लखनऊ। बुलंदश्हर हाईवे गैंगरेप व लूट के मामले में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कड़ा रूख लेते हुए बुलंदशहर के एसएसपी, एसपी सिटी तथा सीओ सिटी समेत सात पुलिसवालों को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सचिव प्रमुख सचिव गृह व डीजीपी को तत्काल धटनास्थल पर भेज दिया है। मुख्यमंत्री ने चेतावनी देते हुए कहा है कि मामले में प्रभावी कार्रवाई न होने पर पुलिस विभाग में उच्चतम मामले पर कार्यवाही हो सकती है।
मुख्यमंत्री ने बुलन्दशहर के एसएसपी वैभव कृष्ण, एसपी सिटी राम मोहन सिंह, और सीओ सिटी हिमांशु गौरव को तत्काल प्रभाव से निलम्बित करने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि मामले से सम्बन्धित प्रभारी निरीक्षक कोतवाली देहात इंस्पेक्टर राम सेन सिंह, चैकी प्रभारी हाई-वे सब-इंस्पेक्टर प्रमोद कुमार, हाई-वे पेट्रोलिंग इंचार्ज रुस्तम तथा बीट कांस्टेबल अनुराग यादव को निलम्बित कर दिया है।
मुख्यमंत्री ने बुलन्दशहर के हाई-वे पर हुई इस घटना को दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सभी हाई-वे (राज मार्ग) की पेट्रोलिंग को चुस्त-दुरुस्त और सुदृढ़ किये जाने के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव गृह तथा डीजीपी को निर्देशित किया है कि वे पेट्रोलिंग को सुदृढ़ बनाये जाने के सम्बन्ध में कार्य योजना बनाकर शीघ्र प्रस्तुत करें। इस बीच उपलब्ध संसाधनों के आधार पर हाई-वे की पेट्रोलिंग को बेहतर किये जाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि इस प्रकार की घटना की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता बरतने पर सम्बन्धित अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि घटना के खुलासे और दोषियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें गठित कर प्रभावी कार्रवाई की जाए। उन्होंने पीड़ित परिवार के प्रति सहानुभूति व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करके कड़ी से कड़ी सजा दिलवाएगी तथा वे पीड़ित परिवार से मुलाकात भी करेंगे। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मामले में दोषियों को शीघ्रातिशीघ्र गिरफ्तार करके कानूनी कार्रवाई के माध्यम से ऐसी सजा दिलायी जाए, जो एक उदाहरण बने, जिससे भविष्य में कोई भी ऐसा दुःसाहस करने के बारे में सोच न सके। मुख्यमंत्री ने प्रकरण को दुःखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए पुलिस महानिदेशक को निर्देशित किया है कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए हर सम्भव कदम उठाए जाएं। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि ऐसी घटनाओं में किसी भी प्रकार की लापरवाही या शिथिलता बरतने वाले पुलिस कर्मियों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। श्री यादव ने यह भी निर्देश दिए हैं कि ऐसे मामले में दोषियों को सख्त से सख्त सजा दिलाए जाने हेतु न्यायालय में प्रभावी पैरवी भी की जाए।
इस बीच बुलंदशहर के दोस्तपुर गांव में हुई यह घटना सामने आने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर यहां आए राज्य के डीजीपी जावीद अहमद ने नरेश (25), बबलू (22) और रईस (28) नाम के तीन आरोपियों की पहचान होने की बात कही है। अहमद ने कहा कि पुलिस ने शनिवार शाम 15 लोगों को इस मामले में हिरासत में लिया है। हिरासत में लिए गए सभी लोग एक खानाबदोश जनजाति से संबंध रखते हैं और उनसे पूछताछ की गई है। डीजीपी ने कहा कि बावरिया गिरोह से संबंध रखने वाले तीन आरोपियों की पहचान पीडितों ने की है और सभी दोषियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा। गौरतलब है कि बीते शुक्रवार की रात को लुटेरों के एक समूह ने नोएडा से शाहजहांपुर जा रहे एक कार सवार परिवार को देहात कोतवाली क्षेत्र में रोका और एक महिला तथा उसकी 13 वर्षीय बेटी को घसीटकर पास के खेत में ले गए और उनसे बलात्कार किया. लुटेरों ने कार सवार लोगों से नकदी, गहने और मोबाइल फोन भी लूट लिए थे।