लखनऊ में मुख्तार के करीबी अजीत सिंह की हत्या पर आया उसके पिता का बयान, कही ये बात
मऊ। जनपद के थाना मोहम्मदाबाद गोहना के पूर्व ब्लॉक प्रमुख रानू सिंह के पति और मुख्तार अंसारी के करीबी अजीत सिंह कि बीती रात को लखनऊ में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद जानकारी होने पर गुरुवार को करीबियों व रिश्तेदारों का उनके घर पर मिलने वालों का तांता लगा हुआ है।

पिता ने मीडिया में खबर न छापने की शर्त पर कहा कि पिछले 8 वर्षों में उनके बेटे पर कोई अपराधिक मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था। जो भी मामले हैं वह पुराने हैं। जो भी मुकदमें दर्ज कराए गए हैं वे सभी राजनीतिक प्रतिद्वंदिता को लेकर हुए हैं। जगजाहिर है कि अजीत आजमगढ़ के बसपा के पूर्व विधायक सीपू सिंह हत्या कांड में सीबीआई के गवाह थे। जल्द ही उनकी गवाही गुजरने वाली थी संभवत उसी को लेकर यह घटना की गई है।
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2003 जरायम की दुनिया में किया प्रवेश
अजीत सिंह पर 19 अपराधिक मुकदमें दर्ज हंै, इनमें पांच हत्या के हैं। राजनीति में शुरू से ही दिलचस्पी के कारण पहले जेष्ठ प्रमुख के पद जीत हासिल किया। 2010 से 2015 तक अपने पत्नी रेनू सिंह को मोहम्मदाबाद का ब्लॉक प्रमुख बनाया। वर्ष 2016 में सीट पिछड़ी जाति के होने के कारण उनके घर में काम करने वाली व नजदीकी को चुनाव मैदान में उतार दिया और जीत दर्ज करवाया। वैसे तो इनकी दुश्मनी पूर्व विधायक सीपू सिंह हत्याकांड का मुख्य आरोपित ध्रुव सिंह से थी।
मिलनसार प्रवृति के व्यक्ति थे अजीत सिंह
मृतक अजीत कुमार सिंह के चाचा राजेश सिंह ने कहा कि भतीजे का किसी से कोई राजनीतिक दुश्मनी क्षेत्र में नहीं थी और यह मिलनसार प्रवृति के व्यक्ति थे। यह घटना अन्य कारण से कराई गई है। जबकि वह बुलेट प्रूफ गाड़ी व बुलेट प्रूफ के साए में रहते थे। वही गांव के पूर्व प्रधान बृज भूषण सिंह ने बताया कि उनके मृत्यु से क्षेत्र के विकास पर प्रभाव पड़ेगा क्योंकि अजीत सिंह ने बहुत ही क्षेत्र के विकास के लिए कार्य किया है। और हमेशा लोगों की मदद के लिए आगे आते रहे हैं।