जरा हटके Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/category/special/some-thing-different National Hindi News Paper, E-Paper & News Portal Fri, 09 May 2025 13:26:33 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.8.1 https://vishwavarta.com/wp-content/uploads/2023/08/Vishwavarta-Logo-150x150.png जरा हटके Archives - Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper https://vishwavarta.com/category/special/some-thing-different 32 32 अनिल महाराज की तस्वीरें इंटरनेट पर छाईं, सोशल मीडिया पर मचा धमाल https://vishwavarta.com/anil-maharaj-viral-photo/119415 Fri, 09 May 2025 13:26:29 +0000 https://vishwavarta.com/?p=119415 बाराबंकी। जिले के युवा कलाकार अनिल महाराज वायरल फोटो के चलते एक बार फिर सोशल मीडिया पर चर्चा में आ गए हैं। हाल ही में एक फैमिली प्रोग्राम के दौरान ली गई उनकी तस्वीरें तेजी से इंटरनेट पर वायरल हो रही हैं। इन फोटोज़ में उनके साथ इंडियन आइडल फेम श्रीभरतराज और प्रसिद्ध सिंगर संजोली …

The post अनिल महाराज की तस्वीरें इंटरनेट पर छाईं, सोशल मीडिया पर मचा धमाल appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
बाराबंकी। जिले के युवा कलाकार अनिल महाराज वायरल फोटो के चलते एक बार फिर सोशल मीडिया पर चर्चा में आ गए हैं। हाल ही में एक फैमिली प्रोग्राम के दौरान ली गई उनकी तस्वीरें तेजी से इंटरनेट पर वायरल हो रही हैं। इन फोटोज़ में उनके साथ इंडियन आइडल फेम श्रीभरतराज और प्रसिद्ध सिंगर संजोली पांडेय भी नजर आ रही हैं।

इन तस्वीरों को सोशल मीडिया यूज़र्स काफी पसंद कर रहे हैं और बड़ी संख्या में शेयर किया जा रहा है। खास बात यह है कि अनिल महाराज का पारंपरिक परिधान और सहज मुस्कान लोगों को काफी आकर्षित कर रही है। उनकी लोकप्रियता सिर्फ बाराबंकी तक सीमित नहीं रही, बल्कि यूपी के अन्य जिलों और आसपास के राज्यों में भी उनके फोटो वायरल हो रहे हैं।

गौरतलब है कि अनिल महाराज पहले भी अपने सांस्कृतिक कार्यक्रमों और पारंपरिक गायन के कारण चर्चा में रहे हैं। लेकिन इस बार बिना किसी स्टेज परफॉर्मेंस के सिर्फ एक वायरल फोटो के जरिए वह लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।

सोशल मीडिया पर सक्रिय कई फैन पेज और म्यूज़िक प्रेमी उनके फोटो को ‘कल्चरल आइकन’ बताकर शेयर कर रहे हैं। तस्वीर में दिख रही सादगी और सांस्कृतिक भाव उनकी छवि को और प्रबल कर रही है।

The post अनिल महाराज की तस्वीरें इंटरनेट पर छाईं, सोशल मीडिया पर मचा धमाल appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने की सरकार की खास डिजिटल पहल https://vishwavarta.com/pankh-portal-career-guidance/119405 Fri, 09 May 2025 09:58:16 +0000 https://vishwavarta.com/?p=119405 उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बेटियों की शिक्षा, आत्मनिर्भरता और कैरियर निर्माण के लिए शुरू किया गया पंख पोर्टल, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की छात्राओं के लिए एक क्रांतिकारी पहल बन चुका है। समग्र शिक्षा अभियान और यूनिसेफ के सहयोग से विकसित यह डिजिटल मंच बेटियों को करियर संबंधी गाइडेंस, आत्मविश्वास और तार्किक …

The post बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने की सरकार की खास डिजिटल पहल appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बेटियों की शिक्षा, आत्मनिर्भरता और कैरियर निर्माण के लिए शुरू किया गया पंख पोर्टल, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की छात्राओं के लिए एक क्रांतिकारी पहल बन चुका है। समग्र शिक्षा अभियान और यूनिसेफ के सहयोग से विकसित यह डिजिटल मंच बेटियों को करियर संबंधी गाइडेंस, आत्मविश्वास और तार्किक सोच के साथ भविष्य की दिशा तय करने में मदद कर रहा है।

‘पंख पोर्टल’ का मुख्य उद्देश्य केवल करियर विकल्पों की जानकारी देना नहीं है, बल्कि छात्राओं को रणनीतिक रूप से अपने सपनों को साकार करने के लिए तैयार करना भी है। कक्षा 6 से 12 तक की छात्राएं इस पोर्टल (uppankh.in) पर रजिस्ट्रेशन कर अपना करियर प्लान तैयार कर रही हैं। यहां उन्हें इंजीनियरिंग, वाणिज्य, चिकित्सा, खेल, संगीत, लेखन, वाद-विवाद जैसे क्षेत्रों की जानकारी सहज रूप में मिल रही है।

हर स्कूल में बना है कैरियर कॉर्नर
हर उच्चीकृत केजीबीवी स्कूल में वार्डेन की अध्यक्षता में एक कैरियर कॉर्नर स्थापित किया गया है। यहां मनोविज्ञान और तकनीकी रूप से दक्ष नोडल शिक्षिकाएं छात्राओं को मार्गदर्शन प्रदान कर रही हैं। छात्राएं अपनी करियर योजना को एक व्यक्तिगत डायरी में नोट करती हैं, जिसकी समीक्षा वार्डेन नियमित रूप से करते हैं। इससे योजना व्यावहारिक बनती है और बेटियों में आत्मविश्वास बढ़ता है।

50 करियर गाइडेंस कार्ड और माइंड मैप्स से संवाद की शुरुआत
यूनिसेफ द्वारा तैयार किए गए 50 करियर गाइडेंस कार्ड स्कूलों में छात्रों और शिक्षकों के बीच संवाद का माध्यम बन रहे हैं। इसके साथ ही बड़े आकार के माइंड मैप फ्लैक्स छात्राओं को रचनात्मक रूप से सोचने और अपने विचार साझा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। जिला और राज्य स्तर पर इस योजना की मॉनिटरिंग भी की जा रही है, ताकि हर छात्रा को बेहतर मार्गदर्शन मिल सके।

