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13 अरब डॉलर में रूसी कंपनी का भारत की एस्सार पेट्रोलियम से करार

essनर्इ दिल्ली। रूस की सरकारी पेट्रोलियम कंपनी रोजनेफ्ट और उसके भागीदारों ने भारत की दूसरी सबसे बड़ी निजी पेट्रोलियम कंपनी एस्सार ऑयल के अधिग्रहण का शनिवार को करार किया। पूरी तरह नकद लेन-देन के आधार पर हुए इस सौदे का मूल्य करीब 13 अरब डॉलर आंका गया है। 

रोजनेफ्ट ने एस्सार ऑयल के रिफाइनरी, बंदरगाह और पेट्रोल पंप कारोबार में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदी है। इसी तरह नीदरलैंड के ट्राफिगुरा समूह और रूस के निवेश कोष युनाइटेड कैपिटल पार्टनर्स ने बाकी की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी में बराबर बराबर की भागीदारी लेने का सौदा किया है। बाकी दो प्रतिशत शेयर कुछ अल्पांश शेयरधारकों के पास हैं जो एस्सा ऑयल की सूचीबद्धता समाप्त किए जाने के बाद उनके पास ही रह गया है।

यह सौदा करीब 13 अरब डॉलर का है। जिसमें एस्सार ऑयल पर 4।5 अरब डॉलर और उसकी बंदरगाह और बिजलीघर कंपनियों पर करीब दो अरब डालर के ऋण का जिम्मा भी शामिल है। इसके अलावा ईरान से खरीदे गए कच्चे तेल का करीब तीन अरब डॉलर का बकाया भी एस्सार ऑयल के खाते में ही बना रहेगा। एस्सार ऑयल,रूइया बंधुओं के एस्सार समूह का हिस्सा है जो स्टील से लेकर बंदरगाहों तक के कारोबार में लगा है कंपनी गुजरात के वाडीनार में रिफाइनरी चला रही है जो प्रतिदिन 4,05,000 बैरल तेल शोधन करती है। इस रिफाइनरी के पास खुद के इस्तेमाल के लिए बनाया गया बिजलीघर, एक बंदरगाह और टर्मिनल सुविधा भी है।

कंपनी ने कहा है कि उसने बिक्री के लिए दो समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। इस सौदे के दो हिस्से हैं जिसमें रिफाइनरी और उससे संबंधित कारोबार में रोजनेफ्ट की अनुषंगी पेट्रोल कॉम्प्लैक्स 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी जबकि नीदरलैंड की तराफीगुरा और रूस की युनाइटेड कैपिटल पार्टनर्स के समूह की साझा इकाई केसानी एंटरप्राइजेज कंपनी लिमिटेड बची हुई 49 प्रतिशत हिस्सेदारी खरीदेगी। इस कारोबार का आंका गया मूल्य 72,800करोड़ रुपए (10।9 अरब डॉलर) है। इसके अलावा एस्सार ऑयल के गुजरात स्थित वाडीनार बंदरगाह के लिए13,300 करोड़ रुपए (तकरीबन दो अरब डॉलर) का सौदा भी किया गया है।

इस सौदे की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बीच बैठक के दौरान की गई। पुतिन ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भाग लेने गोवा आए हुए हैं। इस सौदे से एस्सार समूह को अपने ऊपर भारी ऋण का बोझ कम करने में मदद मिलेगी। पूरी तरह से नकदी के आधार पर किया जा रहा यह सौदा 2017 की पहली तिमाही में संपन्न होने की संभावना है।

एस्सार समूह के निदेशक प्रशांत रूइया ने कहा कि नकद लेनदेन पर आधारित इस सौदे पर एस्सार ऑयल की सालाना दो करोड़ टन की क्षमता की गुजरात रिफाइनरी और भारत में इसके पेट्रोल पंप का सौदा शामिल है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इसके लिए नियामकीय अनुमतियां साल के अंत तक मिल जाएगी।

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