पटना/बगहा। नेपाल में हो रही लगातार बारिश के कारण उत्तर बिहार में नदियों का जलस्तर लगतार बढ़ रहा है। देर रात इंडो-नेपाल बार्डर के गंडक बैराज से 3.40 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने से बेतिया, मोतिहारी, गोपालगंज और मधुबनी जिलों के सैकड़ों गांवों में पानी घुस गया है । कहीं सड़क तो कहीं बांध पानी में बह गए हैं । अत्यधिक वर्षा के कारण गंडक बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है । बेतिया में प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए गंडक के किनारे बसे लोगों को गांव खाली करने को कहा है । दरभंगा प्रमंडल के मधुबनी के कई गांव ऐसे हैं जिनका संपर्क शहर या प्रखंड मुख्यालय से टूट गया है। उन इलाकों के स्कूल,कॉलेज अघोषित रूप से बंद हो गए हैं।उत्तर बिहार के बूढ़ी गंडक,कमला,करेह सहित कई नदियां खतरे के निशाने से ऊपर बह रही हैं । नदियों में उफान आने से सड़कों पर पानी बह रहा है । आसपास के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। पश्चिमी चंपारण के बगहा में गंडक के कटाव से वीटीआर के जंगल में बाढ़ का पानी फैल गया है। सीतामढ़ी, दरभंगा व मोतिहारी में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। मधुबनी में झंझारपुर रेल सह सड़क पुल का गार्डर कमला नदी के उफान में डूब गया है। यहां से भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।
प्रशासनिक अधिकारी लगातार तटबंधों पर नजर रख रहे हैं। बगहा और मधुबनी जिले के नदी के किनारे बीस किलोमीटर तक के रेंज में बांधों की निगरानी के लिए अतिरिक्त टीम चौबीस घंटे पेट्रोलिंग कर रही है। गंडक बैराज से पानी छोड़े जाने की इसकी सूचना प्रशासन ने देते हुए सभी थानाध्यक्ष को हाई अलर्ट कर दिया है । दियारा के गांव के लोगों को सतर्कता बरतने का फरमान भी जारी किया गया है। इसकी जिम्मेदारी थाना अध्यक्षों को सौंपी गयी है। पुलिस अधीक्षक आनन्द कुमार सिंह ने सभी थाना अध्यक्षों को हिदायत दी है कि क्षेत्र में रातभर सतर्कता के साथ निगरानी करने की जरूरत है ।उधर अनुमण्डल पदाधिकारी धर्मेन्द्र कुमार प्रधान ने भी अनुमण्डल और प्रखण्ड के सभी पदाधिकारियों को सतर्क रहने का आदेश दिया है ।
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