वेबिनार और विशेष प्रशिक्षण से मजबूत हो रही व्यवस्था
राज्य स्तर पर समय-समय पर ऑनलाइन वेबिनार और विशेष प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य है कि नोडल शिक्षिकाएं और वार्डेन नवीनतम कैरियर ट्रेंड्स और गाइडेंस तकनीकों से परिचित हों, जिससे बेटियों को उच्च गुणवत्ता वाला मार्गदर्शन प्राप्त हो।

शिक्षा मंत्री का संदेश
बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा, “योगी सरकार का लक्ष्य केवल शिक्षा देना नहीं, बल्कि हर बेटी को उसकी प्रतिभा के अनुसार सही दिशा देना है। ‘पंख पोर्टल’ बेटियों को आत्मनिर्भर भारत का स्तंभ बना रहा है।”

The post बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने की सरकार की खास डिजिटल पहल appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
शादी के बाद रिंकू घोष की वापसी से हलचल, नए प्रोजेक्ट का खुलासा https://vishwavarta.com/rinku-ghosh-bhojpuri-return/119123 Fri, 02 May 2025 09:56:20 +0000 https://vishwavarta.com/?p=119123 मुंबई/भोजपुरी सिनेमा:भोजपुरी सिनेमा की लोकप्रिय अभिनेत्री रिंकू घोष की भोजपुरी फिल्मों में वापसी की खबर से इंडस्ट्री में हलचल मच गई है। शादी के बाद रिंकू लंबे समय से फिल्मी दुनिया से दूर थीं, लेकिन अब वह फिल्म ‘रेशम की डोरी’ से बड़े पर्दे पर वापसी करने जा रही हैं। इस फिल्म का निर्देशन शत्रुघ्न …

The post शादी के बाद रिंकू घोष की वापसी से हलचल, नए प्रोजेक्ट का खुलासा appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
मुंबई/भोजपुरी सिनेमा:
भोजपुरी सिनेमा की लोकप्रिय अभिनेत्री रिंकू घोष की भोजपुरी फिल्मों में वापसी की खबर से इंडस्ट्री में हलचल मच गई है। शादी के बाद रिंकू लंबे समय से फिल्मी दुनिया से दूर थीं, लेकिन अब वह फिल्म ‘रेशम की डोरी’ से बड़े पर्दे पर वापसी करने जा रही हैं। इस फिल्म का निर्देशन शत्रुघ्न गोस्वामी कर रहे हैं, और अभिनेता जय उनके साथ लीड रोल में नजर आएंगे।

रिंकू घोष को भोजपुरी सिनेमा की ड्रीम गर्ल कहा जाता है। उन्होंने मनोज तिवारी, रवि किशन और दिनेश लाल यादव निरहुआ जैसे मेगास्टार्स के साथ कई हिट फिल्में दी हैं। ‘दरोगा बाबू आई लव यू’, ‘बलिदान’, ‘रखवाला’, ‘नगीना’, ‘विदाई’ और ‘सात सहेलियां’ जैसी फिल्मों में उनकी बेहतरीन अदायगी ने उन्हें इंडस्ट्री में अलग पहचान दिलाई।

रिंकू घोष ने फिल्म ‘सुहागन बनाद सजना हमार’ से भोजपुरी इंडस्ट्री में डेब्यू किया था और उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। उन्हें मिस मुंबई का खिताब भी मिल चुका है। उन्होंने न केवल भोजपुरी बल्कि हिंदी और तेलुगु फिल्मों में भी काम किया है, साथ ही टेलीविजन पर भी अपनी एक्टिंग से लोगों का दिल जीता।

कुछ समय पहले रिंकू ने ओमान में कार्यरत एक मल्टीनेशनल कंपनी के प्रोफेशनल अमित दत्ता रॉय से शादी कर ली थी और शादी के बाद वह इंडस्ट्री से दूर चली गई थीं। अब उनकी वापसी की खबर ने भोजपुरी सिनेमा को एक नई ऊर्जा दी है।

अभी तक रिंकू घोष की वापसी को लेकर दर्शकों में जबरदस्त उत्साह है और सोशल मीडिया पर फैंस उनकी नई फिल्म के ट्रेलर का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

रिंकू घोष की भोजपुरी फिल्मों में वापसी ने यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा कभी फीकी नहीं पड़ती और सही समय पर सही वापसी पूरे इंडस्ट्री को हिला सकती है।

The post शादी के बाद रिंकू घोष की वापसी से हलचल, नए प्रोजेक्ट का खुलासा appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
‘Olo’ – एक नया रंग और ओज तकनीकी की खोज https://vishwavarta.com/olo-rang-khoya-aur-oj-technology/118995 Mon, 28 Apr 2025 10:37:13 +0000 https://vishwavarta.com/?p=118995 वैज्ञानिकों ने ओज तकनीकी का उपयोग करके ‘Olo’ नामक एक नया रंग खोजा है, जो आंखों से दिखाई नहीं देता। यह खोज रंगदृष्टि को समझने में क्रांतिकारी साबित हो सकती है और रंग अंधेपन के इलाज में उपयोगी हो सकती है। मुख्य सामग्री: 1. नया रंग ‘Olo’ की खोजवैज्ञानिकों ने एक नया रंग खोजा है, …

The post ‘Olo’ – एक नया रंग और ओज तकनीकी की खोज appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
वैज्ञानिकों ने ओज तकनीकी का उपयोग करके ‘Olo’ नामक एक नया रंग खोजा है, जो आंखों से दिखाई नहीं देता। यह खोज रंगदृष्टि को समझने में क्रांतिकारी साबित हो सकती है और रंग अंधेपन के इलाज में उपयोगी हो सकती है।


मुख्य सामग्री:

1. नया रंग ‘Olo’ की खोज
वैज्ञानिकों ने एक नया रंग खोजा है, जिसे ‘Olo’ नाम दिया गया है। यह रंग आंखों से दिखाई नहीं देता और इसे एक गहरे संतृप्त नीले-हरे रंग के रूप में परिभाषित किया गया है। यह खोज कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले और वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने की है। इस अध्ययन को साइंस एडवांसेस पत्रिका में 18 अप्रैल 2025 को प्रकाशित किया गया। इस रंग को एक विशेष लेजर तकनीकी ‘ओज’ के माध्यम से प्रदर्शित किया गया है, जो रेटिना के फोटोरिसेप्टर्स को उत्तेजित करता है।

