भारत Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/category/भारत National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal Thu, 29 May 2025 08:54:45 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://vishwavarta.com/wp-content/uploads/2023/08/Vishwavarta-Logo-150x150.png भारत Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/category/भारत 32 32 सोशल मीडिया पर झूठी सूचनाओं ने कैसे भड़काया भारत-पाक युद्ध https://vishwavarta.com/social-media-yudh-bharat-pak/120221 Thu, 29 May 2025 08:54:43 +0000 https://vishwavarta.com/?p=120221 जैसे ही इस महीने की शुरुआत में भारत और पाकिस्तान के बीच मिसाइल और ड्रोन हमले शुरू हुए, एक और अदृश्य युद्ध भी चल रहा था—एक सोशल मीडिया युद्ध, जिसमें झूठ, भ्रामक सूचनाएं और प्रोपेगेंडा की बाढ़ आ गई। ऑपरेशन सिंदूर के ऐलान के साथ ही सोशल मीडिया पर भारत की सैन्य जीत के झूठे …

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जैसे ही इस महीने की शुरुआत में भारत और पाकिस्तान के बीच मिसाइल और ड्रोन हमले शुरू हुए, एक और अदृश्य युद्ध भी चल रहा था—एक सोशल मीडिया युद्ध, जिसमें झूठ, भ्रामक सूचनाएं और प्रोपेगेंडा की बाढ़ आ गई।

ऑपरेशन सिंदूर के ऐलान के साथ ही सोशल मीडिया पर भारत की सैन्य जीत के झूठे दावे वायरल हुए। भारतीय मीडिया चैनलों ने इन्हें “ब्रेकिंग न्यूज़” बनाकर दिखाया—कभी पाकिस्तान के लड़ाकू विमान गिराए जाने की खबर, कभी लाहौर और कराची बंदरगाह पर कब्जे का दावा, और कभी पाकिस्तानी सेना प्रमुख की गिरफ्तारी की अफवाह। इन दावों के साथ जो वीडियो क्लिप साझा किए गए, वे या तो पुराने थे, या वीडियो गेम, या AI-जनित।

A fake image on X purporting to show fighter planes on fire in Udhamphur, India. Photograph: X

10 मई को युद्धविराम की घोषणा ने दोनों देशों को पूर्ण युद्ध से तो बचा लिया, लेकिन विश्लेषकों का कहना है कि इस संघर्ष ने एक नया मोर्चा खोल दिया है—जानकारी के माध्यम से युद्ध (Informational Warfare)। भारत और पाकिस्तान, दोनों तरफ से सोशल मीडिया पर झूठी सूचनाओं की बाढ़ आई, जिसे न केवल आम यूज़र्स ने, बल्कि पत्रकारों और सरकारी प्रतिनिधियों ने भी आगे बढ़ाया।

विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में यह अभियान एक संगठित पैमाने पर चला। फैक्टचेकिंग प्लेटफॉर्म्स और मानवाधिकार संगठनों की रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बार का सोशल मीडिया युद्ध अब तक के सबसे बड़े प्रचार अभियानों में से एक था। “ब्रेकफास्ट इन रावलपिंडी” जैसे ट्रेंड्स ने युद्ध की धारणा को और भड़काया।

दूसरी ओर, पाकिस्तान में भी भ्रामक खबरों की बाढ़ आ गई। एक्स (पूर्व में ट्विटर) से प्रतिबंध हटते ही वहां से भी फर्जी सूचनाओं की शुरुआत हुई। पाकिस्तानी पायलट द्वारा भारतीय एयरबेस पर कब्जा करने, भारतीय सेना की आत्मसमर्पण की खबरों और यहां तक कि साइबर हमलों से भारत की पावर ग्रिड को ठप करने जैसे दावे तेजी से वायरल हुए।

एक ताज़ा रिपोर्ट में सिविल सोसाइटी संस्था The London Story ने बताया कि किस तरह एक्स और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर युद्ध से जुड़ी भावनात्मक और झूठी जानकारियों को वायरल किया गया। मेटा (फेसबुक की पेरेंट कंपनी) ने कहा कि उन्होंने गलत जानकारी वाले कंटेंट को हटाया और तथ्य-जांच वाली सामग्री को टैग किया, लेकिन नुकसान हो चुका था।

अमेरिका स्थित Centre for the Study of Organized Hate (CSOH) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत की तरफ से फैलाई गई अधिकांश जानकारी पहले एक्स और फेसबुक पर पोस्ट की गई और फिर टीवी चैनलों पर पहुंची। रिपोर्ट में कहा गया कि कुल 427 प्रमुख पोस्ट्स में से केवल 73 को ही कोई चेतावनी टैग मिला। इनमें से कई पोस्ट्स को 10 मिलियन से ज़्यादा व्यूज़ मिले।

