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शहाबुद्दीन मामले पर सुनवाई कल

sनई दिल्ली । राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद और बाहुबली नेता शहाबुद्दीन की जमानत रद्द कराने वाली याचिका पर अब सुनवाई 28 सितंबर को होगी । सुनवाई के दौरान वरिष्ठ चंद्रकेश्वर प्रसाद ऊर्फ चंदा बाबु के अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने कोर्ट से कहा कि शहाबुद्दीन के खिलाफ 45 मामले चल रहे हैं जिनमें 9 हत्या के केस हैं । दस मामलों में उसे दोषी ठहराया जा चुका है । उन्होंने कहा कि शहाबुद्दीन समाज के लिए खतरा है और उसका बेल कैंसिल किया जाना चाहिए ।

शहाबुद्दीन की तरफ से एक वकील ने कोर्ट से कहा कि रामजेठमलानी शहाबुद्दीन की तरफ से इस मामले में बहस करेंगे। उन्हें शनिवार को ही केस दिया गया है और उन्हें केस की स्टडी करने के लिए समय चाहिए । शहाबुद्दीन के वकील ने कहा कि रामजेठमलानी को पक्ष रखने के लिए एक सप्ताह का समय चाहिए । लेकिन जस्टिस पीसी घोष और जस्टिस अमिताभ राय की बेंच ने कहा कि यह मामला अर्जेंट है और हम इस तरीके से मामले को मुल्तवी नहीं कर सकते । शहाबुद्दीन के वकील की इस दलील का प्रशांत भूषण ने विरोध करते हुए कहा कि मामले को स्थगित करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि रोजाना गवाहों को डराया धमकाया जा रहा है ।

प्रशांत भूषण ने कोर्ट से कहा कि शहाबुद्दीन क्लास एक हिस्ट्रीशीटर है और अगर उसका जमानत जारी रखा गया तो वो अपने खिलाफ लंबित मामलों के गवाहों को डराने धमकाने के अलावा उन्हें खत्म भी कर सकता है । प्रशांत भूषण ने अपनी याचिका में कहा कि पटना हाईकोर्ट ने बिना तथ्यों को समझे ही जमानत दे दिया जबकि शहाबुद्दीन को चंद्रकेश्वर प्रसाद के दो बेटों गिरीश और सतीश की तेजाब में नहाकर हत्या करने के आरोप में उम्रकैद की सजा मिल चुकी है । चंद्रकेश्वर प्रसाद का तीसरा बेटा और एकमात्र गवाह राजीव की भी जून 2014 में हत्या तब की गई थी जब वो कोर्ट में गवाही देने जा रहा था । प्रशांत भूषण ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि पटना हाईकोर्ट ने फरवरी में शहाबुद्दीन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी और राजीव की हत्या मामले में तेजी से सुनवाई का निर्देश ट्रायल कोर्ट को दिया था । उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के नियमों के मुताबिक किसी अभियुक्त को जमानत अर्जी दाखिल करते समय अपना आपराधिक इतिहास बताना होता है लेकिन पटना हाईकोर्ट ने ये सब जानते हुए भी कैसे जमानत दे दी । इस मामले में महत्वपूर्ण फैसला बिहार सरकार का है जिसमें बिहार सरकार ने गोपाल सिंह की जगह पर सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता दिनेश द्विवेदी को अपना वकील नियुक्त किया है ।

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