2. ओज तकनीकी
ओज तकनीकी एक अत्याधुनिक तरीका है, जो वैज्ञानिकों को आंख को एक ऐसा रंग देखने में सक्षम बनाता है जो सामान्यत: अदृश्य होता है। यह तकनीक लेजर माइक्रो-पल्स का उपयोग करती है, जो रेटिना के विशिष्ट कोन कोशिकाओं को लक्षित करके उन्हें उत्तेजित करती है। यह रेटिना के लिए एक प्रकार का सूक्ष्मदर्शी कार्य करती है, जो कोन कोशिकाओं को अत्यधिक सटीकता से उत्तेजित करने की अनुमति देती है।

3. Olo के गुण
‘Olo’ एक अत्यधिक संतृप्त और गहरे हरे-नीले रंग के रूप में दिखाई देता है। जिन्होंने इसे देखा है, वे इसे अत्यधिक तीव्र बताते हैं। Olo का सबसे खास पहलू यह है कि इसे सामान्य स्क्रीन या माध्यमों से पुन: उत्पन्न नहीं किया जा सकता, जिससे यह एक अनूठा दृश्य अनुभव बनता है।

4. क्या Olo एक नया रंग है?
Olo एक नया प्रकाश तरंगदैर्ध्य नहीं है, बल्कि यह एक निहित रंग है जो हमेशा से सिद्धांत रूप में मौजूद था। इसका नामकरण और स्वीकार्यता इसे मानव दृष्टि के लिए नया रंग बना देती है, हालांकि यह एक दृश्य अनुभव है जिसे पहले कभी नहीं देखा गया था।

5. Olo तकनीकी के संभावित अनुप्रयोग
ओज तकनीकी का उपयोग रंग अंधेपन, विशेष रूप से ‘ड्यूटरानोमली’ से पीड़ित व्यक्तियों के उपचार में किया जा सकता है। हालांकि, इसका व्यावहारिक अनुप्रयोग कुछ तकनीकी चुनौतियों का सामना करता है।

6. रंग दृष्टि के लिए व्यापक प्रभाव
‘Olo’ की खोज से यह समझने में मदद मिलती है कि विभिन्न प्रजातियों में रंग दृष्टि कैसे भिन्न होती है। विभिन्न प्रजातियों के पास विभिन्न प्रकार की कोन कोशिकाएं होती हैं, जो उनकी रंग दृष्टि को प्रभावित करती हैं। Olo की खोज से यह समझने में मदद मिल सकती है कि अन्य प्रजातियां रंगों को कैसे अनुभव करती हैं, जिससे रंग दृष्टि के बारे में हमारी समझ में सुधार हो सकता है।

7. नेताओं के लिए साइबर सुरक्षा कार्यक्रम
ISB ऑनलाइन का साइबर सुरक्षा फॉर लीडर्स कार्यक्रम नेताओं को AI-संयुक्त समाधान से लगातार बढ़ते साइबर खतरों से निपटने के लिए तैयार करता है। यह 16 सप्ताह का पाठ्यक्रम है जिसमें AI एप्लिकेशन, क्लाउड सुरक्षा, और डिजिटल फोरेंसिक्स जैसे विभिन्न विषयों को शामिल किया गया है। यह कार्यक्रम वास्तविक दुनिया के केस स्टडीज और इंटरएक्टिव तत्वों से सुसज्जित है।

8. कार्यक्रम के लिए आदर्श उम्मीदवार
यह कार्यक्रम वरिष्ठ नेताओं, साइबर सुरक्षा में करियर बनाने के इच्छुक पेशेवरों, और जिन पेशेवरों को साइबर सुरक्षा में बदलाव करना है, उनके लिए आदर्श है।

9. प्रमुख निष्कर्ष
इस कार्यक्रम को पूरा करने पर प्रतिभागी साइबर सुरक्षा अवधारणाओं, रणनीतिक कार्यान्वयन और जैसे AI और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे उभरते रुझानों की गहरी समझ प्राप्त करेंगे।

The post ‘Olo’ – एक नया रंग और ओज तकनीकी की खोज appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
पुराने ब्लैक एंड व्हाइट फोटो को रंगीन बनाना अब बेहद आसान, ChatGPT ने बदली तस्वीरों की दुनिया https://vishwavarta.com/purane-black-and-white-photo-ko-rangin-banana/118902 Sat, 26 Apr 2025 06:23:27 +0000 https://vishwavarta.com/?p=118902 नई दिल्ली।अगर आपके पास अपने दादा-दादी या पिता की शादी की कोई पुरानी ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर है, तो अब उसे फिर से ज़िंदा किया जा सकता है – वो भी रंगों के साथ। OpenAI के ChatGPT ने ऐसा कमाल कर दिखाया है जो अब इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। अब पुराने ब्लैक एंड …

The post पुराने ब्लैक एंड व्हाइट फोटो को रंगीन बनाना अब बेहद आसान, ChatGPT ने बदली तस्वीरों की दुनिया appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
नई दिल्ली।
अगर आपके पास अपने दादा-दादी या पिता की शादी की कोई पुरानी ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर है, तो अब उसे फिर से ज़िंदा किया जा सकता है – वो भी रंगों के साथ। OpenAI के ChatGPT ने ऐसा कमाल कर दिखाया है जो अब इंटरनेट पर वायरल हो रहा है। अब पुराने ब्लैक एंड व्हाइट फोटो को रंगीन बनाना न केवल संभव है, बल्कि यह बेहद आसान भी हो गया है।

ChatGPT के नए फीचर्स के जरिए सिर्फ कुछ सेकंड में दशकों पुरानी तस्वीरों को वास्तविक रंगों में बदला जा सकता है। इस तकनीक के जरिए लाखों यूजर्स अपने परिवार की पुरानी यादों को नया रूप दे रहे हैं। यह फीचर खासतौर से उन लोगों के लिए खास है, जिनके पास बचपन, शादी या पारिवारिक समारोहों की ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीरें हैं।

कैसे करें फोटो को रंगीन?

  1. ChatGPT वेबसाइट या ऐप खोलें और सुनिश्चित करें कि आप GPT-4o वर्जन का उपयोग कर रहे हैं।
  2. फोटो अपलोड करें: प्लस (+) आइकन पर टैप करके अपनी पुरानी तस्वीर जोड़ें।
  3. प्रॉम्प्ट दें: उदाहरण के लिए, “Please convert this black and white image into a naturally colored one.”
  4. रंगीन फोटो का इंतजार करें: कुछ ही पलों में ChatGPT आपकी तस्वीर को रंगों से भर देगा।
  5. फोटो डाउनलोड करें और अपने डिवाइस में सहेजें।

यह फीचर तकनीक प्रेमियों और परिवारिक यादों को संजोने वालों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है।

Ghibli ट्रेंड ने मचाई धूम

ChatGPT का एक और वायरल फीचर है – Ghibli स्टाइल इमेज जनरेशन। यह फीचर जापान के मशहूर Studio Ghibli की स्टाइल में फोटो को एनीमेशन रूप में बदल देता है। इस ट्रेंड में आम लोगों से लेकर सेलिब्रिटीज तक शामिल हो चुके हैं। इतना ट्रैफिक बढ़ गया कि OpenAI के CEO सैम ऑल्टमैन को खुद लोगों से धैर्य रखने की अपील करनी पड़ी।

यदि आप भी अपने किसी पुराने फोटो को कलराइज करना या उसे Ghibli स्टाइल में देखना चाहते हैं, तो अब ये सब कुछ ChatGPT के जरिए बेहद सरल हो चुका है।


The post पुराने ब्लैक एंड व्हाइट फोटो को रंगीन बनाना अब बेहद आसान, ChatGPT ने बदली तस्वीरों की दुनिया appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
दो संस्कृतियों की मिसाल: मुस्लिम युवती ने हिंदू रीति-रिवाज से की शादी, परिजनों ने दिया आशीर्वाद https://vishwavarta.com/muslim-yuvti-ne-hindu-riti-rivaj-se-ki-shadi/118763 Tue, 22 Apr 2025 07:24:37 +0000 https://vishwavarta.com/?p=118763 धौरहरा, खीरी।लखीमपुर खीरी में आपसी सौहार्द और सामाजिक एकता की एक मिसाल पेश करते हुए, मुस्लिम युवती ने हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर नई परंपरा गढ़ दी। यह अनूठा विवाह खमरिया थाना क्षेत्र की निजहत और पैकापुर गांव के हिमांशु भार्गव के बीच संपन्न हुआ। दोनों ने पहले कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया पूरी की और …

The post दो संस्कृतियों की मिसाल: मुस्लिम युवती ने हिंदू रीति-रिवाज से की शादी, परिजनों ने दिया आशीर्वाद appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
धौरहरा, खीरी।
लखीमपुर खीरी में आपसी सौहार्द और सामाजिक एकता की एक मिसाल पेश करते हुए, मुस्लिम युवती ने हिंदू रीति-रिवाज से शादी कर नई परंपरा गढ़ दी। यह अनूठा विवाह खमरिया थाना क्षेत्र की निजहत और पैकापुर गांव के हिमांशु भार्गव के बीच संपन्न हुआ।

दोनों ने पहले कोर्ट मैरिज की प्रक्रिया पूरी की और इसके बाद फॉरेस्ट कॉलोनी स्थित मंदिर में हिंदू परंपराओं के मुताबिक सात फेरे लिए। विवाह के मौके पर आचार्य ने विधि-विधान के साथ सभी रस्में कराईं। इस दौरान मुस्लिम युवती ने अपना नाम बदलकर सोनम रख लिया। दुल्हन ने सुर्ख लाल जोड़ा पहना और सुहाग की चूड़ियां भी सजीधजी पहनकर शादी में शामिल हुईं।

शादी समारोह में दोनों परिवारों के सभी सदस्य मौजूद रहे। परिजनों ने नवविवाहित जोड़े को आशीर्वाद देकर उनके सुखद वैवाहिक जीवन की कामना की। विवाह के पश्चात दुल्हन सोनम को उनके ससुराल पैकापुर गांव ले जाया गया, जहां परिवार ने नई बहू का पारंपरिक तरीके से स्वागत किया।

इस शादी ने यह साबित कर दिया कि प्रेम और आपसी समझदारी से हर सामाजिक दीवार को पार किया जा सकता है। ऐसे उदाहरण समाज में सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारे को मजबूत बनाते हैं।


The post दो संस्कृतियों की मिसाल: मुस्लिम युवती ने हिंदू रीति-रिवाज से की शादी, परिजनों ने दिया आशीर्वाद appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
डेड इंटरनेट थ्योरी: क्या इंटरनेट पर बोट्स और प्रोपेगंडा ने असली चर्चाओं की जगह ले ली है? https://vishwavarta.com/dead-internet-theory-bots-propaganda-online-discourse/118709 Mon, 21 Apr 2025 09:16:13 +0000 https://vishwavarta.com/?p=118709 डेड इंटरनेट थ्योरी: क्या हमारा इंटरनेट अब बोट्स और प्रोपेगंडा का खेल बन चुका है? लखनऊ। इंटरनेट की दुनिया पहले जैसी नहीं रही। ‘डेड इंटरनेट थ्योरी’ के मुताबिक, अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर ज़्यादातर चर्चाएँ असली यूजर्स द्वारा नहीं बल्कि बोट्स, एआई जनरेटेड कंटेंट और प्रोपेगंडा नेटवर्क द्वारा संचालित की जा रही हैं। इस थ्योरी का …

The post डेड इंटरनेट थ्योरी: क्या इंटरनेट पर बोट्स और प्रोपेगंडा ने असली चर्चाओं की जगह ले ली है? appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
डेड इंटरनेट थ्योरी: क्या हमारा इंटरनेट अब बोट्स और प्रोपेगंडा का खेल बन चुका है?

लखनऊ। इंटरनेट की दुनिया पहले जैसी नहीं रही। ‘डेड इंटरनेट थ्योरी’ के मुताबिक, अब ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर ज़्यादातर चर्चाएँ असली यूजर्स द्वारा नहीं बल्कि बोट्स, एआई जनरेटेड कंटेंट और प्रोपेगंडा नेटवर्क द्वारा संचालित की जा रही हैं।

इस थ्योरी का दावा है कि साल 2016-2017 के बाद से इंटरनेट पर असली और नकली कंटेंट के बीच की सीमाएं धुंधली हो गई हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक-तिहाई से ज़्यादा इंटरैक्शन अब ऑटोमेटेड बोट्स या पेड वर्कर्स द्वारा किए जा रहे हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, इंटरनेट पर अब एक “डिजिटल युद्ध” चल रहा है। कई देश और कॉर्पोरेट संस्थाएं इन बोट्स के ज़रिए विचारधारा फैलाने, झूठी खबरों को वायरल करने और लोगों के व्यवहार को प्रभावित करने का काम कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर नकली यूजर्स का राज!