भारत की ओर से वायरल किए गए कई वीडियोज़ पुराने थे—2023 का गाजा पर इज़राइली हमला, जिसे भारतीय हमले के रूप में दिखाया गया; भारतीय नौसेना की ड्रिल को कराची बंदरगाह पर हमले के रूप में बताया गया। कई क्लिप्स वीडियो गेम से लिए गए थे, तो कुछ रूस-यूक्रेन युद्ध की फुटेज थीं। AI-जनित इमेजेस के माध्यम से पाकिस्तानी पायलट की गिरफ्तारी और इमरान खान की हत्या की अफवाहें फैलाई गईं।

इन सब दावों को कुछ भारतीय मीडिया चैनलों ने भी प्रसारित किया, जिससे उनके पत्रकारिता के सिद्धांतों पर सवाल उठने लगे हैं। कुछ टीवी एंकर्स ने माफी भी मांगी है। Citizens for Justice and Peace (CJP) ने छह प्रमुख चैनलों के खिलाफ प्रसारण नियमों के उल्लंघन की शिकायत दर्ज की है।

CJP की सचिव तीस्ता सीतलवाड़ ने कहा, “इन चैनलों ने पत्रकारिता की मर्यादा छोड़ दी और सीधे प्रोपेगेंडा का हिस्सा बन गए।” उन्होंने इसे “प्रचार का युद्ध” बताया, जिसमें मीडिया एक हथियार बन गया।

सरकार की ओर से सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सलाहकार कंचन गुप्ता ने सरकार की भूमिका से इनकार किया। उन्होंने कहा, “सरकार ने फेक न्यूज़ के खिलाफ कदम उठाए। एक मॉनिटरिंग सेंटर 24×7 चला और सोशल मीडिया कंपनियों के साथ मिलकर भ्रामक अकाउंट्स को बंद किया गया।”

लेकिन सवाल अब भी बाकी हैं—क्या युद्ध की स्थिति में झूठी खबरों को टालना संभव है? क्या सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को सख्त नीतियों की ज़रूरत नहीं है?

विशेषज्ञ मानते हैं कि यह एक नया युद्धक्षेत्र है—जहां लड़ाई बम और गोलियों से नहीं, बल्कि सूचनाओं से लड़ी जा रही है। और यह लड़ाई उतनी ही खतरनाक है, क्योंकि इससे न केवल भ्रम पैदा होता है, बल्कि परमाणु हथियारों से लैस दो देशों को युद्ध के करीब भी ले जा सकता है।

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राव साहब की विरासत को याद कर भावुक हुए पत्रकार साथी https://vishwavarta.com/senior-journalist-vikram-rao/119777 Fri, 16 May 2025 16:17:10 +0000 https://vishwavarta.com/?p=119777 सादर प्रकाशनार्थ अनुभव, पद, कद से ही नहीं विचारों और सोच से भी बड़े थे राव साहबसंगठक, लेखक और मार्गदर्शक-तीनों भूमिकाओं में अद्वितीय थे राव साहबवरिष्ठ पत्रकार डॉ. के.विक्रम राव और विजय राय को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलिविधानसभा में पत्रकारों ने साझा किए संस्मरण, बखान की व्यक्तित्व-कृतित्व की गहराई लखनऊ, 16 मई, 2025 लखनऊ। डॉ. …

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सादर प्रकाशनार्थ

अनुभव, पद, कद से ही नहीं विचारों और सोच से भी बड़े थे राव साहब
संगठक, लेखक और मार्गदर्शक-तीनों भूमिकाओं में अद्वितीय थे राव साहब
वरिष्ठ पत्रकार डॉ. के.विक्रम राव और विजय राय को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि
विधानसभा में पत्रकारों ने साझा किए संस्मरण, बखान की व्यक्तित्व-कृतित्व की गहराई

लखनऊ, 16 मई, 2025

लखनऊ। डॉ. के. विक्रम राव बड़े कैनवास के पत्रकार थे। उनमें बड़ापन था, वह अपने साथियों को पहचान दिलाने के लिए समर्पित थे। ट्रेड यूनियन में सक्रियता के बावजूद वह बेहद लिखने-पढ़ने वाले पत्रकार थे। निधन के एक दिन पूर्व भी उन्होंने भारत-पाकिस्तान के हालिया प्रकरण पर जो लिखा उसे देश के सैकड़ों समाचार पत्रों ने प्रकाशित किया। पत्रकारिता और पत्रकारों के हक में उन्होंने कई ऐतिहासिक लड़ाइयां लड़ीं। वे संगठक, लेखक और मार्गदर्शक-तीनों भूमिकाओं में अद्वितीय थे। उक्त उद्गार एनयूजे (आई) के राष्ट्रीय संगठन मंत्री प्रमोद गोस्वामी ने व्यक्त किए। श्री गोस्वामी, एनयूजे, उत्तर प्रदेश की ओर से शुक्रवार को विधानसभा स्थित प्रेस रूम में दिवंगत वरिष्ठ पत्रकार डॉ. के. विक्रम राव एवं विजय राय की स्मृति में हुई श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे।

