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समाजवादी पार्टी में नाराज चल रहे शिवपाल सिंह यादव ने अपने भतीजे पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने अखिलेश को सलाह देते हुए कहा कि अगर बुजुर्गों की बात मानी होती तो वह दोबारा सीएम बनते. शिवपाल ने कहा, अखिलेश और उनके चचेरे भाई सांसद धर्मेन्द्र यादव को उन्होंने गोद में खिलाया, परवरिश की, यहां तक कि उनकी शादी भी की, लेकिन युवा पीढ़ी अब किसी की नहीं सुनती है. उन्होंने कहा, 'अगर बड़ों की बात मानी गई होती तो आज प्रदेश में सपा की सरकार होती और अखिलेश मुख्यमंत्री होते और बिहार में भी सपा की सरकार बनी होती. इसलिए हमारी नीचे स्तर तक के पदाधिकारियों के लिए यही सलाह है कि आपस में सभी एकजुट रहें और लोगों को भी एकजुट करें.' शिवपाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे सपा के लिए एकजुट होकर काम करें. उन्होंने अखिलेश द्वारा महागठबंधन की कोशिशों के औचित्य से संबंधित सवाल पर कहा कि वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सूझबूझ पर कोई सवाल नहीं उठाना चाहते. वह पार्टी के हित में सभी लोगों को एकजुट रखना चाहते हैं और वह हमेशा से सपा के लिए समर्पित हैं. इस सवाल पर कि क्या वह सपा में हाशिये पर पहुंच गए हैं, पूर्व मंत्री ने कहा कि अगर वह हाशिये पर होते तो उनके पीछे जनता नहीं होती. वह अब भी जब कहीं जाते हैं तो बड़ी संख्या में लोग उन्हें बिना बताए पहुंच जाते हैं. गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव से विवाद होने के बाद शिवपाल यादव पार्टी में बहुत सक्रिय नहीं हैं. इस तनाव का नतीजा यह हुआ कि पार्टी को यूपी चुनावों में शिकस्त झेलनी पड़ी. अखिलेश के सपा अध्यक्ष बनने के बाद शिवपाल यादव पार्टी कार्यालय भी नहीं जाते हैं. हालांकि शिवपाल ने राज्यसभा चुनाव में पार्टी की उम्मीदवार जया बच्चन को वोट दिया और पूर्व सीएम अखिलेश की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में भी शरीक हुए. कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवपाल को पार्टी में जल्द ही वरिष्ठ पद दिया जाने वाला है, लेकिन जिस तरह उन्होंने फिर से अखिलेश पर निशाना साधा है, उसे सकारात्मक तो नहीं कहा जा सकता है.

