नई दिल्ली।
दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार को यह पता नहीं है कि उसके 21 संसदीय सचिव आखिर क्या काम करते हैं? केन्द्रीय चुनाव आयोग को दिल्ली सरकार की ओर से दिए गए जवाब में सरकार ने साफ-साफ जवाब देने के बजाय यह कहा है कि इन संसदीय सचिवों से मंत्री काम लेते हैं और वही बता सकते हैं कि इन संसदीय सचिवों से कौन सा काम लिया जा रहा है और प्रशासन विभाग को भी संसदीय सचिवों के कामकाज की जानकारी नहीं है।
इन सचिवों को कौन सी सुविधाएं मिल रही हैं उस पर भी गोलमोल जवाब देते हुए कहा है कि इस बारे में वो उन विभागों से जानकारी लेकर चुनाव आयोग को बताएंगे जिन विभागों के साथ ये संसदीय सचिव काम कर रहे हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली सरकार के 21 संसदीय सचिवों की नियुक्ति का मामला केंद्रीय चुनाव आयोग के पास लंबित है और उनकी सदस्यता खतरे में है। इस मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग को फैसला लेना है। लेकिन फैसले से पहले चुनाव आयोग ने 11 बिंदुओं पर दिल्ली सरकार से कुछ गंभीर सवाल पूछे हैं। इधर दिल्ली सरकार की ओर से सामान्य प्रशासन विभाग के मुख्य सचिव रमेश नेगी ने 11 जुलाई को केंद्रीय चुनाव आयोग के सचिव को एक चिट्ठी लिखकर भेजी थी।
ये है प्रमुख सवाल तथा उनके जवाब
सवाल: वो कौन से आदेश के नोट थे जिसके जरिए संसदीय सचिवों के पद को बनाया गया।
जवाब: दिल्ली सरकार ने मुख्यमंत्री कार्यालय और उपमुख्यमंत्री कार्यालय से जारी हुए 3 आदेशों का जिक्र किया है।
सवाल: दूसरी जानकारी संसदीय सचिवों को जारी किए गए नियुक्ति पत्र को लेकर
जवाब: जिसके जवाब में नियुक्ति पत्र की कॉपी सौंप दी गई।
सवाल: तीसरे सवाल में सरकार से पूछा था कि इन संसदीय सचिवों को कौन से काम दिए गए हैं
जवाब: सामान्य प्रशासन विभाग ने ये साफ किया कि उनकी तरफ से काम के बंटवारे का कोई आदेश जारी नहीं किया गया हैं, मंत्री जो काम देते हैं संसदीय सचिव वही काम करते हैं।
सवाल: वेतन भत्ते, ऑफिस के लिए जगह, कर्मचारियों देने जैसे सवाल पूछे गए
जवाब: जिसके बारे में सरकार ने साफ किया कि ऐसी कोई भी सुविधा संसदीय सचिवों को नहीं दी गई है।
सवाल: संसदीय सचिवों को गाड़ी दी गई या ड्राइवर दिया गया है या नहीं-
जवाब: सामान्य प्रशासन विभाग ने चुनाव आयोग को ये भी बताया है कि न ही संसदीय सचिवो को कोई गाड़ी दी, न ड्राइवर दियाए न ही कोई आवास मिला और न ही कोई कैंप दफ्तर या टेलीफोन दिया गया।
– लेकिन 11वें और आखिरी सवाल में जब बाकी किसी सुविधा पर सवाल पूछा गया तो सामान्य प्रशासन विभाग ने इसकी जानकारी बाकी विभागों से लेकर देने को कहा है।