साइबर सिक्योरिटी रिपोर्ट्स के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, एक्स (पूर्व में ट्विटर), इंस्टाग्राम और टेलीग्राम पर लाखों फर्जी प्रोफाइल सक्रिय हैं। ये प्रोफाइल असली लोगों जैसे ही दिखते हैं — प्रोफाइल फोटो, बायो और यहां तक कि पोस्टिंग पैटर्न भी असली लगते हैं। लेकिन इनके पीछे इंसान नहीं बल्कि कोई ऑटोमेटेड स्क्रिप्ट या ट्रोल फार्म का कर्मचारी होता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि ये बोट्स केवल राजनीतिक प्रोपेगंडा तक ही सीमित नहीं हैं। ब्रांड प्रमोशन, फेक ट्रेंड्स, और यहां तक कि युद्ध और चुनावों की खबरों को भी ये बोट्स प्रभावित कर रहे हैं।

असली से नकली तक का सफर

एक समय था जब इंटरनेट असली अनुभवों और सच्चे इंसानी संवादों का प्लेटफॉर्म हुआ करता था। लेकिन आज के एल्गोरिदम ट्रेंड्स को इस आधार पर तय करते हैं कि कौन सा कंटेंट ज़्यादा रिएक्शन पैदा कर रहा है, न कि कौन सी खबर सच्ची या भरोसेमंद है।

रिपोर्ट्स बताती हैं कि इन बोट्स का मकसद बहस छेड़ना नहीं बल्कि उसे उलझाना है। जब असली यूजर्स किसी मुद्दे पर बहस करते हैं, बोट्स उस बहस में घुसपैठ करके चर्चा का रुख मोड़ देते हैं।

सच्चाई की खोज मुश्किल

सोशल मीडिया कंपनियों पर आरोप लगते रहे हैं कि वे इन फेक अकाउंट्स और नकली ट्रेंड्स के खिलाफ पर्याप्त कदम नहीं उठा रही हैं। दरअसल, इन प्लेटफॉर्म्स की कमाई का बड़ा हिस्सा ‘एंगेजमेंट’ यानी यूजर्स की सक्रियता से आता है, चाहे वो असली हो या नकली।

क्या है समाधान?

विशेषज्ञों की सलाह है कि सोशल मीडिया पर किसी भी पोस्ट को लाइक या शेयर करने से पहले उसकी सच्चाई जांचें। किसी पोस्ट से अगर अचानक गुस्सा या कोई तीव्र भावनात्मक प्रतिक्रिया हो रही है, तो यह संकेत हो सकता है कि वो कंटेंट किसी बोट या प्रोपेगंडा नेटवर्क द्वारा तैयार किया गया है।

The post डेड इंटरनेट थ्योरी: क्या इंटरनेट पर बोट्स और प्रोपेगंडा ने असली चर्चाओं की जगह ले ली है? appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
एक पुलिसकर्मी का दर्द — एक कहानी, एक सच्चाई https://vishwavarta.com/ek-puliskarmi-ka-dard/118707 Mon, 21 Apr 2025 07:52:41 +0000 https://vishwavarta.com/?p=118707 ऐसी कोई चौखट नहीं बनी जहाँ वर्दीधारी अपना दर्द रख सके।ना कोई ऐसा कंधा जहाँ वो अपने आँसू टिका सके। आप सोचिए —अगर एक मच्छर आपको काट ले तो आप रात भर बेचैनी में करवटें बदलते हैं।यहाँ एक पुलिसकर्मी 24 से 48 घंटे तक, बिना नींद, बिना आराम, बस ड्यूटी पर खड़ा रहता है। क्या …

The post एक पुलिसकर्मी का दर्द — एक कहानी, एक सच्चाई appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
ऐसी कोई चौखट नहीं बनी जहाँ वर्दीधारी अपना दर्द रख सके।
ना कोई ऐसा कंधा जहाँ वो अपने आँसू टिका सके।

आप सोचिए —
अगर एक मच्छर आपको काट ले तो आप रात भर बेचैनी में करवटें बदलते हैं।
यहाँ एक पुलिसकर्मी 24 से 48 घंटे तक, बिना नींद, बिना आराम, बस ड्यूटी पर खड़ा रहता है।

क्या आपने कभी किसी पुलिसकर्मी की आँखों में झाँक कर देखा है?

वो आँखें बहुत कुछ कहती हैं।

थकान से लथपथ, सूनी-सूनी आँखें…
ना शिकायत, ना उम्मीद।

यह तस्वीर उसी दर्द की गवाही देती है —
बांह पर बैठे मच्छर उसका खून चूसते हैं,
फिर भी वो मुस्कराता है।

क्या इसके जिस्म में जान नहीं?

क्या ये लोहे का बना है?

नहीं, साहब।
ये भी एक इंसान है।
मगर इसे इंसान समझने वाला कोई नहीं।

सिस्टम ने, समाज ने, मच्छरों ने और कभी-कभी हम सभी ने —
इसका खून पी लिया है।

कड़वा सच यही है —
इसके जिस्म में खून से ज़्यादा “कर्तव्य” बहता है।

हर मौसम में सड़क पर खड़ा ये सिपाही —

आपकी सुरक्षा के लिए अपनी नींद, भूख और यहाँ तक कि अपने जज़्बात तक कुर्बान कर देता है।

फिर भी बदले में —
मिलती है दुत्कार, शिकायतें और झूठे आरोप।

क्या आपने कभी उसे धन्यवाद कहा?
क्या किसी ने उसकी पीठ थपथपाई?

शायद नहीं…
लेकिन फिर भी वो अगली सुबह आपकी सुरक्षा में तैनात मिलेगा।

क्योंकि ये वर्दी पहनने वाला इंसान नहीं,

एक “निस्वार्थ कर्मयोगी” है।

उसके भी सपने हैं,
एक माँ है जो दरवाजे पर खड़ी राह देखती है।
एक पत्नी है जो हर फोन कॉल पर सिहर जाती है।
एक बच्चा है जो रात को सवाल करता है —
“पापा कब आएंगे?”