शिवपाल ने फिर साधा निशाना, बड़ों की बात मानते तो 2017 में दोबारा CM बनते अखिलेश

समाजवादी पार्टी में नाराज चल रहे शिवपाल सिंह यादव ने अपने भतीजे पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने अखिलेश को सलाह देते हुए कहा कि अगर बुजुर्गों की बात मानी होती तो वह दोबारा सीएम बनते.समाजवादी पार्टी में नाराज चल रहे शिवपाल सिंह यादव ने अपने भतीजे पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर निशाना साधा है. उन्होंने अखिलेश को सलाह देते हुए कहा कि अगर बुजुर्गों की बात मानी होती तो वह दोबारा सीएम बनते.  शिवपाल ने कहा, अखिलेश और उनके चचेरे भाई सांसद धर्मेन्द्र यादव को उन्होंने गोद में खिलाया, परवरिश की, यहां तक कि उनकी शादी भी की, लेकिन युवा पीढ़ी अब किसी की नहीं सुनती है. उन्होंने कहा, 'अगर बड़ों की बात मानी गई होती तो आज प्रदेश में सपा की सरकार होती और अखिलेश मुख्यमंत्री होते और बिहार में भी सपा की सरकार बनी होती. इसलिए हमारी नीचे स्तर तक के पदाधिकारियों के लिए यही सलाह है कि आपस में सभी एकजुट रहें और लोगों को भी एकजुट करें.'  शिवपाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे सपा के लिए एकजुट होकर काम करें. उन्होंने अखिलेश द्वारा महागठबंधन की कोशिशों के औचित्य से संबंधित सवाल पर कहा कि वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सूझबूझ पर कोई सवाल नहीं उठाना चाहते. वह पार्टी के हित में सभी लोगों को एकजुट रखना चाहते हैं और वह हमेशा से सपा के लिए समर्पित हैं.  इस सवाल पर कि क्या वह सपा में हाशिये पर पहुंच गए हैं, पूर्व मंत्री ने कहा कि अगर वह हाशिये पर होते तो उनके पीछे जनता नहीं होती. वह अब भी जब कहीं जाते हैं तो बड़ी संख्या में लोग उन्हें बिना बताए पहुंच जाते हैं.  गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव से विवाद होने के बाद शिवपाल यादव पार्टी में बहुत सक्रिय नहीं हैं. इस तनाव का नतीजा यह हुआ कि पार्टी को यूपी चुनावों में शिकस्त झेलनी पड़ी.  अखिलेश के सपा अध्यक्ष बनने के बाद शिवपाल यादव पार्टी कार्यालय भी नहीं जाते हैं. हालांकि शिवपाल ने राज्यसभा चुनाव में पार्टी की उम्मीदवार जया बच्चन को वोट दिया और पूर्व सीएम अखिलेश की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में भी शरीक हुए.  कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवपाल को पार्टी में जल्द ही वरिष्ठ पद दिया जाने वाला है, लेकिन जिस तरह उन्होंने फिर से अखिलेश पर निशाना साधा है, उसे सकारात्मक तो नहीं कहा जा सकता है.

शिवपाल ने कहा, अखिलेश और उनके चचेरे भाई सांसद धर्मेन्द्र यादव को उन्होंने गोद में खिलाया, परवरिश की, यहां तक कि उनकी शादी भी की, लेकिन युवा पीढ़ी अब किसी की नहीं सुनती है. उन्होंने कहा, ‘अगर बड़ों की बात मानी गई होती तो आज प्रदेश में सपा की सरकार होती और अखिलेश मुख्यमंत्री होते और बिहार में भी सपा की सरकार बनी होती. इसलिए हमारी नीचे स्तर तक के पदाधिकारियों के लिए यही सलाह है कि आपस में सभी एकजुट रहें और लोगों को भी एकजुट करें.’

शिवपाल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे सपा के लिए एकजुट होकर काम करें. उन्होंने अखिलेश द्वारा महागठबंधन की कोशिशों के औचित्य से संबंधित सवाल पर कहा कि वह पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की सूझबूझ पर कोई सवाल नहीं उठाना चाहते. वह पार्टी के हित में सभी लोगों को एकजुट रखना चाहते हैं और वह हमेशा से सपा के लिए समर्पित हैं.

इस सवाल पर कि क्या वह सपा में हाशिये पर पहुंच गए हैं, पूर्व मंत्री ने कहा कि अगर वह हाशिये पर होते तो उनके पीछे जनता नहीं होती. वह अब भी जब कहीं जाते हैं तो बड़ी संख्या में लोग उन्हें बिना बताए पहुंच जाते हैं.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में पिछले विधानसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव से विवाद होने के बाद शिवपाल यादव पार्टी में बहुत सक्रिय नहीं हैं. इस तनाव का नतीजा यह हुआ कि पार्टी को यूपी चुनावों में शिकस्त झेलनी पड़ी.

अखिलेश के सपा अध्यक्ष बनने के बाद शिवपाल यादव पार्टी कार्यालय भी नहीं जाते हैं. हालांकि शिवपाल ने राज्यसभा चुनाव में पार्टी की उम्मीदवार जया बच्चन को वोट दिया और पूर्व सीएम अखिलेश की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में भी शरीक हुए.

कयास लगाए जा रहे हैं कि शिवपाल को पार्टी में जल्द ही वरिष्ठ पद दिया जाने वाला है, लेकिन जिस तरह उन्होंने फिर से अखिलेश पर निशाना साधा है, उसे सकारात्मक तो नहीं कहा जा सकता है.

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