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सिविल सेवाओं के आवंटन में मोदी सरकार करने जा रही हैं ये बड़े बदलाव

केंद्र सरकार सिविल सेवा परीक्षा पास करने वाले उम्मीदवारों को सेवाओं के आवंटन में बड़े बदलाव करने पर विचार कर रही है। एक आधिकारिक शासनादेश के अनुसार, प्रधानमंत्री कार्यालय ने संबंधित विभागों से पूछा है कि क्या फाउंडेशन कोर्स पूरा करने के बाद सेवाओं का आवंटन किया जा सकता है।

अधिकारियों के लिए सभी सेवाओं के फाउंडेशन कोर्स की समयसीमा तीन महीने है। अभी, संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की ओर से कराई जाने वाली सिविल सेवा परीक्षा के आधार पर उम्मीदवारों को सेवाओं का आवंटन होता है। यह फाउंडेशन कोर्स से काफी पहले हो जाता है।

कार्मिक मंत्रालय की ओर से जारी सूचना के अनुसार, पीएमओ इस बात की पड़ताल करना चाहता है कि क्या परीक्षा से चुनकर आए परीवीक्षार्थियों को सेवाओं अथवा कैडर का आवंटन फाउंडेशन कोर्स के बाद किया जा सकता है। संबंधित विभागों से फाउंडेशन कोर्स में प्रदर्शन को उचित वेटेज देने की संभावनाओं का पता लगाने को कहा गया है। ताकि सिविल सेवा परीक्षा और फाउंडेशन कोर्स के संयुक्त अंकों के आधार पर अखिल भारतीय सेवाओं और कैडर का आवंटन किया जा सके।

कार्मिक मंत्रालय के एक अधिकारी के अनुसार, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस), भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) और भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) तीन अखिल भारतीय सेवाएं हैं। विभागों से कहा गया है कि भारतीय राजस्व सेवा (आईआरएस) और भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) जैसी दूसरी केंद्रीय सेवाओं के आवंटन से संबंधित प्रस्ताव पर अपना फीडबैक दें। यूपीएससी तीन चरण में सिविल सेवा परीक्षा पूरी कराता है, प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार। इसके परिणाम के आधार पर विभिन्न केंद्रीय सेवाओं के लिए अधिकारियों का चयन होता है।

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