लेकिन किसी को फर्क नहीं पड़ता।

वर्दी पहन लेने के बाद दुनिया भूल जाती है कि उसके पीछे एक दिल भी धड़कता है।

वो रोता भी है,
थकता भी है,
चुपचाप अपने आंसू निगलता भी है।

क्योंकि उसे सिखाया गया है —
“वर्दीवाले रोते नहीं हैं।”

लेकिन सच ये है —
उसकी आँखों में भी एक समुंदर होता है,
जो हर रोज़ भीतर ही भीतर बहता है।

और एक दिन वो थक कर इतना चुप हो जाता है,
कि उसका दिल भी धड़कना छोड़ देता है।

समाचार में बस एक लाइन बनती है —
“एक और पुलिसकर्मी ड्यूटी के दौरान शहीद हो गया।”

बस।
इतनी सी पहचान, इतने बड़े जीवन की।

अगली बार किसी पुलिसवाले को देखें,

तो एक बार उसकी आँखों में झाँक कर देखिए।
शायद वहाँ कोई आंसू मिल जाए,
जो रोना चाहता है…
मगर रो नहीं सकता।

क्योंकि वो इंसान है,
जो इंसान कहलाने से भी वंचित है।

✍ लेखक — अभिषेक कुमार, पत्रकार | लखनऊ, मलीहाबाद

The post एक पुलिसकर्मी का दर्द — एक कहानी, एक सच्चाई appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
महिलाओं ने शिलाजीत खाना शुरू किया तो क्या होगा असर? नतीजे चौंका सकते हैं https://vishwavarta.com/shilajit-benefits-for-women/118670 Sun, 20 Apr 2025 09:52:27 +0000 https://vishwavarta.com/?p=118670 Introduction:शिलाजीत एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे पुरुषों के लिए अक्सर स्वास्थ्य लाभ से जोड़ा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिलाजीत महिलाओं के लिए भी बेहद फायदेमंद हो सकता है? शिलाजीत में पाए जाने वाले मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स महिलाओं के शरीर में कई सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। आज हम जानेंगे शिलाजीत …

The post महिलाओं ने शिलाजीत खाना शुरू किया तो क्या होगा असर? नतीजे चौंका सकते हैं appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
Introduction:
शिलाजीत एक प्राचीन आयुर्वेदिक औषधि है, जिसे पुरुषों के लिए अक्सर स्वास्थ्य लाभ से जोड़ा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिलाजीत महिलाओं के लिए भी बेहद फायदेमंद हो सकता है? शिलाजीत में पाए जाने वाले मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स महिलाओं के शरीर में कई सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। आज हम जानेंगे शिलाजीत के सेवन से महिलाओं के शरीर में होने वाले सात बड़े बदलाव के बारे में और इसके साइड इफेक्ट्स के बारे में।

1. एनर्जी बूस्टर:
जो महिलाएं लगातार थकान महसूस करती हैं और दिनभर के कामों से जूझती हैं, उनके लिए शिलाजीत एक शक्तिशाली एनर्जी बूस्टर हो सकता है। यह शरीर में पावर और स्टेमिना बढ़ाता है, जिससे कार्यक्षमता में सुधार होता है।

2. बेली फैट घटाना:
शिलाजीत मेटाबोलिज्म को बढ़ाकर बेली फैट को घटाने में मदद करता है। यह वेट लॉस प्रक्रिया को तेज करता है, खासकर उन महिलाओं के लिए जो नियमित व्यायाम नहीं कर पातीं।

3. ग्लोइंग स्किन:
शिलाजीत में पाए जाने वाले मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा को टॉक्सिन्स से मुक्त करते हैं और स्किन के रिंकल्स, फाइन लाइंस को कम करते हैं। यह स्किन की इलास्टिसिटी बढ़ाता है और नेचुरल ग्लो को बढ़ावा देता है।

4. बैड कोलेस्ट्रॉल कम करना:
शिलाजीत में मौजूद फुलविक एसिड बैड कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है और हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाता है। यह ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से लड़ने में मदद करता है।

5. हड्डियों की मजबूती:
शिलाजीत हड्डियों को मजबूत बनाता है, विशेषकर उन महिलाओं के लिए जो ऑस्टियोपोरोसिस जैसी हड्डी से जुड़ी समस्याओं का सामना करती हैं।

6. आयरन की कमी दूर करता है:
महिलाओं में पीरियड्स के दौरान आयरन की कमी आम होती है, लेकिन शिलाजीत इस कमी को पूरा करता है और कमजोरी और थकावट को कम करता है।

7. ब्रेन हेल्थ को बढ़ावा:
शिलाजीत में मौजूद न्यूट्रिएंट्स और एंटीऑक्सीडेंट्स ब्रेन हेल्थ को प्रोटेक्ट करते हैं और बढ़ती उम्र के साथ मानसिक स्पष्टता को बनाए रखने में मदद करते हैं।

साइड इफेक्ट्स:
हालांकि शिलाजीत के फायदे बहुत हैं, लेकिन इसका सेवन करते समय कुछ साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।

  • हार्मोनल इंबैलेंस
  • मासिक धर्म की अनियमितता
  • एलर्जिक रिएक्शन
  • हैवी मेटल कंटामिनेशन

Conclusion:
महिलाओं को शिलाजीत का सेवन कम मात्रा में और पूरी सावधानी से करना चाहिए। यदि आप सही मात्रा में इसका सेवन करती हैं तो यह आपके स्वास्थ्य में कई सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

The post महिलाओं ने शिलाजीत खाना शुरू किया तो क्या होगा असर? नतीजे चौंका सकते हैं appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
प्रेमानंद जी महाराज: भक्ति, त्याग और प्रेम से परिपूर्ण एक आध्यात्मिक जीवन https://vishwavarta.com/premanand-ji-maharaj-ek-divya-bhakti-jeevan-ki-prerak-katha/118664 Sun, 20 Apr 2025 08:15:29 +0000 https://vishwavarta.com/?p=118664 प्रारंभिक जीवन जन्म – संत श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज का सांसारिक नाम अनिरुद्ध कुमार पाण्डेय था। आपका जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद के समीपवर्ती ग्राम ‘अखरी’ में 30 मार्च 1969 को हुआ। परिवारिक पृष्ठभूमि एक सरल, भक्तिमय और ब्राह्मण कुल में जन्मे महाराज जी के परिवार में शुरू से ही सत्संग, …

