लखनऊ। प्रदेश में बढ़ रहे अपराध डीजीपी जावीद अहमद की कुर्सी हिला सकते हैं। इतिहास गवाह है कि जब-जब प्रदेश में समाजवादी पार्टी अपना कार्यकाल पूरा करके चुनाव मैदान में उतरी है, विरोधियों ने खराब कानून व्यवस्था का शंख खूब बजाया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी इस बात को लेकर खासे चिंतित हैं। उन्हें अहसास है कि उनका विकास रथ अपराध के रोड़े पत्थरों में फंस सकता है। खासकर राजधानी लखनऊ में बैंक लूट हत्याएं और महिला अपराध मुख्यमंत्री के पेशानी पर बल डाल रहे हैं। डीजीपी जावीद अहमद को को बड़ी उम्मीद के साथ यह जिम्मेदारी सौंपी गयी थी लेकिन अपराधियों पर उनका खौफ नहीं बन पाया। गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में अबकुछ फिलवक्त बचा है, ऐसे में सरकार कानून व्यवस्था के मसले पर किरकिरी से बचना चाहती है। मुख्यमंत्री और स्वयं मुलायम सिंह यादव भी कई बार सार्वजनिक मंच से इस पर अपना रोष व्यक्त कर चुके हैं। मुख्यमंत्री तो सीधे तौर पर कई बार सपाई गुंडों पर भी सीधी कार्रवाई कर चुके हैं। सरकार और राज्यपाल के बीच चल रही तना-तनी में कानून व्यवस्था बड़ा मुद्दा है। राज्यपाल कई बार प्रदेश में जंगलराज की बात कह चुके हैं। मथुरा, कैराना, मुजफ्फरनगर और सहारनपुर की घटनाओं ने सरकार पर कई बार आईना दिखाने की कोशिश की है। यही नहीं, अभी दो दिन पूर्व ही राज्यपाल ने प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से मिलकर उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर अपनी रिपोर्ट भी सौंपी है। आईपीएस अधिकारी जावीद अहमद को 15 सीनियरों को दरकिनार कर गत एक जनवरी को प्रदेश का डीजीपी बनाकर अखिलेश सरकार ने उन्हे नये साल को बड़ा तोहफा दिया था। लेकिन उसके बाद हुई लगातार आपराधिक घटनाओं ने प्रदेश सरकार के विकास कार्यो को पीछे करने का काम किया है। विपक्ष लगातार कानून व्यवस्था को लेकर सरकार को घेरने का काम कर रहा है जिसके कारण समाजवादी पार्टी के रणनीतिकार आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर चिंतित बताये जा रहे है।
कहने को सपा सरकार की तरफ से भले ही कैराना मामले को दबाने का प्रयास किया हो लेकिन 364 हिन्दू परिवारों के पलायन की घटना ने प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा करने का किया है। इसके अलावा मथुरा की घटना मंे पुलिस की नाकामी को भी विपक्ष ने बड़ा मुद्दा बनाकर सरकार को घेरा है। यहीं नहीं, एनआईए के एक अधिकारी की हत्या ने पूरे देश की निगाह यूपी को ओर घुमा दी। प्रदेश में आये दिन होने वाली हत्याएं बलात्कार, लूट की घटनाओं के कारण ही उत्तर प्रदेश को ’अपराध प्रदेश’ कहा जा रहा है।
सपा सूत्रों के अनुसार पार्टी अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव जावीद अहमद की कार्यशैली से खुश नहीं बताये जा रहे हैं। उनका मानना है कि कानून व्यवस्था को लेकर सरकार बदनाम हो रही है।
गत सात जून को इलाहाबाद में सात साल की बच्ची से बलात्कार की घटना ने पूरे प्रदेश को हिलाकर रख दिया। इसी तरह प्रदेश के अन्य जिलों में आये दिन बलात्कार, लूट, अपहरण के समाचार आम बात हो गयी हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं।