Friday , April 19 2024

अरुणाचल कांग्रेस ने की गृह राज्यमंत्री को बर्खास्त करने की मांग

%e0%a4%be%e0%a4%aaइटानगर। अरुणाचल प्रदेश में जल विद्युत नदी बांध के निर्माण में भ्रष्‍टाचार के मामले की रिपोर्ट उजागर होने के बाद मंगलवार को अरुणाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी और युवा कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से अतिशीघ्र केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजीजू को पद से बर्खास्त करने की मांग की है।

एपीसीसी के अध्यक्ष पादी रिचो ने मंगलवार को इस मामले में रिजीजू की संलिप्तता का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार को निशाने पर लया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि न खाएंगे न खाने देंगे।

उन्होंने प्रदानमंत्री से अपने बयान के तहत रिरीजू को पद से हटाने, आरोपी ठेकेदारों की सीबीआई से जांच कराने और 450 करोड़ के घोटाले पर श्वेत-पत्र जारी करने की मांग की।

रिचो ने कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश के 600 मेगावाट के कामेंग हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्‍ट के तहत दो बांधों के निर्माण में कथित रूप से भ्रष्‍टाचार हुआ है।

यह अरुणाचल प्रदेश के सबसे बड़े प्रोजेक्‍टों में शुमार है। इसका निर्माण सार्वजनिक उद्यम कंपनी नार्थ ईस्‍टर्न इलेक्ट्रिक पॉवर कॉरपोरेशन (एनईईपीसीओ) द्वारा किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि मंत्री रिजीजू के चचेरे भाई गोबोई रिजीजू भी इस प्रोजेक्‍ट में ठेकेदार हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इस कंपनी के मुख्‍य सतर्कता अधिकारी सतीश वर्मा ने अपनी 129 पेज की रिपोर्ट में गोबोई रिजीजू, कंपनी के चेयरमैन, मैनेजिंग डाइरेक्‍टर समेत कई शीर्ष अधिकारियों की भूमिका पर सवाल खड़े किए। यह प्रोजेक्‍ट अरुणाचल के वेस्‍ट कामेंग जिले में पड़ता है। इसी संसदीय सीट से किरन रिजीजू सांसद भी हैं।

सीवीओ ने इस वर्ष जुलाई में अपनी रिपोर्ट सीबीआई, सीवीसी और ऊर्जा मंत्रालय को भेजी थी। उसमें कहा गया था कि ठेकेदार, एनईईपीसीओ के अधिकारियों और वेस्ट कामेंग जिला प्रशासन की मिलीभगत से भ्रष्‍टाचार हुआ है। इसमें एनईईपीसीओ और सरकारी धन की लगभग 450 करोड़ रुपए तक का फर्जीवाड़े की बात कही गई है।

रिपोर्ट मिलने के बाद सीबीआई ने दो बार औचक निरीक्षण किया लेकिन अभी तक कोई एफआईआर नहीं दर्ज की गई। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी सतीश वर्मा का त्रिपुरा में सीआरपीएफ में तबादला कर दिया गया।

साथ ही कहा कि घोटाले में मुख्‍य रूप से यह बात निकलकर आई कि बांध के निर्माण के लिए बोल्‍डर को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने के नाम पर ठेकेदार ने फर्जी और बढ़ा-चढ़ाकर बिल को पेश किया।

इसमें मुख्‍य रूप से पटेल इंजीनियरिंग लिमिटेड (पीईएल) के तमाम बिल फर्जी पाए गए। इस कांट्रेक्‍टर फर्म से गोबोई रिजीजू भी सब-कांट्रेक्‍टर के रूप में जुड़े थे।

कांग्रेस ने अपने आरोपों में कहा है कि वर्मा द्वारा प्रोजेक्‍ट हेड को अनियमितता की रिपोर्ट दिए जाने के बाद पिछले वर्ष मई और जुलाई के माह में इन बिलों की पेमेंट एनईईपीसीओ द्वारा रोक दी गई।

उसके बाद नवंबर 2015 में रिजीजू ने ऊर्जा मंत्रालय को खत लिखकर पेमेंट रिलीज करने को कहा। साथ ही उनके चचेरे भाई गोबोई रिजीजू ने वर्मा से मुलाकात की। नतीजतन कुछ पेमेंट रिलीज की गई।

इस मुद्दे पर अरुणाचल प्रदेश प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष तापीर गावो ने कहा कि इस मामले में इतना जल्दी बयान देना और निन्दा करना सही नही होगा। अभी तक मामले पर पूरी जांज करनी बाकी है।

जांच की मांग का समर्थन करते कहा कि जांच के बाद अगर कुछ भी गलत पाया जाता है तो हम कभी भी बचाव नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि हम सही समय और सही जांच के बाद ही बयान देंगे।

E-Paper

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com