“आर अश्विन ने चेन्नई में हुए दीक्षांत समारोह के दौरान हिंदी को लेकर विवादास्पद बयान दिया। उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं, बल्कि केवल आधिकारिक भाषा है, जो सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है।”
चेन्नई। भारतीय क्रिकेटर आर अश्विन ने मंगलवार को चेन्नई में एक दीक्षांत समारोह के दौरान हिंदी भाषा को लेकर एक विवादास्पद टिप्पणी की। अश्विन ने समारोह के दौरान अंग्रेजी और तमिल के बाद जब हिंदी को लेकर सवाल किया, तो कोई जवाब नहीं आया, जिसके बाद उन्होंने कहा, “हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा नहीं है, यह केवल आधिकारिक भाषा है।”
अश्विन ने पहले अपना वक्तव्य अंग्रेजी में दिया और फिर मौजूद लोगों से पूछा कि कितने लोग अंग्रेजी समझते हैं। इसके बाद उन्होंने तमिल भाषा के बारे में भी यही सवाल पूछा और अंत में हिंदी के बारे में पूछा। जब कोई प्रतिक्रिया नहीं आई, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंदी केवल एक आधिकारिक भाषा है, और यह देश की राष्ट्रीय भाषा नहीं है।
यह बयान उस समय आया जब भारत में भाषाई विवाद और क्षेत्रीय भाषाओं की पहचान पर चर्चा जारी है। अश्विन के इस बयान ने सोशल मीडिया पर काफी चर्चा छेड़ दी, जहां कुछ लोग उनके बयान का समर्थन कर रहे हैं, वहीं कुछ इसे गलत और विवादास्पद मान रहे हैं।
कई लोग यह मानते हैं कि भारत में विभिन्न भाषाओं को समान सम्मान मिलना चाहिए, और हिंदी को लेकर ऐसी टिप्पणियों से भाषाई एकता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। हालांकि, अश्विन का यह बयान उनके व्यक्तिगत विचार हो सकते हैं, जो शायद एक छोटी सी घटना पर आधारित था।
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विशेष संवाददाता – मनोज शुक्ल