प्रमोद गोस्वामी ने आगे कहा, ‘के. विक्रम राव का बड़प्पन ऐसा था कि वह भीड़ में भी पहचान लेते थे। राव साहब, अनुभव से, पद से, कद से ही बड़े नहीं थे, वह विचारों और सोच से भी बड़े थे। अलग संगठन में होने के बावजूद भी मुद्दों पर हमेशा साथ खड़े दिखाई देते थे। वहीं, विजय राय अच्छे पत्रकार थे, वह सबको साथ लेकर चलने में विश्वास करते थे।’ एनयूजे, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष वीरेंद्र सक्सेना ने कहा, डॉ. के. विक्रम राव और विजय राय निर्भीक, साहसी और ईमानदार पत्रकार थे। यूनियन लीडर के साथ ही के. विक्रम राव विलक्षण प्रतिभा के पत्रकार थे। जूनियर साथियों के लिए मदद को तत्पर रहते थे। उनके व्यक्तित्व से युवाओं को सीख लेनी चाहिए। एनयूजे स्कूल ऑफ मास कॉम के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अजय कुमार ने कहा, के. विक्रम राव और राजनाथ सिंह सूर्य का आवास आमने-सामने था। के विक्रम राव सम्यवादी और राजनाथ सूर्य संघ विचारधारा से जुड़े थे, इसके बावजूद दोनों विभूतियों में अद्भुत साम्य था।

संगठन के संरक्षक सुरेंद्र कुमार दुबे ने कहा, के. विक्रम राव अपने जूनियर को सिखाने, घुमाने और आगे बढ़ाने के लिए सदैव तत्पर रहते थे। मैं समझता हूं कि देश भर में ऐसे हजारों साथी होंगे, जिनको उन्होंने तहसील स्तर से उठाकर देश-विदेश में पहचान दिलाई। संरक्षक के. बक्श सिंह ने कहा, राव साहब स्वयं सबको फोन करके हाल-चाल लेते थे। राव साहब बड़ा जनसंग्रही होने के बावजूद वह सबका व्यक्तिगत ध्यान रखते थे। विजय राय जूनियर-सीनियर का भेद नहीं मानते थे।

वरिष्ठ पत्रकार कलानिधि मिश्र ने कहा, के. विक्रम राव के स्वाभाव में जब 2017 में वैचारिक बदलाव आया तो मैंने बालहठवस उनके साथ प्रतिवाद किया तो उन्होंने बड़ी सहजता से मुझे संतुष्ट किया। मतभेद होने के बावजूद उनका भरपूर स्नेह मिला, उनसे काफ़ी कुछ सीखने को मिला। उनके लिखे की नकल भी बड़े लोग करते थे। विजय राय सामान्य पत्रकार से ग्रुप एडिटर तक पहुंचे। वह सीखने को हमेशा तैयार रहते थे। वह जूनियर को जमीन पर रहने की सीख देते थे।

वरिष्ठ पत्रकार श्रीधर अग्निहोत्री ने कहा, स्कूल में आलेख पढ़ता था, लखनऊ आया पहली बार देखा तो बड़ा ताज्जुब हुआ कि इतनी बड़ी शख्सियत के बावजूद भी वह कितना सहज थे। राव साहब कम्प्लीट जर्नलिस्ट थे, उनके जाने के बाद ऐसा लगता है पत्रकारिता अनाथ हो गई। वरिष्ठ पत्रकार गोलेश स्वामी ने कहा, राव साहब युवाओं को बहुत प्रोत्साहित करते थे। कोई खबर या आलेख पसंद आता तो फोन करके बधाई देते थे। विजय राय भी युवा पत्रकारों को आगे बढ़ाते थे। वरिष्ठ पत्रकार देवकीनंदन मिश्र ने कहा, राव साहब के लेख पढ़ने के बाद मैंने उनके पत्रकार स्वरूप का साक्षातकार किया। राव साहब चलते-फिरते गए इसका मतलब है कि वह पुण्यात्मा थे। विजय राय हमारे बॉस के साथ ही दोस्त भी थे। विजय राय का अंदाज था जब भी मिलते थे तो मुस्कुरा के मिलते थे। राव साहब से पढ़ने-लिखने की कला सीखने की जरूरत है।

वरिष्ठ पत्रकार पी.के. तिवारी ने कहा, विजय राय जब भी मिले उत्साह और तपाक से मिले। वह लोगों को स्वीकार करते थे। के. विक्रम राव से जूनियर को स्वीकार करने का हुनर सीखना चाहिए। राव साहब समुद्र से रत्न निकालकर भी लेखन में इस्तेमाल करते थे। राव साहब समय के साथ अपने को बदलते रहे। वह बाई ज्वाइस पत्रकारिता में आए थे। राव साहब के लेखकीय संस्कारों के कारण वह देश भर के बड़े नेता, राज्यपाल, मुख्यमंत्री की जुबान पर रहते थे। कांग्रेस के अख़बार में काम करने के बावजूद प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तक से भिड़ जाते थे राव साहब। अपने जूनियर के अच्छे काम की तारीफ करना भी जानते थे। उनके अंदर जड़ता नहीं थी।

वरिष्ठ पत्रकार विजय शंकर पंकज ने कहा, विजय राय ऐसे ग्रुप संपादक थे, उन्होंने कभी किसी साथी का नुकसान नहीं किया। कम उम्र में प्रतिभाशाली का गुजर जाना पत्रकारिता के लिए बड़ी क्षति है। राव साहब की हर विषय में पकड़ थी। उन्होंने वामपंथ से राष्ट्रपंथ की यात्रा पूरी की। वरिष्ठ पत्रकार अविनाश चंद्र मिश्र ने कहा, के. विक्रम राव और विजय राय बड़े कद के पत्रकार थे। राव साहब डिबेट के सामयिक विषय सुझाते थे। वरिष्ठ पत्रकार अस्थाना ने कहा, नए लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए राव साहब किसी भी सीमा तक जा सकते थे। उनके समाचार और आलेख के शीर्षक बड़े चुटीले और नुकीले होते थे। वह विचारों को आचरण में उतारते थे, जो उनके लेखन में भी परिलक्षित होता था।

उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के सचिव भारत सिंह ने कहा, राव साहब अभिभावक के रूप में थे। उनके पर रिच लाइब्रेरी थी। वह टाइपराइटर पर लिखते थे। देश का कोई भी विषय होता तो उनका पक्ष आता था। हमारे बीच वह अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पत्रकार थे। उन्होंने दुनिया के अधिकांश देशों की यात्रा की और भारतीय विचारों को पहुंचाया। उनके न रहने से हमारे बीच बड़ा खालीपन आया है, उसे भरने के लिए हम सबको प्रयास करना होगा। युवा पीढ़ी उनके खालीपन को भरे। उत्तर प्रदेश मान्यता प्राप्त संवाददाता समिति के संयुक्त सचिव अनिल सैनी ने भी अपने भाव प्रकट किए।

वरिष्ठ पत्रकार डॉ.के. विक्रम राव एवं विजय राय की श्रद्धांजलि सभा में एनयूजे, उत्तर प्रदेश के कोषाध्यक्ष अनुपम चौहान, प्रदेश प्रवक्ता/मीडिया प्रभारी डॉ.अतुल मोहन सिंह, एनयूजे लखनऊ के महामंत्री पद्माकर पांडेय, अरुण शर्मा ‘टीटू’, डीपी शुक्ला, अनिल अवस्थी, शेखर पंडित, नितिन श्रीवास्तव, अखिलेश पाण्डेय, अनिल सैनी, अमिता मिश्रा, सोनी कपूर, अनिल त्रिपाठी, श्यामल त्रिपाठी, अमरेंद्र प्रताप सिंह, भूपेंद्र मणि त्रिपाठी, विजय कुमार, अशोक चकलाधर समेत अन्य पत्रकारों ने अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

डॉ. अतुल मोहन सिंह
प्रदेश प्रवक्ता/मीडिया प्रभारी
संपर्क : 9807766888, 9451907315

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भारत-पाक तुलना पर ट्रंप के बयान से मचा बवाल, उठी निंदा की मांग https://vishwavarta.com/trump-india-pakistan-comparison/119489 Sun, 11 May 2025 12:41:23 +0000 https://vishwavarta.com/?p=119489 भारत पाकिस्तान की तुलना पर ट्रंप का बयान अब एक नई बहस का विषय बन गया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज अपने एक ट्वीट में भारत और पाकिस्तान दोनों की “मजबूत और शक्तिशाली नेतृत्व” के रूप में सराहना की, जिससे भारत में राजनीतिक हलकों और नागरिक समाज में नाराजगी देखी जा …

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भारत पाकिस्तान की तुलना पर ट्रंप का बयान अब एक नई बहस का विषय बन गया है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आज अपने एक ट्वीट में भारत और पाकिस्तान दोनों की “मजबूत और शक्तिशाली नेतृत्व” के रूप में सराहना की, जिससे भारत में राजनीतिक हलकों और नागरिक समाज में नाराजगी देखी जा रही है।

ट्रंप ने अपने ट्वीट में लिखा कि भारत और पाकिस्तान की समझदारी ने संभावित बड़े युद्ध को टाल दिया, जिससे लाखों निर्दोष लोगों की जान बच सकी। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका इस फैसले में एक सकारात्मक भूमिका निभाने में सक्षम रहा और अब वह दोनों देशों के साथ व्यापार को बढ़ावा देंगे।

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हालांकि, ट्रंप के इस ट्वीट में भारत जैसे लोकतांत्रिक और आतंकवाद के खिलाफ कठोर रुख रखने वाले देश की तुलना पाकिस्तान जैसे आतंकवाद को शरण देने वाले देश से करना कई लोगों को खल गया।
भारतीय किसान मजदूर यूनियन दशहरी संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मनीष यादव ने इस बयान को “अपमानजनक” और “भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने वाला” बताया है।

मनीष यादव ने साफ शब्दों में कहा कि “भारत को पाकिस्तान जैसे आतंकी पोषक देश की श्रेणी में रखे जाने का कोई औचित्य नहीं है। यह न केवल भारत का अपमान है, बल्कि हमारे शहीदों के बलिदान को भी अनदेखा करने जैसा है। भारत सरकार को इस पर तुरंत आपत्ति दर्ज करानी चाहिए।”

संगठन की मांग है कि भारत सरकार को अमेरिका से इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति दर्ज करानी चाहिए और यह स्पष्ट करना चाहिए कि भारत की तुलना आतंकवाद पोषक देश से करना बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है।

भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया तनाव और सीमा पर सीजफायर उल्लंघन की घटनाओं के बीच ट्रंप का यह बयान राजनयिक रूप से असंवेदनशील माना जा रहा है। भारत में ट्विटर पर #IndiaPakistanWar2025, #PakVsIndia जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जहां आम जनता और विश्लेषक इस तुलना पर खुलकर अपनी नाखुशी जाहिर कर रहे हैं।

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सरकारी कार्रवाई के घेरे में ‘4PM’ चैनल, सुप्रीम कोर्ट ने लिया संज्ञान https://vishwavarta.com/punya-prasun-bajpai-youtube-ban/119285 Tue, 06 May 2025 14:44:58 +0000 https://vishwavarta.com/?p=119285 वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी के यूट्यूब चैनल ‘4PM’ पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध ने मीडिया स्वतंत्रता पर नई बहस छेड़ दी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है, जिससे यह मुद्दा और भी गंभीर हो गया है। ‘4PM’ चैनल, जो कि पुण्य प्रसून बाजपेयी द्वारा …

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वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी के यूट्यूब चैनल ‘4PM’ पर सरकार द्वारा लगाए गए प्रतिबंध ने मीडिया स्वतंत्रता पर नई बहस छेड़ दी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी किया है, जिससे यह मुद्दा और भी गंभीर हो गया है।

‘4PM’ चैनल, जो कि पुण्य प्रसून बाजपेयी द्वारा संचालित है, पर सरकार ने प्रतिबंध लगाया है। इस प्रतिबंध के पीछे के कारणों को लेकर विभिन्न अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया है। इससे पहले भी बाजपेयी को उनके पत्रकारिता कार्यों के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिसमें ABP न्यूज़ से उनका इस्तीफा शामिल है।

सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रतिबंध के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा है कि क्या यह प्रतिबंध अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन नहीं है। इस मामले की अगली सुनवाई के लिए तारीख निर्धारित की गई है, जिसमें सरकार को अपना पक्ष रखना होगा।

इस घटना ने पत्रकारिता की स्वतंत्रता और सरकार की आलोचना करने वाले मीडिया प्लेटफॉर्म्स की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ा दी है। कई पत्रकार और मीडिया संगठन इस प्रतिबंध की निंदा कर रहे हैं और इसे लोकतंत्र के लिए खतरा मान रहे हैं।

पुण्य प्रसून बाजपेयी ने इस प्रतिबंध को लेकर कहा है कि यह सरकार की आलोचना करने वाले स्वरों को दबाने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि वे इस लड़ाई को कानूनी रूप से लड़ेंगे और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा करेंगे।

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भारतीय चैनलों पर पाकिस्तान के पैनलिस्टों पर प्रतिबंध, एनबीडीए का बड़ा फैसला https://vishwavarta.com/pakistan-panelists-ban/119227 Mon, 05 May 2025 07:14:13 +0000 https://vishwavarta.com/?p=119227 भारत में अब भारतीय समाचार चैनलों पर होने वाली बहसों में पाकिस्तान के पैनलिस्ट नजर नहीं आएंगे। रविवार को नेशनल ब्रॉडकास्टिंग डिस्ट्रीब्यूशन एसोसिएशन (एनबीडीए) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया, जिसमें पाकिस्तान के सभी पैनलिस्टों को भारतीय चैनलों की बहसों में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया है। इस फैसले के बाद, भारतीय समाचार चैनलों …

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भारत में अब भारतीय समाचार चैनलों पर होने वाली बहसों में पाकिस्तान के पैनलिस्ट नजर नहीं आएंगे। रविवार को नेशनल ब्रॉडकास्टिंग डिस्ट्रीब्यूशन एसोसिएशन (एनबीडीए) ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया, जिसमें पाकिस्तान के सभी पैनलिस्टों को भारतीय चैनलों की बहसों में भाग लेने से प्रतिबंधित कर दिया गया है।

इस फैसले के बाद, भारतीय समाचार चैनलों को यह निर्देश दिया गया है कि वे पाकिस्तान से संबंधित किसी भी पैनलिस्ट को अपने शो में शामिल न करें। एनबीडीए ने इस कदम को भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता के हित में एक आवश्यक निर्णय बताया है।

यह प्रतिबंध भारतीय चैनलों के लिए एक अहम बदलाव है, खासकर उन शो के लिए जो अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर बहस करते हैं। इससे पहले पाकिस्तान के पैनलिस्ट भारतीय टीवी चैनलों पर विभिन्न विषयों पर अपनी राय रखते थे, लेकिन अब यह स्थिति बदल चुकी है।

एनबीडीए के इस निर्णय का समर्थन करते हुए, कई भारतीय नेताओं ने इसे एक सही कदम बताया है, जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और सशक्त आवाज को सुनिश्चित करेगा। हालांकि, कुछ मीडिया विश्लेषकों ने इस कदम को मीडिया की स्वतंत्रता पर असर डालने वाला भी बताया है, लेकिन एनबीडीए ने इसे जरूरी और सुरक्षा से जुड़ा फैसला बताया है।

इस फैसले के बाद से अब भारतीय समाचार चैनल अपने कार्यक्रमों में पाकिस्तान से किसी भी विशेषज्ञ या राजनीतिक हस्ती को आमंत्रित नहीं कर पाएंगे। यह कदम उन भारतीय नागरिकों के लिए एक कड़ा संदेश है जो पाकिस्तान से संबंधित मुद्दों पर चर्चा करना चाहते थे।

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यूपी रेरा बिना रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट में फंसे खरीददारों का पैसा दिलाएगा https://vishwavarta.com/up-rera-paisa-wapsi/118984 Mon, 28 Apr 2025 08:15:45 +0000 https://vishwavarta.com/?p=118984 लखनऊ। घर खरीददारों के लिए राहत की खबर है। यूपी रेरा ने बिना रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट में फंसे खरीददारों का पैसा वापस दिलाने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी कर दिया है। यह SOP पेंडिंग और भविष्य में आने वाली शिकायतों पर लागू होगी। रेरा केवल जमा किए गए पैसे की वापसी से जुड़े मामलों …

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लखनऊ। घर खरीददारों के लिए राहत की खबर है। यूपी रेरा ने बिना रजिस्टर्ड प्रोजेक्ट में फंसे खरीददारों का पैसा वापस दिलाने के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (SOP) जारी कर दिया है।

यह SOP पेंडिंग और भविष्य में आने वाली शिकायतों पर लागू होगी। रेरा केवल जमा किए गए पैसे की वापसी से जुड़े मामलों पर सुनवाई करेगा। विधि और तकनीकी सलाहकारों की रिपोर्ट को इस प्रक्रिया में अहम माना गया है। सलाहकारों को तीन दिन के भीतर रिपोर्ट सौंपनी होगी।

यूपी रेरा के नियमों के अनुसार, अगर किसी प्रोजेक्ट में आठ फ्लैट या उससे अधिक का निर्माण हुआ है, तो उसे रजिस्टर्ड कराना अनिवार्य है। नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे क्षेत्रों में कई प्रोजेक्ट बिना रजिस्ट्री के अवैध रूप से बनाए गए हैं।

यूपी रेरा का यह कदम खरीददारों को न्याय दिलाने और रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता लाने की दिशा में एक बड़ी पहल माना जा रहा है।

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अयोध्या में फ्लोटिंग बाथिंग कुंड का निर्माण, श्रद्धालुओं के लिए होगी नई सुविधा https://vishwavarta.com/ayodhya-floating-bathing-kund/118942 Sat, 26 Apr 2025 13:09:56 +0000 https://vishwavarta.com/?p=118942 योगी सरकार का बड़ा निर्णय: अयोध्या में फ्लोटिंग बाथिंग कुंड का निर्माणअयोध्या में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और पर्यटन के विकास को देखते हुए योगी सरकार ने एक अहम निर्णय लिया है। अब अयोध्या में स्थित सरयू नदी में फ्लोटिंग बाथिंग कुंड का निर्माण किया जाएगा, जो श्रद्धालुओं को आधुनिक और सुविधाजनक स्नान की व्यवस्था …

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योगी सरकार का बड़ा निर्णय: अयोध्या में फ्लोटिंग बाथिंग कुंड का निर्माण
अयोध्या में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और पर्यटन के विकास को देखते हुए योगी सरकार ने एक अहम निर्णय लिया है। अब अयोध्या में स्थित सरयू नदी में फ्लोटिंग बाथिंग कुंड का निर्माण किया जाएगा, जो श्रद्धालुओं को आधुनिक और सुविधाजनक स्नान की व्यवस्था प्रदान करेगा। यह बाथिंग कुंड एक समय में 300 श्रद्धालुओं को स्नान करने की सुविधा देगा, जिससे धार्मिक मेलों और आयोजनों के दौरान श्रद्धालुओं को अतिरिक्त सुविधाएं मिल सकेंगी।

