की।

मुख्यमंत्री शुक्रवार को इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित 100वां डिजिधन मेला को सम्बोधित कर रहे थे। इस अवसर पर विभिन्न वित्तीय एवं वाणिज्यिक संस्थाओं द्वारा डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए एक प्रदर्शनी भी लगायी गई थी, जिसका अवलोकन मुख्यमंत्री ने किया। इसके साथ ही, उन्होंने प्रदेश के 60 हजार जनसेवा केन्द्रों को भीम ऐप से जोड़ने की शुरुआत भी की।

डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने कई कम्पनियों एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों के पदाधिकारियों, अग्रणी किसानों तथा जनसेवा केन्द्रों के प्रभारियों को सम्मानित किया। इनके अलावा, बैंकर्स एवं राजकीय विभागों के अधिकारी भी सम्मानित किए गए। सम्मान प्राप्त करने वालों में पश्मिांचल विद्युत वितरण निगम के प्रबन्ध निदेशक अभिषेक प्रकाश, परिवहन आयुक्त के. रविन्द्र नायक, वाणिज्य कर आयुक्त मुकेश कुमार मेश्राम, निदेशक मण्डी परिषद आशीष कुमार गोयल तथा जिलाधिकारी गाजियाबाद सुश्री निधि केसरवानी भी शामिल थीं।

योगी ने कहा कि भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेन्स की नीति अपनायी जाएगी। उनकी सरकार भ्रष्टाचारियों को जेल में डालने और सम्पत्ति जब्त करने की कार्रवाई तक से भी नहीं हिचकेगी। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी विभागों में ई-टेण्डरिंग की व्यवस्था लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार और कालेधन पर अंकुश लगाने के लिए कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्सर देश की जनता चुनाव के समय भ्रष्टाचार के सम्बन्ध में बड़े-बड़े दावों को सुनती आ रही थी और जैसे ही चुनाव समाप्त हो जाता था भ्रष्टाचार पर चर्चा भी खत्म हो जाती थी। केन्द्र की वर्तमान सरकार ने भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए पूरी गम्भीरता से काम शुरू किया।

केन्द्र सरकार यह भी सुनिश्चित कर रही है कि अब आगे भ्रष्टाचार पर अंकुश लगे। देश का पैसा विदेशों में जमा कर देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर न किया जा सके, इसीलिए प्रधानमंत्री द्वारा नोटबन्दी की गई। उन्होंने आश्चर्य व्यक्त किया कि तमाम राजनीतिक दलों एवं संस्थाओं द्वारा केन्द्र सरकार के इस निर्णय के विरुद्ध भ्रम फैलाने का प्रयास किया। इसके बावजूद यहां की आम जनता ने प्रधानमंत्री के इस निर्णय का पूरे उत्साह के साथ समर्थन किया और उनके साथ चट्टान की तरह खड़ी रही।

योगी ने कहा कि जब हमारे देश में नोटबन्दी की गई थी उसी समय एक विदेशी सरकार ने भी अपने यहां इसी तरह का कदम उठाया, लेकिन वहां की सरकार को अपने निर्णय वापस लेना पड़ा। जबकि प्रधानमंत्री मोदी जनता के हितों को दृष्टिगत रखते हुए नोटबन्दी के निर्णय पर दृढ़संकल्पित रहे, जिसका परिणाम अब दिखाई पड़ने लगा है। श्री योगी ने कहा कि यदि राजनीतिक पूर्वाग्रह से हटकर केन्द्र की वर्तमान सरकार से पूर्व और अब देश की स्थिति का आकलन किया जाए तो स्पष्ट हो जाएगा कि प्रधानमंत्री ने देश के नागरिकों का आत्म-विश्वास बढ़ाया है। खराब हालात तक पहुंच चुके राजनीतिक प्रतिनिधियों के प्रति लोगों की सोच को परिवर्तित कर पुनः सकारात्मक बनाने का काम किया। इसी प्रकार उत्तर प्रदेश की सरकार प्रदेश की जनता को भ्रष्टाचार रहित प्रशासन देने के लिए कटिबद्ध है।

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