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लोहिया अस्पताल में मरीज की फाइल के उड़े चिथड़े

लखनऊ। लोहिया अस्पताल में बुजुर्ग मरीज की बिगड़ती हालत को डाक्टर से देख लेने को कहने पर डाक्टर और कर्मचारी भड़क उठे। और मरीज की फाइल और जांच रिर्पोट की चिन्दी चिन्दी कर कूड़ेदान में फेक दी। फाइल और जांच रिर्पोट के चिथड़े हो जाने के कारण मरीज का इलाज भी पूरी तरह से प्रतिबन्धित हो गया।

बाराबंकी निवासी बुजुर्ग बाबूलाल (80) पेट की गंभीर बीमारी के चलते बाराबंकी के में इलाज चल रहा था। मरीज की हालत में सुधार न होता देख बाराबंकी से मरीज को लोहिया रेफर कर दिया गया। सुबह करीब दस बजे मरीज को इमरजेंसी में लेकर आए। मरीज के पुत्र अजीत ने बताया कि इमरजेंसी में मरीज को देखने के डाक्टर हिलाहवाली करने लगे। हाथ पैर जोड़ने के बाद डाक्टर ने डाक्टर इलाज देने के राजी हो गए लेकिन लेकिन कर्मचारियों ने फाइल बनाने से साफ इंकार कर दिया। जिसको लेकिर परिवार वालो ने हंगामा शुरू कर दिया हंगामे के मरीज की फाइल तैयार की गयी।

बेटे अजीत कुमार का आरोप है कि भर्ती के बाद मरीज को एक इंजेक्शन लगाया गया। इसके बाद मरीज को घर ले जाने की सलाह दी गई। जबकि मरीज की हालत लगातार बिगड़ रही थी। आरोप हैं कि दो बजे तक मरीज को दोबारा किसी ने नहीं देखा। हालत बिगड़ने पर तीमारदारों ने हंगामा शुरू कर दिया। कर्मचारियों ने बताया इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर चले गए हैं। दूसरे डॉक्टर के आने के बाद ही इलाज शुरू होगा। परिवारीजनों का आरोप है कि हंगामे के बाद कर्मचारियों ने मरीज की फाइल गायब कर दी। काफी तलाश के बाद भी फाइल नहीं मिली। इस पर एक कर्मचारी ने कहा कि अभी फाइल ही गायब हुई है। मरीज को ले जाओ वरना उनका भी पता नहीं चलेगा। इससे मरीज दुखी हो गए। उन्होंने फाइल की तलाश शुरू की। तो उन्हें कूड़दान में फाइल के टुकड़े-टुकड़े मिले। अल्ट्रासाउंड समेत दूसरी खून की जांच रिपोर्टे भी फटी मिली।

निदेशक के हस्तक्षेप के बाद शांत हुआ मामला
फटी फाइल के बारे मे डाक्टरो का कहना है निदेशक डीएस नेगी का कहना है कि मरीज को भर्ती कर दूसरी फाइल तैयार कर दी गयी है। मरीज की फाइल काम के दबाव के वजह से गलती से फट गयी थी। मरीज को डिस्चार्ज नहीं किया गया था। मरीज भर्ती हैं।

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