The post प्रेमानंद जी महाराज: भक्ति, त्याग और प्रेम से परिपूर्ण एक आध्यात्मिक जीवन appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>
प्रारंभिक जीवन

जन्म – संत श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज का सांसारिक नाम अनिरुद्ध कुमार पाण्डेय था। आपका जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद के समीपवर्ती ग्राम ‘अखरी’ में 30 मार्च 1969 को हुआ।

परिवारिक पृष्ठभूमि


एक सरल, भक्तिमय और ब्राह्मण कुल में जन्मे महाराज जी के परिवार में शुरू से ही सत्संग, संकीर्तन और भगवत प्रेम की सुगंध व्याप्त थी। आपके दादाजी स्वयं एक तपस्वी और वैराग्यशील सन्यासी थे। आपके माता-पिता — श्री शम्भु पाण्डेय एवं माता श्रीमती रमा देवी — सच्चे अर्थों में भगवान के प्रेम में लीन, सन्तों का आदर करने वाले और धर्मपरायण व्यक्तित्व थे। यही सात्त्विक और भक्ति-संपन्न वातावरण बचपन से ही आपके अंतर्मन को प्रभु प्रेम से सिंचित करता रहा।

शैक्षणिक जीवन
आपकी प्रारंभिक शिक्षा ग्राम्य पाठशाला में सम्पन्न हुई। किन्तु यह लौकिक शिक्षा उस समय तक ही सीमित रही, जब तक आत्मा में भगवत साक्षात्कार की तीव्र प्यास ने प्रबल रूप से जागरण नहीं कर लिया। मात्र 13 वर्ष की अल्पायु में आपने सांसारिक मोह-माया का त्याग कर, अनंत परब्रह्म के साक्षात सान्निध्य की राह पर अपने चरण बढ़ा दिए।


आध्यात्मिक जागरण एवं सन्यास

एक किशोर वय बालक, जिसने बचपन में ही भक्ति की राह पकड़ ली — यही पहचान बनी प्रेमानंद जी महाराज की। मात्र 13 वर्ष की उम्र में संसार के सारे बंधन त्याग कर आपने सन्यास ग्रहण कर लिया। इस पवित्र दीक्षा के पश्चात आपको ‘आनंदस्वरूप ब्रह्मचारी’ नाम प्राप्त हुआ। आगे चलकर ‘स्वामी आनंदाश्रम’ के नाम से विख्यात हुए।

आपके जीवन के प्रारंभिक वैराग्य काल का अधिकांश समय काशी (वाराणसी) के पावन गंगा तट पर अटल समाधि में व्यतीत हुआ। आपने आजीवन ब्रह्मचर्य, तप, जप और कठिन आत्मसंयम का मार्ग अपनाया। अन्न, वस्त्र, आश्रय सब कुछ प्रभु कृपा पर ही समर्पित कर आपने ‘आकाशवृत्ति’ के आदर्श को अपने जीवन में उतारा।


आध्यात्मिक रूपांतरण

वाराणसी की पावन गंगा किनारे तपस्या करते हुए जब आपकी आत्मा और गहन जिज्ञासा सघन होती गई, तभी एक दिव्य संत ने आपको वृन्दावन में होने वाली ‘रासलीला’ में सम्मिलित होने का सन्देश दिया।

यह क्षण आपके जीवन का वह दिव्य मोड़ था, जब आत्मा ने अपने शाश्वत ध्येय को पहचान लिया। वृन्दावन की रज में प्रवेश करते ही जैसे हृदय में श्रीराधा-कृष्ण प्रेम का अखंड स्रोत प्रवाहित हो गया।

वहीं, वृंदावन में आपको श्रीहित राधावल्लभ सम्प्रदाय में ‘शरणागति मंत्र’ की दीक्षा प्राप्त हुई। दीक्षा के उपरांत शीघ्र ही आपका साक्षात्कार हुआ आपके सद्गुरुदेव — परमपूज्य श्री हित गौरांगी शरण जी महाराज (बड़े गुरुजी) से। उनके चरणों में आपको ‘निज मंत्र’ की प्राप्ति हुई और आप ‘सहचारी भाव’ तथा ‘नित्य विहार रास’ की अद्वितीय अनुभूति में प्रविष्ट हुए। इस दीक्षा ने आपके संपूर्ण आध्यात्मिक जीवन की दिशा निश्चित कर दी।


गुरु-शिष्य परंपरा में सुदृढ़ स्थापना

प्रेमानंद जी महाराज का आध्यात्मिक जीवन अपने सद्गुरु श्री हित गौरांगी शरण जी महाराज के सान्निध्य में नव जीवन को प्राप्त हुआ। गुरु कृपा से आपने केवल साधना ही नहीं, बल्कि राधा-कृष्ण की रसिक परंपरा का भी गहन ज्ञान प्राप्त किया।

आपको गुरुजी से न केवल मन्त्र दीक्षा मिली, बल्कि एक ऐसा आध्यात्मिक आलंबन प्राप्त हुआ, जिसने आपके हृदय में प्रेम, करुणा, विनम्रता और अनंत श्रद्धा का बीज सदा-सर्वदा के लिए रोपित कर दिया। यह गुरु-शिष्य सम्बन्ध आध्यात्मिकता का ऐसा उदाहरण बन गया, जो युगों तक भक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा।


उपदेश और जीवन-दर्शन

प्रेमानंद जी महाराज के उपदेशों का केंद्र है — “शुद्ध हृदय से भक्ति ही ईश्वर प्राप्ति का सरलतम और श्रेष्ठतम मार्ग है।”

आपका सम्पूर्ण जीवन श्री राधा-कृष्ण के प्रेम में डूबा हुआ है। महाराज जी का यह मानना है कि संसारिक बंधनों, इच्छाओं और मोह का परित्याग कर सच्चे मन से यदि कोई भक्त केवल ‘राधे राधे’ का जाप करे, तो उसके जीवन में परम शांति और आनंद का उदय निश्चित है।

आपने श्रीमद्भागवत महापुराण, श्रीमद्भगवद्गीता, तथा अन्य वैदिक ग्रंथों के सार को अत्यंत सरल भाषा में जन-जन तक पहुँचाया। आप केवल हिन्दू धर्म ही नहीं, बल्कि समस्त धर्मों के सच्चे सिद्धांतों के प्रति सम्मान और श्रद्धा का भाव रखते हैं।


