Thursday , April 18 2024

विपक्ष के इन हमलो का मोदी ने दिया करारा जवाब

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर बहस में हिस्सा लेते हुए विपक्षी दल कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। मोदी के संबोधन के दौरान किसी भी सासंद ने कुछ नहीं कहा।

पक्ष और विपक्ष चुपचाप मोदी को सुनते रहे। पिछले काफी समय से विपक्ष कई अहम मुद्दों को लेकर मोदी पर हमलावर हो रही थी। आज मोदी ने उन सभी मुद्दों पर विपक्ष को करारा जवाब दिया ।

1. राहुल के भूकंप पर चुटकी
राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि आखिरकार भूकंप आ ही गया। मोदी ने कहा कि धमकी तो बहुत पहले मिल गई थी, भूकंप अब आया है और जहां भूकंप आया है वहां केंद्र सरकार लोगों के संपर्क में है। कुछ टीमें वहां पहुंच गई हैं। मैं सोच रहा था कि भूकंप आया कैसे? कोई तो कारण होगा कि धरती मां इतनी रूठ गई होगी?”

2. नोटबंदी
पीएम ने कहा कि पहले दिन से सरकार कह रही थी कि हम नोटबंदी पर चर्चा के लिए तैयार हैं पर आपको लग रहा था कि टीवी पर कतार, मोदी इसका फायदा उठा ले जाएगा। उस वक्त केवल टीवी बाइट देने में मजा आता था, कितना बड़ा बदलाव आया है जो बारीकी से चीजों का अध्ययन करते हैं, उनका ध्यान जाए। 2014 के पहले का वक्त देख लीजिए, वहां से आवाज उठती थी, कोयले में कितना खाया, टू-जी में कितना गया, जल, वायु करप्शन में कितना गया, कितने लाख, कितने करोड़ गए, अब वहां से आवाज आती है कि मोदी जी कितना लाए, कितना लाए, ये मेरे लिए खुशी की खबर है। यही तो सही कदम है, ये मेरे लिए संतोष की बात है। इससे बड़ा जिंदगी में संतोष क्या है। जो लेाग नोटबंदी पर सवाल उठा रहे हैं उन्हें इस बात का जवाब देना होगा। मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय उनके वित्त मंत्री वाई वी चव्हाण भी बड़े नोटों को बंद करने का सुझाव लेकर उनके समक्ष गए थे लेकिन तब चुनाव के डर से उन्होंने कोई फैसला नहीं लिया। लेकिन‘हमे चुनाव का डर नहीं है। देश की चिंता हैं इसलिए नोटबंदी लेकर आए हैं।‘

3. बेनामी संपत्ति
मोदी ने कहा, ”हमारे खड़गे जी ने कहा कि काला धन हीरे-जवाहरात, सोने-चांदी और प्रॉपर्टी में है। मैं आपकी बात से सहमत हूं लेकिन ये सदन जानता चाहता है कि ये ज्ञान आपको कब हुआ? क्योंकि इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि भ्रष्टाचार की शुरुआत नकद से होती थी। परिणाम में प्रॉपर्टी-ज्वैलरी होती है। जरा बताइए कि 1988 में जब राजीव गांधी देश के प्रधानमंत्री थे। पंडित नेहरू से भी ज्यादा बहुमत दाेनों सदनों में आपके पास था। पंचायत से पार्लियामेंट तक सबकुछ आपके कब्जे था।” ”1988 में आपने बेनामी संपत्ति का कानून बनाया।

आपको जो ज्ञान आज हुआ है, क्या कारण था कि 26 साल तक उस कानून को नोटिफाई नहीं किया गया? क्यों उसे दबोच कर रखा गया। तब नोटिफाई कर देते थे तो 26 साल पहले की स्थिति ठीक थी। देश को साफ-सुथरा करने में योगदान हो जाता। वो कौन लाेग थे, जिन्हें कानून बनने के बाद लगा कि इससे तो नुकसान हो जाएगा। आपको देश को जवाब देना पड़ेगा।” ”हमने कानून बनाया है। मैं आज इस सदन के जरिए देशवासियों को कहना चाहता हूं कि आप कितने ही बड़े क्यों न हो, गरीब के हक का आपको लौटाना पड़ेगा। मैं इस रास्ते से पीछे लौटने वाला नहीं हूं। इस देश में प्राकृतिक संपदा, मानव संसाधन की कमी नहीं थी लेकिन एक ऐसा वर्ग पनपा जो लोगों का हक लूटता रहा। इसलिए देश ऊंचाई पर नहीं पहुंच पाया।” तभी विपक्ष ने बीच में बोलना शुरू किया कि जियो के बारे में बोलिए पीएम साहब। इस पर मोदी ने जवाब दिया, जिनके पास एजेंसी है, वो बोलेंगे।

