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सुबोध कुमार के बेटे अभिषेक ने कहा कि पिता ने हिंदू-मुस्लिम के नाम पर अपनी जान गंवा दी अब कल किसके पिता अपनी जान गंवाएंगे

बड़ी मात्रा में गोवंश के अवशेष मिलने के बाद बवाल को नियंत्रण करते समय भीड़ की गोली का शिकार बने इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को आज यहां पुलिस लाइन में श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान इंस्पेक्टर के बेटे अभिषेक ने काफी बड़ी बात कह दी। कल ही सुबोध कुमार की पत्नी का विलाप सुनने के बाद वहां पर हजारों लोगों की आंखे नम हो गई थीं।

पत्नी का विलाप- ‘एक बार छू लेने दो…उठ बैठेंगे मेरे स्वामी’

बुलंदशहर में स्याना के कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की जिंदगी की डोर एक झटके के साथ कट गई। इसी के साथ पत्नी और बच्चों के हाथ से भी स्नेह और सुरक्षा की एक डोर छूट गई। पत्नी को इस बात का इल्म तक न था कि उनकी दुनिया उजड़ चुकी है। पोस्टमार्टम हाउस पर जब इस हकीकत से रू-ब-रू हुईं तो पछाड़ खाकर गिर पड़ीं। बोलीं-एक बार सिर्फ छू लेने दो..मेरे स्वामी अभी उठ बैठेंगे। इस विलाप को सुनकर हर एक का कलेजा चाक था। स्याना कोतवाल सुबोध कुमार सिंह की शहादत से पूरे महकमे में मातम पसरा है।

कल उनको गोली लगने की सूचना मिलते ही परिवार के लोग ग्रेटर नोएडा से बुलंदशहर पहुंच गए। उनकी पत्नी रजनी उर्फ सुनीता को पति की मौत की जानकारी नहीं दी गई थी। बुलंदशहर पहुंचने पर पोस्टमार्टम हाउस पर उन्हें हकीकत का पता चला। वहां मौजूद लोगों ने किसी तरह उन्हें संभाला। रोते हुए कहने लगीं-‘वह छुट्टी लेना चाहते थे, लेकिन छुट्टी नहीं मिल सकी। यदि छुट्टी मिल जाती तो मेरा सुहाग उजडऩे से बच जाता’। बिलखते हुए दोनों बेटों को भी लोगों ने सांत्वना दी लेकिन वे पापा-पापा कहकर दहाड़ें मार रहे थे।

हिंदू- मुस्लिम के नाम पर पिता ने गवां दी जानः अभिषेक
सुबोध कुमार के बेटे अभिषेक ने आज बुलंदशहर पुलिस लाइन में अपने पिता की श्रद्धांजलि सभा के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि, मेरे पिता चाहते थे कि मैं एक अच्छा नागरिक बनूं जो समाज में धर्म के नाम पर हिंसा नहीं फैलाता। आज मेरे पिता ने हिंदू-मुस्लिम के नाम पर अपनी जान गंवा दी अब कल किसके पिता अपनी जान गंवाएंगे। अभिषेक का यह प्रश्न आज लाखों धर्म के ठेकेदारों के कानों में गूंज रहा है।

तीन माह पहले हुई थी स्याना में नियुक्ति

विभिन्न जिलों में नियुक्ति के बाद तीन माह पहले ही सुबोध कुमार सिंह की नियुक्ति स्याना कोतवाल के तौर पर हुई थी। उनके दो बेटे हैं। बड़ा बेटा श्रेय एमबीए है, जबकि छोटा बेटा अभिषेक नोएडा से इंजीनियरिंग कर रहा है।शहीद इंस्पेक्टर के बैचमेट व दोस्त इंस्पेक्टर समरजीत सिंह ने बताया कि दोनों 1998 बैच के सब इंस्पेक्टर थे। वह 2013 से गौतमबुद्ध नगर जिले में थे और 2014 में उनकी पोस्टिंग सेक्टर-20 थाने में एसएसआई के पद पर थी। इसके बाद वह कुछ समय के लिए सेक्टर-58 थाने में एसएसआई रहे। इसके बाद पहली बार 2015 में ही थाना बादलपुर का चार्ज मिला। इसके कुछ समय बाद ही वह थाना जारचा प्रभारी बने थे। 2016 में प्रमोशन मिला और वह मथुरा के वृंदावन थाना प्रभारी बने। उनका परिवार ग्रेनो वेस्ट के गौड़ सिटी में फर्स्ट एवेन्यू में रहता है। परिवार में पत्नी और दो बेटे हैं। बड़ा बेटा बीटेक की पढ़ाई कर रहा है। जबकि छोटा 12वीं का छात्र है। गौड़ सिटी में शिफ्ट होने से पहले सुबोध का परिवार नोएडा और गाजियाबाद में रहता था।

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