… और अब दिग्विजय सिंह ने नीतीश को दिया महागठबंधन में शामिल होने का न्यौता
राजनीतिक डेस्क। बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम से महागठबंधन उदास है। चुनाव परिणामों ने महागठबंधन की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। बिहार में एक बार एनडीए की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया। इस बीच कांग्रेस ने नई कूटनीतिक चाल चली है, जिससे एनडीए में खलबली मच गई है।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने नया दांव खेलते हुए नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल होने का न्यौता दिया है। बिहार की राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर उन्होंने सिलसिलेवार कई ट्वीट कर नीतीश को महागठबंधन में शामिल होने का न्योता दिया है। हालांकि भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने इसे कांग्रेस की बौखलाहट करार दिया है।
दिग्विजय ने ट्वीटर पर लिखा कि बिहार चुनावों में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन को मिली सफलता के लिए में बधाई देता हूं। एक बार फिर ओवैसी जी की एमआईएम ने भाजपा को अंदरूनी तौर पर मदद कर दी। देखना है वे बिहार में भाजपा व जदयू की सरकार बनाने में एनडीए का सहयोग करेंगे या महागठबंधन का।
दिग्जिविजय सिंह ने आगे कहा कि नीतीश जी, लालू जी ने आपके साथ संघर्ष किया है। आंदोलनों मे जेल गए है। भाजपा/संघ की विचारधारा को छोड़ कर तेजस्वी को आशीर्वाद दे दीजिए। इस अमरबेल रूपी भाजपा व संघ को बिहार में मत पनपाओ।
दिग्जिविजय ने कहा कि नीतीश जी, बिहार आपके लिए छोटा हो गया है, आप भारत की राजनीति में आ जाएँ। सभी समाजवादी धर्मनिरपेक्ष विचारधारा में विश्वास रखने वाले लोगों को एकमत करने में मदद करते हुए संघ की अंग्रेजों के द्वारा पनपाई ‘फूट डालो और राज करो’ की नीति ना पनपने दें।
दिग्गज कांग्रेस नेता ने भाजपा आरोप लगाते हुए कहा कि ‘भाजपा ने अपनी कूटनीति से नीतीश का क़द छोटा कर दिया व रामविलास पासवान जी की विरासत को समाप्त कर दिया। सन ६७ से लेकर आज तक जनसंघ/भाजपा ने हर गठबंधन सरकारों में अपना क़द बढ़ाया है और सभी समाजवादी धर्मनिरपेक्ष विचारधारा वाले राजनीतिक संघटनों को कमजोर किया है।
दिग्गी राजा ने कहा कि कांग्रेस ही एकमात्र दल है जिसने संघ की विचारधारा के साथ ना कभी समझौता किया और ना ही जनसंघ व भाजपा के साथ मिल कर कभी सरकार बनाई। उन्होंने कहा कि आज देश में एकमात्र नेता राहुल गांधी हैं जो विचारधारा की लड़ाई लड़ रहे हैं।