4. सर्जिकल स्ट्राइक
मोदी ने कहा, ”अपने सीने पर हाथ रखकर पूछिए। सर्जिकल स्ट्राइक के पहले 24 घंटे में नेताओं ने क्या बयान दिए थे? जब उन्होंने देखा कि देश का मिजाज अलग है तो उन्हें अपनी भाषा बदलनी पड़ी। ये बहुत बड़ा निर्णय था। नोटबंदी में तो लोग पूछते हैं कि मोदीजी सीक्रेट क्यों रखा, कैबिनेट क्यों नहीं बुलाई। सर्जिकल स्ट्राइक के बारे में कोई नहीं पूछ रहा।” ”हमारे देश की सेना के जितने गुण-गान करें, उतना कम है। इतनी सफल सर्जिकल स्ट्राइक की है। सर्जिकल स्ट्राइक आपको परेशान कर रही है, मैं जानता हूं। आपकी मुसीबत यह है कि पब्लिक में जाकर बोल नहीं पाते हो। अंदर पीड़ा महसूस कर रहे हो। आप मानकर चलिए कि ये देश और हमारी सेना सीमाओं की रक्षा के लिए पूरी सक्षम है।”

5. बजट पर सफाई
बजट इस बार पहले ही क्यों पेश किया गया इस पर सफाई पेश करते हुए मोदी ने कहा, भारत कृषि प्रधान देश है। हमारा पूरा आर्थिक कारोबार कृषि पर आधारित है। कृषि की ज्यादातर स्थिति दीपावली तक पता चल जाती है। और हम आज भी अंग्रेजों की छोड़ी विरासत को लेकर चल रहे हैं। हम मई में बजट की प्रक्रिया से पार निकलते हैं। एक जून के बाद बारिश आती है। और तीन महीने बजट का इस्तेमाल नहीं हो पाता। काम करने का समय कब बचता है। जब समय आता है तो दिसंबर से मार्च तक जल्दबाजी में काम होते हैं।”

मोदी ने उदाहरण देते हुए कहा कि ”बजट पहले शाम 5 बजे पेश होता था। ऐसा इसलिए होता था क्योंकि यूके के टाइम के हिसाब से अंग्रेज यहां बजट पेश करते थे। और अगर घड़ी को उल्टा कर दिया जाए तो यह लंदन का टाइम दिखाता है। इसलिए ”जब अटलजी की सरकार आई तो समय बदला गया। जब आपकी (यूपीए) सरकार थी तो आपने भी कमेटी बनाई थी। आप भी चाहते थे कि वक्त बदलना चाहिए। आपके वक्त के प्रपोजल को ही हमारी सरकार ने पकड़ा। आप नहीं कर पाए। आपकी प्रायाेरिटी अलग थी। आपको तो बड़े गर्व से कहना चाहिए। फायदा उठाइए न कि ये हमारे समय हुआ था।” और आप शोर डाल रहे हैं कि बजट पहले क्यों पेश कर दिया। ”रेलवे में भी 90 साल पहले जब रेल बजट आता था, तब ट्रांसपोर्टेशन का मोड रेलवे ही था। आज ट्रांसपोर्टेशन बड़ी अनिवार्यता है। इसके कई मोड हैं। पहले बजट में गौड़ाजी ने बताया था कि करीब 1500 घोषणाएं हुई थीं। लोगों को खुश रखने के लिए ऐलान होते थे। 1500 घोषणाओं को कागज पर ही मोक्ष प्राप्त हो गया था। ऐसी चीजें ब्यूरोक्रेसी को सूट करती थीं। इसलिए हमने ये बंद किया।”

6. लोगों ने अपनी मर्जी से छोड़ी सब्सिडी
शास्त्रीजी की अपनी गरिमा थी। युद्ध के दिन थे। भारत विजय का भाव था। शास्त्रीजी ने अन्न त्यागने की बात कही थी। ज्यादातर सरकारों ने जन सामर्थ्य को पहचानना छोड़ दिया है। लोकतंत्र के लिए यही सबसे बड़ा चिंता का विषय है। मुझ जैसे सामान्य व्यक्ति ने बातों-बातों में कह दिया था कि जो अफोर्ड कर सकते हैं, वे गैस की सब्सिडी छोड़ दें।”
”2014 में एक दल इस मुद्दे पर चुनाव लड़ रहा था कि 9 सिलेंडर देंगे या 12 देंगे। हमने तो बस इथना कहा कि हर घर में गैस हो इसलिए जो सब्सिडी छोड़ सकता है वो जरूर ऐसा करें, इस देश के 1 करोड़ 20 लाख से ज्यादा लोग गैस सब्सिडी छोड़ने के लिए आगे आए।” इसमें लाभ किसका हुआ देश का या हमारा।