संस्थापन और समाजसेवा

महाराज जी ने 2016 में वृंदावन में “श्री हित राधा केलि कुंज ट्रस्ट” की स्थापना की। यह संस्था आज न केवल भक्ति साधना का केंद्र है, बल्कि सेवा भाव का भी एक अनुपम उदाहरण है।

ट्रस्ट के अंतर्गत भूखे यात्रियों के लिए भोजन, रहने की व्यवस्था, वस्त्र, औषधि तथा अन्य आवश्यक सुविधाएँ नि:स्वार्थ रूप से उपलब्ध कराई जाती हैं। यह आश्रम उन सभी के लिए खुला है, जो राधा-कृष्ण भक्ति के रस में सराबोर होना चाहते हैं।


प्रभाव और अनुयायिता

प्रेमानंद जी महाराज का व्यक्तित्व अत्यंत मधुर, विनम्र और आत्मिक शांति से ओतप्रोत है। उनके सान्निध्य मात्र से मन शांत और हृदय में प्रभु प्रेम का संचार होता है।

आपके अनुयायी केवल भारत ही नहीं, विदेशों में भी हैं। राजनीतिक, फिल्मी जगत, खेल जगत से लेकर सामान्य जन तक — हर वर्ग के लोग आपके चरणों में शरणागत होकर आध्यात्मिक सुख की अनुभूति प्राप्त करते हैं।

आपके सत्संगों में उमड़ने वाली अपार श्रद्धालु भीड़ इस बात का प्रमाण है कि राधा-कृष्ण प्रेम आज भी हृदयों को जोड़ने वाला सर्वोत्तम सूत्र है।


जनसंपर्क और प्रचार

आज के डिजिटल युग में महाराज जी की शिक्षाएँ केवल वृंदावन तक सीमित नहीं रहीं। ‘भजन मार्ग’ जैसे यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से आपकी वाणी, कथा और भक्ति गीत करोड़ों लोगों के जीवन में अलौकिक शांति और प्रेम भर रहे हैं।

आपके द्वारा प्रकट किये गए भक्ति भाव और जीवन रहस्य, सरल शब्दों में हर आयु वर्ग के लिए ग्राह्य बन चुके हैं। यही कारण है कि आज आप विश्व भर में आध्यात्मिक मार्गदर्शक के रूप में सम्मानित हैं।


उपसंहार

संत श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण जी महाराज का जीवन प्रेम, तप, त्याग, भक्ति और करुणा का साकार स्वरूप है।

आपके द्वारा प्रवाहित की जा रही राधा-कृष्ण भक्ति की यह अविरल धारा, इस कलियुग में भी मनुष्य जीवन को आत्मिक रूप से उन्नत करने का सरल और दिव्य मार्ग प्रदान करती है।

जिनके हृदय में प्रभु प्रेम का दीपक प्रज्वलित करना हो, उन्हें केवल एक बार प्रेमानंद जी महाराज के श्रीमुख से निकली वाणी सुननी चाहिए — क्योंकि उस अमृत वाणी में सच्चा आत्मिक शांति और भगवत साक्षात्कार का मार्ग साक्षात प्रकट हो उठता है।

प्रेमानंद जी महाराज के जीवन से प्रेरक प्रसंग

जब भी सत्संग की बात आती है, प्रेमानंद जी महाराज का स्मरण स्वाभाविक रूप से भक्तों के हृदय में उमड़ पड़ता है। उनके जीवन के प्रसंग ऐसे हैं, जो न केवल मन को शांति प्रदान करते हैं, बल्कि आत्मा को भी परमात्मा से जोड़ने की प्रेरणा देते हैं। उनके हृदय में बसे ईश्वर-प्रेम, भजन-भक्ति और गुरु भक्ति की मधुर महक हर उस व्यक्ति तक पहुँचती है, जो उनके जीवन का कोई प्रसंग सुनता है।

एक बार की बात है — महाराज जी किसी गाँव में सत्संग कर रहे थे। सत्संग समाप्त होते ही एक वृद्ध महिला, जिसकी आँखों में वर्षों का दर्द छिपा था, काँपते कदमों से महाराज जी के चरणों में जा गिरी। उसने करुण स्वर में कहा —
“महाराज! जीवन भर सुख की तलाश की, पर आज तक चैन नहीं मिला। क्या मेरे भाग्य में कभी शांति लिखी है?”

महाराज जी ने बड़े स्नेहपूर्ण स्वर में उत्तर दिया —
“माँ! शांति तो हर किसी के हृदय में सदा से है, बस हम उसे बाहर ढूँढते-ढूँढते थक जाते हैं। तू बस प्रभु के नाम का स्मरण कर, देखना तेरा हृदय स्वयं ही शांति से भर जाएगा।”

उस वृद्धा के नेत्रों से अश्रुधारा बह निकली, जैसे वर्षों का बोझ किसी ने पल में हल्का कर दिया हो। उसी क्षण उसने प्रभु नाम का जप प्रारंभ कर दिया, और कुछ ही दिनों में उसके चेहरे पर ऐसी अलौकिक शांति छा गई, जिसे देखकर गाँव वाले भी चकित रह गए।

महाराज जी के जीवन का हर एक प्रसंग यही सिखाता है —
“भक्ति ही जीवन का सार है। जहाँ भक्ति है, वहीं सच्चा सुख है, वहीं प्रभु की कृपा है।”

उनके भजनों में जो माधुर्य है, वह केवल कानों को ही नहीं भाता, बल्कि आत्मा की गहराइयों तक उतरकर चित्त को शांति और प्रेम से सराबोर कर देता है। उनकी वाणी में छुपे अमृत वचन भक्तों को सांसारिक मोह-माया से परे ले जाकर, प्रभु के चरणों में स्थिर कर देते हैं।

प्रेमानंद जी महाराज का जीवन स्वयं एक जीवित गीता है — जहाँ हर प्रसंग भक्त को नई दिशा, नया प्रकाश और प्रभु-प्रेम की अनुभूति कराता है।

The post प्रेमानंद जी महाराज: भक्ति, त्याग और प्रेम से परिपूर्ण एक आध्यात्मिक जीवन appeared first on Vishwavarta | Hindi News Paper & E-Paper.

]]>