Saturday , April 20 2024

सुप्रीम कोर्ट ने दिया केंद्र को निर्देश, किसानों की आत्महत्या रोकने को बनाएं रोड मैप

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से किसानों की आत्महत्या रोकने के लिए रोडमैप बनाने को कहा है। कोर्ट ने इसके लिए सरकार को तीन हफ्ते का वक़्त दिया है। चीफ जस्टिस जेएस खेहर की बेंच ने कहा, सिर्फ मरने वाले किसान के परिवार को मुआवजा देना काफी नहीं है, आत्महत्या की वजहों को पहचानना और उनका हल निकालना ज़रूरी है।

इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने केंद्र और सभी राज्यों को नोटिस जारी किया था। 2014 में एनजीओ सिटीजन्स रिसोर्स एंड एक्शन इनिशिएटिव की तरफ से दाखिल याचिका गुजरात को लेकर थी, लेकिन कोर्ट ने इसका दायरा बढ़ाते हुए पूरा देश कर दिया। याचिका में दावा किया गया था कि गुजरात में 2003 से 2013 के बीच 619 किसानों ने आत्महत्या की।

याचिकाकर्ता की मांग थी कि इन किसानों के परिवारों को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए, लेकिन कोर्ट ने कहा कि समस्या पूरे देश में है, इसका हल निकाला जाना जरूरी है।

शुक्रवार को केंद्र की तरफ से फसल बीमा योजना और दूसरे उपायों का ब्यौरा दिया गया। केंद्र की तरफ से कहा गया कि 2015 में शुरू की गई फसल बीमा योजना से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। इससे आत्महत्या के मामलों में गिरावट की उम्मीद है। केंद्र के वकील ने कहा कि दूसरी योजनाओं के जरिए भी किसानों को ये भरोसा दिलाने की कोशिश की जा रही है कि सूखे जैसे हालात में भी सरकार उनके साथ है।

इस पर कोर्ट ने कहा, ‘समस्या कई दशक से चली आ रही है। अभी तक इसकी वजहों से निपटने के लिए कोई ठोस एक्शन नहीं लिया गया है। आप हमें सिलसिलेवार तरीके से बताएं कि सरकार क्या करना चाहती है।’ इस मामले पर अगली सुनवाई अप्रैल के आखिरी हफ्ते में होगी। याचिकाकर्ता के वकील कॉलिन गोंजाल्विस ने कहा, ‘सच यही है कि सरकार के पास कोई योजना है ही नहीं। सरकार अपनी योजनाओं का बखान करती है लेकिन ये सब बेअसर हैं, इसलिए कोर्ट ने रोडमैप मांगा है। सरकार को अब सोच-समझ कर ठोस जवाब दाखिल करना चाहिए।

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com