7. आपातकाल का जिक्र
मल्लिकार्जुन जी कल कह रहे थे कि कांग्रेस की कृपा है कि अब भी लोकतंत्र बचा है और आप प्रधानमंत्री बन पाए। वाह! क्या शेर सुनाया।” ”बहुत बड़ी कृपा की अापने देश पर कि लोकतंत्र बचाया। कितने महान लोग हैं आप लेकिन उस पार्टी के लोकतंत्र को देश भली-भांति जानता है। एक परिवार के लिए पूरा लाेकतंत्र आहूत कर दिया गया है।”
1975 का कालखंड जब देश पर आपातकाल थोप दिया गया था, हिंदुस्तान को कारागार बना दिया गया था। जेपी समेत लाखों लोगों को जेल में डाल दिया गया था। अखबारों पर ताले लगा दिये गये थे। उन्हें अंदाज नहीं था कि जनशक्ति क्या होती है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को कुचलने के ढेर सारे प्रयासों के बावजूद जनशक्ति की ताकत से लोकतंत्र पुन: स्थापित हुआ। लोकतंत्र की ताकत है कि गरीब मां का बेटा भी इस देश का प्रधानमंत्री बन सकता है।’’

8. अपने ऊपर की गई टिप्पणी का जवाब
चंपारण सत्याग्रह शताब्दी का वर्ष है। इतिहास किताबों में रहे तो समाज को प्रेरणा नहीं देता। हर युग में इतिहास को जानने और जीने का प्रयास आवश्यक होता है। उस समय हम थे या नहीं थे, हमारे कुत्ते भी थे या नहीं थे औराें के कुत्ते हो सकते हैं। हम कुत्तों वाली परंपरा में पले-बढ़े नहीं हैं।” देश के कोटि-कोटि लोग थे, जब कांग्रेस पार्टी का जन्म नहीं हुआ था। 1857 का स्वतंत्रता संग्राम इस देश के लोगों ने जान की बाजी लगाकर लड़ा था। सभी ने मिलकर लड़ा था। सम्प्रदाय की भेद-रेखा नहीं थी। तब भी कमल था, आज भी कमल है।” दरअसल मोदी ने ये जवाब इसलिए दिया क्योंकि कांग्रेस की ओर से मोदी के बारे में सोमवार को एक टिप्पणी की गई थी, जिसमें ‘कुत्ते’ शब्द का इस्तेमाल हुआ था। स्पीकर ने यह शब्द कार्यवाही से हटवा दिया था।

9. भगवंत मान पर हमला
मोदी ने चार्वाक का एक संस्कृत श्लोक को पढ़ा जिसमें कर्ज लेकर ‘घी पीने’ की बात कही गई थी। मोदी ने कहा कि अगर उस समय भगवंत मान होते तो कुछ और पीने की बात करते। बता दे कि मान पर संसद में शराब पीकर आने का आरोप लग चुका है।

10. डिजिटल करंसी पर सफाई
हमारी सरका कुछ भी करती है तो आप (कांग्रेस) कहती है कि ये तो हमारे समय मेें था, यह निर्णय तो हमारा था। इसलिए मैंने साेचा इसी पर खेलूं। आपके मैदान में आकर खेलने में मजा आता है।” मोदी ने महाभारत के एक श्लोक का जिक्र करते हुए विपक्ष पर निशाना साधा। कहा, ”धर्म क्या है, वो तो आप जानते हैं, लेकिन वह आपकी प्रवृत्ति नहीं थी। अधर्म क्या है, वो भी अाप जानते हैं, लेकिन उसे छोड़ने का आपका सामर्थ्य नहीं था।”

आपके नेता कहते रहे कि राजीव गांधी कम्प्यूटर क्रांति लाए। जब आज मैं कह रहा हूं कि मोबाइल फोन का इस्तेमाल बैंकिंग नेटवर्क में किया जा सकता है तो आप कह रहे हैं कि मोबाइल ही कहां हैं। तो आप क्या समझाना चाहते हैं?” अगर 40 फीसदी के पास भी मोबाइल है तो क्या उन्हें आधुनिक व्यवस्था की दिशा से जोड़ने का प्रयत्न क्यों नहीं होना चाहिए? आज एक-एक ATM को संभालने के लिए एवरेज 5 पुलिसवाले लगते हैं। करंसी को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के लिए काफी खर्च होता है। इसलिए जो लोग डिजिटल करंसी से जुड़ सकते हैं, उन्हें जोड़ना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि यदि अर्थव्यवस्था कमजोर होती तो वे नोटबंदी जैसा कदम नहीं उठाते। उन्होंने इस संदर्भ में डाक्टर और मरीज का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि कोई भी डाक्टर तबतक आपरेशन के लिए तैयार नहीं होता जबतक मरीज का शरीर उसे झेलने लायक नहीं हो। उन्होंने इसपर विपक्षी सदस्यों की टिप्पणी पर कहा ‘मैं कोई भी काम हड़बड़ी में नहीं करता। इस बात को समझने के लिए आपको मोदी का अध्ययन करना पड़ेगा। वहीं लोकसभा में आज प्रश्नकाल निर्बाध तरीके से संपन्न होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सभी पक्षों के सदस्यों के सहयोग के लिए सराहना करते हुए उन्हें शुक्रिया अदा किया।

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com