फ्लोटिंग बाथिंग कुंड में क्या होंगे इंतजाम?
इस फ्लोटिंग बाथिंग कुंड में कई आधुनिक सुविधाएं शामिल की जाएंगी, जिनमें सेफ्टी बैरियर, रेलिंग, चेंजिंग रूम, बेंच, सोलर लाइट्स और एमरजेंसी सपोर्ट बोट जैसे इंतजाम होंगे। इसके अलावा, श्रद्धालुओं की आरामदायक अनुभव के लिए शॉपिंग सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी। यह कुंड न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि अयोध्या में आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनेगा।

फ्लोटिंग बाथिंग कुंड की संरचना
फ्लोटिंग कुंड एक तैरती हुई संरचना होगी, जिसे हल्के और टिकाऊ सामग्रियों जैसे पॉन्टून, फाइबर-रिइन्फोर्स्ड प्लास्टिक और स्टील फ्रेम से तैयार किया जाएगा। यह संरचना नदी के उतार-चढ़ाव के साथ समायोजित हो सकती है और नदी में स्थिर रहेगी। इस प्रकार का डिजाइन न केवल सुरक्षित होगा, बल्कि इसे बनाए रखना भी आसान होगा।

धार्मिक पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
यह निर्णय अयोध्या के धार्मिक महत्व को और बढ़ाएगा। भव्य राम मंदिर के निर्माण के बाद बड़ी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या आ रहे हैं। योगी सरकार का यह कदम अयोध्या को धार्मिक पर्यटन नगरी के रूप में स्थापित करने में मदद करेगा, साथ ही स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग
अयोध्या विकास प्राधिकरण (Ayodhya Development Authority) इस पूरे प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग करेगा। इसके लिए प्राधिकरण ने संरचना तैयार कर ली है और जल्द ही इसका टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

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लखनऊ में अवैध बस्तियों पर चलेगा बुलडोजर, 7 दिनों में हटाने के निर्देश https://vishwavarta.com/lucknow-mein-avaidh-bastiyon-par-chalega-bulldozer/118772 Tue, 22 Apr 2025 08:16:19 +0000 https://vishwavarta.com/?p=118772 लखनऊ।शहर में अवैध कब्जों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। लखनऊ में अवैध बस्तियों पर चलेगा बुलडोजर। नगर निगम प्रशासन ने 7 दिनों के भीतर अवैध बस्तियों को हटाने का निर्देश जारी कर दिया है। नगर निगम की जमीनों पर अतिक्रमण कर बनाई गई बस्तियों को चिन्हित कर लिया गया है। …

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लखनऊ।
शहर में अवैध कब्जों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। लखनऊ में अवैध बस्तियों पर चलेगा बुलडोजर। नगर निगम प्रशासन ने 7 दिनों के भीतर अवैध बस्तियों को हटाने का निर्देश जारी कर दिया है।

नगर निगम की जमीनों पर अतिक्रमण कर बनाई गई बस्तियों को चिन्हित कर लिया गया है। अब प्रशासनिक स्तर पर विशेष अभियान चलाकर इन अवैध बस्तियों को हटाया जाएगा।

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह तय किया गया कि अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही बिना किसी देरी के शुरू होगी। नगर निगम, पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम चिन्हित बस्तियों से कब्जा हटवाएगी।

प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि भिक्षावृत्ति में संलिप्त लोगों को संरक्षण देने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। ऐसे मामलों में एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्यवाही की जाएगी।

साथ ही, उन जरूरतमंद परिवारों के लिए वैकल्पिक सुरक्षित आवास की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए गए हैं, जिनके पास कोई स्थायी आवास नहीं है। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी वास्तविक ज़रूरतमंद को बेघर नहीं छोड़ा जाएगा।

प्रशासन का यह कदम शहर में स्वच्छता और सुव्यवस्थित आवास व्यवस्था की दिशा में एक बड़ी पहल माना जा रहा है।


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब दौरे पर रवाना, क्राउन प्रिंस से होगी मुलाकात https://vishwavarta.com/pradhanmantri-narendra-modi-saudi-arab-daure-par-ravana/118761 Tue, 22 Apr 2025 07:12:11 +0000 https://vishwavarta.com/?p=118761 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब दौरे पर रवाना हो चुके हैं।यह यात्रा सऊदी अरब के प्रधानमंत्री और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विशेष निमंत्रण पर हो रही है। प्रधानमंत्री मोदी 22 और 23 अप्रैल को सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा पर रहेंगे।इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने …

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब दौरे पर रवाना हो चुके हैं।
यह यात्रा सऊदी अरब के प्रधानमंत्री और क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के विशेष निमंत्रण पर हो रही है।

प्रधानमंत्री मोदी 22 और 23 अप्रैल को सऊदी अरब की दो दिवसीय यात्रा पर रहेंगे।
इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रिश्तों को और प्रगाढ़ बनाने पर बातचीत होगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब दौरे पर रवाना होने के साथ ही भारत-सऊदी संबंधों में नई गति आने की उम्मीद है।
यह दौरा व्यापार, निवेश और ऊर्जा सहयोग के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है।

सूत्रों के अनुसार, इस यात्रा में रणनीतिक साझेदारी परिषद की उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन भी प्रस्तावित है।
साथ ही, रक्षा, ऊर्जा, डिजिटल इकोनॉमी और इन्वेस्टमेंट जैसे कई मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।

प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उथल-पुथल है।
इसलिए भारत की ओर से ऊर्जा सुरक्षा पर भी फोकस रहने की संभावना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब दौरे पर रवाना होने से भारत और खाड़ी देशों के बीच बढ़ते राजनीतिक और आर्थिक रिश्तों को मजबूती मिलेगी।
यात्रा के दौरान कई द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर भी संभव हैं।

इसके अलावा प्रधानमंत्री सऊदी अरब में बसे भारतीय समुदाय से भी मुलाकात कर सकते हैं।
यह दौरा भारत की विदेश नीति के लिहाज से महत्वपूर्ण पड़ाव साबित हो सकता है।


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पेंशन को लेकर नो टेंशन, धामी सरकार ने समाधान के लिए तैयार किया प्लान https://vishwavarta.com/pension-ko-lekar-no-tension-dhami-sarkar-online-samadhan-plan/118699 Mon, 21 Apr 2025 06:43:43 +0000 https://vishwavarta.com/?p=118699 पेंशन को लेकर नो टेंशन—अब उत्तराखंड के पेंशनरों को पेंशन संबंधी समस्याओं के लिए परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पेंशनरों की शिकायतों का समाधान सुनिश्चित करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार करने का निर्णय लिया है। यह कदम पेंशनरों की सुविधा और पारदर्शिता …

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पेंशन को लेकर नो टेंशन—अब उत्तराखंड के पेंशनरों को पेंशन संबंधी समस्याओं के लिए परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार ने पेंशनरों की शिकायतों का समाधान सुनिश्चित करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल तैयार करने का निर्णय लिया है। यह कदम पेंशनरों की सुविधा और पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में बेहद अहम माना जा रहा है।

उत्तराखंड में करीब डेढ़ लाख पेंशनर हैं, जो अक्सर पेंशन मिलने में देरी या अन्य तकनीकी समस्याओं का सामना करते रहे हैं। इन समस्याओं को समाप्त करने के लिए अब सरकार ने पेंशन को लेकर नो टेंशन अभियान के तहत ठोस योजना बनाई है।

इस योजना के तहत पेंशनरों को अब विभागों के चक्कर काटने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ेगी। वे अपनी शिकायतें सीधे ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज कर सकेंगे। पोर्टल पर शिकायत दर्ज करने के बाद उन्हें एक टोकन नंबर भी मिलेगा, जिससे वे अपनी शिकायत की स्थिति को कभी भी ट्रैक कर सकेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर यह पोर्टल राज्य का आइटीडीए और वित्त विभाग मिलकर विकसित कर रहे हैं। इस पोर्टल के जरिए पेंशनरों की शिकायतें सीधे संबंधित विभाग तक पहुंचेंगी और तय समयसीमा में उनका समाधान किया जाएगा।

वित्त विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पोर्टल को यूज़र-फ्रेंडली और पारदर्शी बनाया जाएगा ताकि सभी उम्र के पेंशनर आसानी से इसका उपयोग कर सकें। शिकायत की स्थिति और समाधान में लगने वाले संभावित समय की जानकारी भी पेंशनरों को पोर्टल पर मिलेगी।

सरकार का कहना है कि इस सुविधा से पेंशनरों को मानसिक और शारीरिक दोनों तरह की परेशानियों से राहत मिलेगी। खासतौर पर शिक्षा विभाग के पेंशनर, जो सबसे बड़ी संख्या में हैं, उनके लिए यह पोर्टल किसी वरदान से कम नहीं होगा।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा है कि पेंशनरों की समस्याओं के प्रति सरकार पूरी तरह गंभीर है और उनकी सुविधा के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि यह पोर्टल जल्द से जल्द तैयार कर, पेंशनरों के हित में लागू किया जाए।

पेंशन को लेकर नो टेंशन मुहिम के तहत यह डिजिटल पहल निश्चित रूप से उत्तराखंड के पेंशनरों के जीवन को सरल और सुरक्षित बनाएगी।

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